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सिवान: मैरवा में बाइक चोर चोरी करने का ट्रेड बदल लिया है। इसी कड़ी में मैरवा में ऑटो चालक बनकर बाइक चोरी की घटना को अंजाम देने का मामला प्रकाश में आया है। सेवतापुर के सुनील यादव ने शुक्रवार की रात गांव से ही ऑटो चलाते हुए एक बाइक चोर को पकडकर पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने चोर का ऑटो भी जप्त कर लिया है। गिरफ्तार चोर बिलासपुर गांव के सुमित कुशवाहा बताया जाता है। वही बाइक चोरी की घटना की वारदात एक निजी अस्पताल के कैमरे में कैद है। तो चोरी की बाइक के नम्बर प्लेट बदलते हुए फ़ोटो लिया गया है। पीड़ित ने वीडियो और फ़ोटो के साथ थाना में आवेदन भी दिया है। पीड़ित सुनील यादव ने बताया की मेरा दो बाइक और तथा चार स्मार्ट फोन की चोरी हुई है। जिसमे एक बाइक 29 फरवरी को इमलौली में शादी समारोह से और दूसरा बाइक नगर के प्राण गढ़ी के एक निजी अस्पताल से 29 जून को चोरी हुई थी। इस मामले में अज्ञात के खिलाफ स्थानीय थाना में मुकदमा दर्ज कराया गया था। कुछ महीनों बाद मेरा बाइक का नम्बर प्लेट बदलते हुए चोर का फोटो मिलने के बाद उसकी तलाश करना शुरू कर दिये। शुक्रवार की रात मैरवा स्टेशन से ऑटो से सवारी लेकर सेवतापुर जा रहे बाइक चोर को पीड़ित ने मैरवा धाम पर देख कर पीछा करते हुए सेवतापुर पहुंचा। जहां ऑटो रुकते ही चालक को पकड़कर लिया। पूछताछ के बाद उसने पुलिस के हवाले कर दिया। पीड़ित ने पुलिस प्रसाशन से गिरफ्तार चोर के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाई करते हुए चोरी हुई बाइक तथा मोबाइल फोन की बरामदगी करने का गुहार लगाया है। इस संबंध में प्रभारी थानाध्यक्ष भरत साह ने बताया कि गिरफ्तार चोर से पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली से प्रेम कुमार ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पुलिस द्वारा किया गया एनकाउंटर में निश्चित ही सवाल उठता है। पुलिस द्वारा घर से बुला कर ले जाना फिर एनकाउंटर करना ,यह रवैया गलत है। यह सत्ता पक्ष को खुश करने के लिए किया गया है। अधिकतर कार्यवाही धर्म जाति देख कर ही किया जाता है। किसी अपराधी को छोड़ दिया गया और एक का एनकाउंटर हुआ है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए ,निष्पक्ष रूप से कार्यवाही होना चाहिए। यह कार्यवाही के कारण पुलिस के ऊपर सवाल खड़े होते है। पुलिस अधिकतर समय बदले की भावना से एनकाउंटर करती है और सत्ता पक्ष को खुश रखने के लिए करती है पुलिस का काम है मुजरिम को पकड़कर न्यायलय के कटघड़े में खड़ा करना है। पुलिस तंत्र सही हो जाएगा तो घटनाएँ भी कम मात्रा में होगी। उत्तरप्रदेश में हुआ एनकाउंटर फ़र्ज़ी है।
महाराष्ट्र राज्य के जिला नागपुर से आदर्श , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि अपराधियों को मीडिया ही दबाती है। अपराधियों का मामला राज्य सरकार और मीडिया दबाता है। मीडिया सरकार के अंतर्गत कार्य करता है। हकीकत में मीडिया सरकार को बचाने का काम करती है। अगर अपराध को लेकर कोई व्यक्ति सरकार पर सवाल उठाता है तो मीडिया इस बात को तुरंत दबा देता है। पुलिस को मशीनो की तरह काम करने के लिए कहा जाता है।
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सिवान जिला के दरौली थाना पुलिस शराबबंदी को सफल बनाने में सख्त है। इस क्रम में पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर शराब के साथ एक शराब माफिया को पकड़ा है। जिसके पास से पुलिस ने एक कार्टन विदेशी शराब भी बरामद किया है। गिरफ्तार तस्कर दरौली थाना क्षेत्र के सरहरवा गांव निवासी रामप्रवेश यादव का पुत्र राकेश यादव है। जिस पर शराब तस्करी के साथ ही बाइक छिनैती समेत अन्य मामले दरौली थाना में दर्ज हैं। मिली जानकारी के अनुसार राकेश यादव बंटी बबली विदेशी शराब की सप्लाई करने की फिराक में था। तभी पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर पीछा कर उसे दबोच लिया। जांच में उसके पास से एक कार्टून विदेशी शराब बरामद किया। वहीं पुलिस ने शराब तस्कर को गिरफ्तार कर थाने लाई और पूछताछ कर रही है। आपको बता दे की शराब माफिया राकेश पर पूर्व में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंदगाँव से वीरेंदर गंदर्व ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि एनकाउंटर के ज़रिये कई माओवादी ,आतंकवादी व अन्य अपराधी मारे जाते है। जो लोग बबरतता पूर्वक दुष्कर्म करते है ,वे लोगों का एनकाउंटर क्यों नहीं किया जाता है। इस कारण किसी पीड़ित का न्याय नहीं हो पाता है। इसमें पुलिस प्रशासन की खामियां व कोई राज़ नज़र आती है। पुलिस केवल शाबाशी बटोरने के लिए एनकाउंटर का कार्य किया जाता है। पहले के समय में न्याय का तरीका अच्छा था जिस कारण अपराधियों में दहशत रहती थी। उसी तरह ऐसा न्याय मिलना चाहिए जिससे अपराधियों में डर रहे और कोई भी गलत काम करने से पहले एक बार सोचे
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छत्तीसगढ़ राज्य के राजनंद गाँव वीरेंदर , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि जिस तरह से पुलिस काम करती है, वह जाति और धर्म के बीच भेदभाव करती है, इसलिए न्याय नहीं मिलता है। समाज में कई घटनाएं घटित होती है लेकिन अपराधियों को सजा नहीं मिलता है। पुलिस सिर्फ जांच करती है , लेकिन अपराधियों को पकड़ नहीं पाती है। जो हत्या करता उनको सजा क्यों नहीं मिलती है।
राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में