इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

जहरीले पानी से प्रदूषित हो रही कन्हान नदी, ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा

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*नई आबादी क्षेत्र में नलों में आ रहा दूषित पानी* नगर के नई आबादी वार्ड क्रमांक 6 में 15 दिनों से नलों में दूषित दुर्गंध पानी आ रहा है जिसकी वजह से लोगों को उल्टी दस्त जैसी बीमारियां हो रही है नगर पालिका अधिकारी कर्मचारी ध्यान दें।

इसके बक्सा बरस एक और सवाल उठता है कि क्या सरकारी चाहती है कि वह लोगों का खान ने पीने और पहने सहित सामान्य जीवन के तो और तरीकों को भी तय करें या फिर इस व्यवस्था को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं आज हमारे साथ इसी विषय पर चर्चा करने के लिए सिविल सर्विसेज ट्यूटोरियल के संचालक एव एडॅ. मधुकर गायकवाड कर जुड़े हुए हैं जो कि मोबाइलवाणी पर इस विषय पर मोबाइलवाणी से जुडकर अपनी प्रतिक्रियासाझा की।

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सात गांव जहां मनते हैं बिना पटाखों की दिवाली

दिपावली के दियों से या धमाकों से? विषय पर विशेष बातचीत डॉ अनुप सिंह सर के साथ

दिपावली के दियों से या धमाकों से?विषय पर विशेष बातचीत गोपाल कोठे सर के साथ