अवैध नर्सिंग होम के डॉ के खिलाफ की कार्यवाही ,विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दुकान में डीजल और पेट्रोल का स्टॉक बना रहता है इसके सुरक्षित भंडारण और विक्रय के लिए बेहद सख्त गाइडलाइंस है इसके बाद भी या पेट्रोल और डीजल का अवैध धंधा करने वाले लोगों द्वारा दुकानों और घरों में बेहद सुरक्षित तरीके से किया जा रहा है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

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कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण से नाम प्रतिमा देवी है और मैं बहुआना गोपी सिंह से बात कर रहा हूँ । यह मई के महीने में दो हजार बीस में हुआ और यह दो हजार इकतीस नवंबर तक चला जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया और तब से पटना में भी कई बार शिकायतें दर्ज की गईं । टेन के पास इसके लिए एक टोल - फ्री नंबर है और यहां तक कि उस पर सुधार करने के लिए जिले के ब्लॉक को संदेश भी भेजा लेकिन उसे अभी तक समस्या का समाधान नहीं मिला है और इसका कारण शुद्ध है ।

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चम्पारण पूर्वी

पूर्वी चम्पारण वार्ड नंबर 4 में नल जल योजना लागू नहीं किया गया है

पूर्वी चम्पारण 4 नंबर वार्ड में नल जल योजना पर काम नहीं हुआ है

एडीआर संस्था ने अपनी एक और रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में राजनीतिक पार्टियों की कमाई और खर्च का उल्लेख है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां अपने विस्तार और सत्ता में बने रहने के लिए बड़े पैमाने पर खर्च करती हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे बड़े सत्ता धारी दल ने बीते वित्तीय वर्ष में बेहिसाब कमाई की और इसी तरह खर्च भी किया। इस रिपोर्ट में 6 पार्टियों की आय और व्यय के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई एम और बीएसपी और एनपीईपी शामिल हैं। दोस्तों, *---- आपको क्या लगता है, कि चुनाव लडने पर केवल राजनीतिक दलों की महत्ता कितनी जरूरी है, या फिर आम आदमी की भूमिका भी इसमें होनी चाहिए? *---- चुनाव आयोग द्वारा लगाई गई खर्च की सीमा के दायेंरें में राजनीतिक दलों को भी लाना चाहिए? *---- सक्रिय लोकतंत्र में आम जनता को केवल वोट देने तक ही क्यों महदूद रखा जाए?