झारखण्ड राज्य के पूर्वीसिंघभुम जिले के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मनरेगा योजना के तहत गरीब महिलाओं को रोजगार देने के लिए सरकार ने जो योजनाएं चला रही है, उसमे काफी अनियमितता देखीं जा रही है।पोटका प्रखंड के हान्थिबंधा पंचायत में मनरेगा के काम तो हो रहे है परन्तु श्रमिकों के लिए जो जॉब कार्ड बनवाये गए है ,वह संपन्न परिवारो के सदस्यों के बनाये गए है।इस योजना में बिचौलियाँ के माध्यम से हाजरी बनते है, अत : इस तरह से सरकारी लाभों व मनरेगा योजना की लूट हो रही है। मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को और महिलाओ को जो सुविधाएं प्रदान करने की बात की जाती है, वह नाम मात्र की है । इसके अंतर्गत किसी भी कर्मियों को कोई सुविधा नहीं दी जाती है। इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने की आवश्यकता है,ताकि यह योजना सही दिशा पर चल सके। गांव में ग्रामसभा की बैठक भी नहीं होती है जिसके कारण लोगो को मनरेगा और अन्य योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है।

पोटका प्रखंड पूर्वी सिंघभूम से चक्रधर भगत ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि पोटका प्रखंड क्षेत्र के आस -पास आज "अन्नदान " पर्व मनाया जा रहा है।इस पर्व में,किसान बजुर्ग अपने हल को विश्राम देने के उद्देश्य से पेड़ पर टाँग दिया जाता है और खेत में हल जोताई का कार्य सम्पन्न हो जाने की ख़ुशी में ,पीठा ,मिठाई इत्यादि पकवान बना कर सभी लोग आनंद से खाते हैं।मुख्य रूप से बचे हुए खेती के कामों को जोश के साथ किया जाये,इस के लिए ये पर्व मनाया जाता है।साथ ही पुरे प्रखंड में आज मीट ,मछली ,खस्सी मुर्गी की खरीददारी से अच्छी आमदनी हुई है।लोगों के बीच हर्षोउल्लास देखा जा रहा है तथा सम्पूर्ण वातावरण में नाच ,गाना और मिलने -जुलने का सिलसिला जारी है।

पूर्वी सिंघभूम पोटका प्रखंड से चक्रधर जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार के तरफ से चल रही प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम में ,सरकार ने बहुत सी सुविधाएँ दी है।परन्तु इतने प्रयासों के बावजूद शिक्षा का ज्योत धूमिल है। प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर को ऊपर उठाने के लिए इस क्षेत्र में बहुत सुधार करने की आवश्यकता है।प्राथमिक शिक्षा की हालत खराब होने के पीछे मुख्य कारण है शिक्षक और शिक्षिकाओं में पढ़ाने एवं ज्ञान बाँटने की ललक में कमी होना।सरकार ने प्राथमिक शिक्षा चुस्त दुरुस्त करने के उद्देश्य से हर पंचायत में शिक्षा -समिति बनाई है ,परन्तु वो भी कागजों तक ही सिमट कर रह गई है।वास्तव में धरातल पर यह समिति कोई काम नहीं कर रही है । उनका कहना है कि सरकार वाकई में अगर शिक्षा का स्तर सुधारना चाहती है तो शिक्षकों के कंधों से अतिरिक्त दायित्व का बोझ हटा देना चाहिए और शिक्षक, शिक्षिकाओं को सिर्फ बच्चों को पढ़ाने का भार ही सौपना चाहिए।साथ ही विशेष निगरानी टीम बना कर शिक्षकों पर नज़र रखनी चाहिए,जिससे पता चले कि वो अपने कर्तव्यों को ठीक से निभा रहे हैं या नही। तभी शिक्षा के क्षेत्र में कुछ सुधार संभव है।

जिला पूर्वीसिंघभुम,पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए चुनाव किया जा रहा है और जिसमे काफी लापरवाही देखा जा रहा है। वे कहते हैं कि जिन गरीबो की पहले से के झोपड़ी उनका अभी भी झोपड़ी ही है।गौर करने वाली बात तो यह हैं कि जो उच्च व मध्यम वर्ग के लोग हैं,वे अपने पुराने घरों को गिराकर इंदिरा आवास योजना के तहत सूंदर ढंग से घर बना रहे हैं ।जितने भी जनप्रतिनिधि है चाहे वो जिला परिषद् हो या मुखिया, चाहे वो पंचायत समिति हो या फिर गांव के प्रधान वे सभी मिलकर गरीबो को उनके आवास योजना से वंचित कर रहे है। मुख्य्मंत्री जी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।यहाँ सारे सरकारी प्रतिनिधि गरीबो को लूटने के लिए है लेकिन गरीब अपने मन को मार के जीने को वेवश हैं। इसके लिए समाज को जागना होगा और अपने हक़ को प्राप्त करने के लिए लड़ना पड़ेगा।

पूर्वी सिंघभूम जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत हाथीबिन्दा पंचायत से चक्रधर महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि जल ही जीवन है और जल के बिना जीवन अधूरी है। सरकार की जलापूर्ति योजना हाथी के दांत खाने के और व दिखाने के और साबित हो रही है। उनके हाथीबिन्दा पंचायत पानी सप्लाई आरंभ कर दिया गया था लेकिन अभी पानी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस भीषण गर्मी में महिलाये-बच्चे कई किलोमीटर दूर जाकर पानी ढोकर ला रही है। इस पंचायत के पंचायत सेवक एवं अधिकारी कोई काम नहीं करते है, साथ ही सरकार द्वारा ढोभा निर्माण भी नहीं कराया जा रहा है और जहाँ ढोभा निर्माण कराया गया है वहां पर एक बून्द भी पानी नहीं है। सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

पूर्वी सिंघभूम जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत हाथीबिन्दा पंचायत से चक्रधर भगत जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया है कि पोटका प्रखंड अंतर्गत राशन दुकान में भारी गड़बड़ी की जा रही है।उन्होंने बताया कि कोई भी लाभूक अगर एक माह का राशन किसी कारणवश नहीं ले पाता है, तो उस महीने का राशन अगले महीने देने में डीलर द्वारा आना-कानी की जाती है।उन्होंने यह भी बताया कि राशन डीलर द्वारा मनमानी किया जाता है। राशन दुकान कभी भी सही समय पर नहीं खुल पाता है।वे कहते हैं कि अब बरसात का समय आने वाला है और वर्षा के कारण ज्यादातर समय बिजली नहीं रहती है,जिससे चरों तरफ सिर्फ अँधेरा रहता है । ऐसे में किरोसिन तेल रहने से लोगों की परेशानी काम होगी। अत: वे मोबाइल वाणी के माध्यम से सरकार से अनुरोध करते हैं कि वे इस समस्या पर जल्द से जल्द ध्यान दे एवं सभी लोगो को प्रत्येक महीना राशन मिले।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

जिला पूर्वी सिंघभूम के पोटका प्रखंड से चक्रधर भगत मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि जागरूकता एवं शिक्षा के अभाव के कारन लघु ऋण उधोग में गड़बड़ी होती है।और लोगों में शिक्षा के अभाव होने का ही लाभ बिचौलिया उठाते है।बिचौलिया जो पढ़े लिखे होते है वे बैंक मैनेजर एवं कर्मियों के साथ मिलकर कर निर्णय लेते हैं कि ऋण किसे कैसे देना है। वे तय करते हैं कि कितना का ऋण देने पर कितना कमीशन कटेंगें जैसे 50 हजार में 10 हजार तथा 1 लाख में 20 हजार इस तरह लघु ऋण में कमीशन बाटते है। इस तरह से जो कमीशन देते हैं उनका ऋण जल्द से जल्द पास करवाते है और सही कोशिश करने वाले युवा भी ऋण लिए लाइन में खड़े ही रह जाते हैं।

Transcript Unavailable.