झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो के जरीडीह प्रखंड से शिवनारायण महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जरीडीह प्रखंड के अंतर्गत जैना मोड़ से सूरज मोड़ होते हुए आशा विहार को जाने वाली सड़क पर गोपीनाथ पुर और कटका के बीच स्थित गरगा नदी पर पुल निर्माण का कार्य चल रहा है। जहाँ कोई वैकल्पिक पथ नहीं होने के कारण राहगीरों को आवागमन करने में परेशानी होती है।गोपीनाथ पुर से गरगा नदी पार करने वाले पुराने रास्ते की मिट्टी बारिश के कारण धस जाती है, जिस कारण आये दिन आने-जाने वाली वाहने फस जाती है। इस विषय पर ग्रामीणों का कहना है कि ठकेदार ने कोई वैकल्पिक पथ बनाये बिना ही पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यदि वैकल्पिक पथ के तौर पर यहाँ तत्काल के लिए मोरम बिछा दिया जाए, तो राहगीरों को आवागमन में सहूलियत होगी क्योंकि इसी रास्ते से प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीणों को आवश्यक कार्य हेतु जैना मोड़ या प्रखंड मुख्यालय आना जाना पड़ता है। जब तक गरगा नदी पर पुल निर्माण नहीं हो जाता तब तक के लिए ग्रामीणों ने जर्जर पथ की मरम्मत कराने की मांग की है।

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झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के जरीडीह प्रखंड से शिव नारायण महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जरीडीह प्रखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम भवाटांड़ के ग्रामीणों ने पानी की समस्या को लेकर शिकायत की थी ,जिसे बोकारो मोबाइल वाणी में संवाददाता द्वारा प्रसारित किया गया था। ख़बर प्रसारण के तुरंत बाद इसे विभागीय अधिकारियों,विधायकों,मुखिया व वार्ड सदस्यों को फॉरवर्ड किया गया। पानी को लेकर ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए अधिकारियों द्वारा 21 सितम्बर को भवाटांड़ स्थित कंगाल मोड़ के समीप का ख़राब पड़ा चापाकल व नीचेटोला बजरंगबली मंदिर के समीप का चापाकल की मरम्मती करवा दिया गया। चापाकलों की मरम्मती होने से ग्रामीणों ने मोबाइल वाणी का अपना आभार व्यक्त किया हैं।

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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड से शिव नारायण महतो और उनके साथ एक छात्र है जिसका नाम रोहित कुमार महतो है वे मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि इनके विधालय में शौचालय तो है लेकिन केवल लड़कियों के लिए है

झारखंड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड से शिव नारायण महतो और उनके साथ एक छात्र है जिसका नाम बलराम कुमार महतो है वे मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि स्कूल में स्वास्थ्य सम्बंधित सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए स्कूल का शौचालय स्वछ होना चाहिए तथापढ़ाई के साथ खेल कूद का कार्यक्रम विद्यार्थियों को स्वस्थ जीवन प्रदान करेगा।

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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह प्रखंड के गायछंदा पंचायत से सुरेंद्र नाथ महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सिरोटोला में पानी का संकट उत्पन्न हो गई है। वहीँ नीचे टोला में चापाकल है जिससे लोगों को कुछ हद तक पानी मिल पा रहा है।इसके अलावा पंचायत में कई चापाकल ऐसे हैं , जो कुछ दिनों से ख़राब पड़े हुए हैं । जिसकी मरम्मत करवाने पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। इससे आम जनता को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत के बगल में ही एक तालाब है जिसमें कुछ हद तक पानी है , जहाँ पर स्थानीय लोग नहाने और कपड़े धोने का काम करते हैं लेकिन इस तालाब को जिसने डाक में लिया है वे मछली पकड़ने जाते हैं और पुरे पानी को गन्दा कर देते हैं।यदि ग्रामीण इसे रोकने के लिए आगे आते हैं तो उन्हें डाट-फटकार कर भगा दिया जाता है। इस तरह से मजबूरन ग्राम वासियों को उस गन्दे पानी में ही स्नान करना और कपड़े धोने का काम करना पड़ता है।अत : स्थानीय जनप्रतिनिधियों से वे अपील करते हैं कि ख़राब पड़े चापाकल को मरम्मत किया जाये ताकि लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल सके।

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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के जरीडीह पंचायत से शिव नारायण महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि जरीडीह प्रखंड अंतर्गत सुखरी पंचायत के कई गांव में पानी की घोर किल्ल्त हो गई है। इसके साथ ही बहादुरवीर पासगोडा व आसपास के लोग खेत में बने कुआँ के पानी से किसी तरह काम चला रहे हैं। पंचायत के बहादुरवीर नव प्राथमिक विद्यालय में लगा चापाकल चालु हालत में तो है लेकिन एक घण्टे तक चलाने पर केवल दो-चार बाल्टी ही पानी मिल पाता है। विद्यालय में चल रहे मध्यान भोजन योजना के तहत जब बच्चों को भोजन दिया जाता है। लेकिन जब बच्चे भोजन कर बर्तन धोने चापाकल के पास जाते हैं तो उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है। बहादुरवीर एक आदिवासी क्षेत्र है जहाँ पचास घरों के लगभग दो सौ की आबादी है। इनके बीच पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। इस विषय पर ग्रामीणों का कहना है कि पानी की कमी के कारण ना ही लड़कियों की शादी के लिए कोई रिस्ता आता है और ना ही मेहमानों का आना-जाना होता है। कुछ महिलाओं का कहना है कि पानी की समस्या को लेकर कई बार मुखिया से की गई लेकिन अब तक कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण गाँव में पानी की घोर किल्लत हो गई है