बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से शिव कुमारी देवी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से महिला संपत्ति अधिकार विषय पर प्रिंस कुमार से साक्षात्कार लिया।प्रिंस कुमार ने बताया कि महिलाओं को संपत्ति में अधिकार मिलने से वह आत्मनिर्भर बनेंगी। वह अपने संपत्ति का खुद मालिक बन जाएँगी और अपने हिसाब से फैसला कर पाएंगी। बुरे समय में संपत्ति बेच कर वह अपने परिवार का ख्याल रख सकती हैं
सहयोगिणी संस्था के द्वारा महिला हिंसा के ख़िलाफ़ एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न।
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बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती हैं कि महिलाओं को सुरक्षा देना जरूरी है। आज महिला पुरषों से बहुत आगे निकल गई हैं। लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनको शिक्षित करना बहुत जरूरी है। आज महिलाएं सभी जगह काम कर रही हैं और आत्मनिर्भर बन गई है।
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आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"
आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"
आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"
आपदा राहत के दौरान भी महिलाओं की स्थिति चुनौतीपूर्ण रहती है। राहत शिविरों में कई बार अकेली महिलाओं, विधवाओं या महिला-प्रधान परिवारों की जरूरतें प्राथमिकता में नहीं आतीं। तब तक आप हमें बताइए कि , *--- जब किसी महिला के नाम पर घर या खेत होता है, तो परिवार या समाज में उसे देखने का नज़रिया किस तरह से बदलता है? *--- आपके हिसाब से एक गरीब परिवार, जिसके पास ज़मीन तो है पर कागज नहीं, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सबसे पहले क्या कदम उठाना चाहिए?"? *--- "सिर्फ 'रहने के लिए छत होना' और उस छत का 'कानूनी मालिक होना'—इन दोनों स्थितियों में आप एक महिला की सुरक्षा और आत्मविश्वास में क्या अंतर देखते हैं?"
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