हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

बफर ज़ोन में वन विभाग के अधिकारी ने बताया है कि यह पेच राष्ट्रीय उद्यान में ब्लैक पैंथर देखा गया है । अफ्रीका और एशिया के चुनिंदा जंगलों में पाया जाने वाला काला तेंदुआ अब महाराष्ट्र के नेव गांव में पेच राष्ट्रीय उद्यान में दिखाई दिया है ।

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विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

सिल्लेवानी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सितापार पांगडी के पास सुर्याबुर्या क्षेत्र में गायमुख रोड पर तेंदुएं ने बकरी का शिकार किया। तेंदुआ वन विभाग के लिए मुसीबत बन गया है । बितें एक सप्ताह से सौंसर रेंज में मूवमेंट व शिकार के बाद कल मंगलवार की रात्रि में सिल्लेवानी रेंज में गायमुख रोड पर बकरी का शिकार किया है । सिल्लेवानी रेंज अधिकारी आर के श्रीवास से प्राप्त जानकारी के अनुसार तेंदुआ ने सितापार पांगडी क्षेत्र के गायमुख माता मंदिर मार्ग से लगे श्रावण पातुरकर के खेत में एक बकरी का शिकार किया है । किसान ने बताया की तेंदूए ने शिकार के एक और बकरी बकरी को घसीट कर ले गया है । लेकिन वन अमले को आसपास में शिकार की हूई बकरी नहीं मिली वन अमले ने दिनभर सितापार पांगडी और आसपास के क्षेत्र में सर्चिंग की और ग्रामीणों को पशुओं की सुरक्षा करने व स्वयं सुरक्षित रहने को कहा । इधर तेंदुआ पकड़ में नहीं आने से क्षेत्र में दहशत का वातावरण बना हुआ है।

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पिछले साल की तुलना में इस बार कम होगा तेंदू पत्ता का संग्रहण