बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता मनीष ने अरविंद से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि कोरोना काल में बालिकाओं की शिक्षा तो बहुत प्रभावित हुई है।लेकिन कोरोना काल के बाद स्कूल खुलने पर हमारी कोशिश है की बच्चियों की शिक्षा को बेहतर किया जाये।सरकार द्वारा कई योजनाएं चल रही हैं स्कूली बालिकाओं के लिए और हमारे स्कूल में बच्चों को सभी योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा है।
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बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण ज़िला से हमारे श्रोता की बातचीत चम्पारण मोबाइल वाणी के माध्यम से मोतिहारी निवासी भगवान सहनी से हुई। भगवान सहनी कहते है कि उनके ग्राम में शिक्षा को लेकर समस्या है। लोग लड़को को तो पढ़ाना चाहते है, परन्तु लड़कियों को नहीं। उनके ग्राम में बाल विवाह बहुत होते है। इसके लिए कमिटी मीटिंग कर के भ्रमण करना होगा साथ ही बच्चों पिता को समझना होगा।
नेहरू युवा केंद्र संगठन मोतिहारी के प्रधान में प्रतिनिधि प्रखंड में स्थित इंडिया फ्रीडम रन सुपर हीरो कार्यक्रम का हुआ आयोजन निकाली गई तिरंगा यात्रा
मोतिहारी जिले के पिपरा कोठी कृषि विज्ञान केंद्र के जल संरक्षण वैज्ञानिक डॉक्टर अंशु गंगवार नें जल संरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
मोतिहारी जिले के पिपरा कोठी कृषि विज्ञान केंद्र के वेटनरी डॉक्टर शैलेन्द्र कुमार ने पशुपालन के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारी दी।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण ज़िला के मोतिहारी प्रखंड से कृषि मौसम वैज्ञानिक नेहा पारीक ,चम्पारण मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि वर्तमान परिपेक्ष्य में बेटी की पढ़ाई समाज की भलाई कार्यक्रम बहुत ही आवश्यक है। बेटी की शिक्षा बहुत आवश्यक है। भारतीय समाज में बेटियों को पराया धन माना जाता है। ऐसे में बेटियों को आत्मनिर्भर बना कर दूसरे के घर भेजना चाहिए ताकि भविष्य में समस्या आने पर वो समाधान निकाल सके और आने वाली पीढ़ी को भी शिक्षित कर सके। नेहा पारीक के माता पिता भी शिक्षा के महत्व को समझे और इन्हे शिक्षित किया ,वो कई राज्यों में कार्य कर अभी बिहार में कार्यरत है। सभी की सोच बदले और बेटियों की शिक्षा पर ध्यान देंगे तो समाज में अच्छा परिवर्तन आना निश्चित है। हर क्षेत्र में लड़कियाँ अपना नाम कमा रही है। लड़कियों को शिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाना चाहिए। बेटा और बेटी एक सामान है ,जैसा बेटों की शिक्षा पर ध्यान दिया जाता है वैसे ही बेटियों की शिक्षा पर भी ध्यान दें
बिहार राज्य के चंपारण जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता जुल्फिकार ने हरिश्चंद्र पंडित से साक्षात्कार लिया जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि लड़कियाँ अगर शिक्षित होती है, तो वो अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर ढंग से कर पाती हैं।लड़कियाँ बहुत ही समझदार होती हैं।वे अपने किसी भी कार्य को बहुत ही जिम्मेदारी के साथ समय पर कर लेती हैं।लड़की और लड़का में कोई फर्क नहीं होता है।लड़कियों को पढ़ाना इसलिए जरुरी है, क्योंकि वह अपने परिवार को किसी भी हालात में सहयोग करती है।
बिहार राज्य के पूर्वी चम्पारण ज़िला के मोतिहारी के ग्राम वरदाहा से विद्या कुमार ,चम्पारण मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लड़कों को 21 साल और लड़की की 18 साल पर विवाह करनी चाहिए। कई लोग अपने बच्चों का बाल विवाह कर देते है। इससे उनकी पढ़ाई में रुकावट तो आती ही है साथ में आगे चल कर स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ भी होती है। जो बच्चे इनसे जन्म लेते है वो कुपोषित होते है ,जिससे कई तरह की समस्याएँ बढ़ती है।अतः बाल विवाह नहीं करनी चाहिए।
