इसके बक्सा बरस एक और सवाल उठता है कि क्या सरकारी चाहती है कि वह लोगों का खान ने पीने और पहने सहित सामान्य जीवन के तो और तरीकों को भी तय करें या फिर इस व्यवस्था को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किए जा रहे हैं आज हमारे साथ इसी विषय पर चर्चा करने के लिए सिविल सर्विसेज ट्यूटोरियल के संचालक एव एडॅ. मधुकर गायकवाड कर जुड़े हुए हैं जो कि मोबाइलवाणी पर इस विषय पर मोबाइलवाणी से जुडकर अपनी प्रतिक्रियासाझा की।