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बिहार के जिला जमुई ,प्रखंड सिकंदरा,से अमित कुमार सविता जी ने मोबाइल वाणी पर चलाये जा रहे महिला उत्पीड़न और घरेलु हिंसा के कार्यक्रम के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथलेश्वर शर्मा जी से बातचीत की। इस बातचीत में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथलेश्वर शर्मा जी बताया कि पुरुषों की मानसिकता ही महिला उत्पीड़न का सबसे बड़ा कारण है।हम कभी भी महिलाओं को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं।यदि पुरुष खुले वातावरण में रहते हैं और महिला भी उसी खुले वातावरण में रहती है, तो महिलाओं पर पुरुषों के द्वारा कई तरह के इल्ज़ाम लगाए जाते हैं।इसलिए जब तक हमारे समाज में पुरुष ऐसी मानसिकता नहीं हटाएंगे तब तक महिला उत्पीड़न पूरी तरह से खत्म नहीं होगा । जब महिलाओं को पुरुषों बराबर का दर्जा मिल जायेगा ,तब जाकर ही महिला उत्पीड़न की समस्याएँ ख़त्म होंगी।महिलाओं के लिए स्थानीय प्रशाशन की ओर से सुरक्षा मुहैया कराने के साथ-साथ महिलाओं के साथ हर तरह के दुर्व्यवहार करने वाले लोगों पर कठोर सजा होनी चाहिए।साथ ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथलेश्वर शर्मा जी ने बताया कि इस मुद्दे पर प्रशाशन से ज्यादा सामाजिक चेतना जरुरी है।समाज को महिलाओं के प्रति नजरिया बदलने की जरुरत है।प्रशाशन हर जगह सुरक्षा उपलभ्ध नहीं करा सकता है।लेकिन यदि हर नागरिक महिलाओं के सुविधा व सुरक्षा के प्रति जागरूक रहे और महिलाओं के प्रति अपना मन साफ रखें , हैं तो निश्चित रूप से महिला उत्पीड़न और घरेलु हिंसा समाज से जरूर ख़त्म हो जाएगी और महिलाएँ , पुरुषों से कदम से कदम मिला कर चलेंगी।

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बिहार राज्य के जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड से अमित कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्य समिति के सदस्य मोहमद जावेद इकबाल जी से घरेलू उत्पीड़न के सम्बन्ध में बातचीत की।इस दौरान मोहमद जावेद इकबाल जी ने बताया कि महिला हिंसा का सबसे बड़ा कारण है परिवार और समाज में साक्षरता की कमी,जिस कारण महिलाओं के साथ हिंसा किया जाता है।उन्होंने यह भी बताया कि समाज में जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाना चाहिए,महिलाओं का एक समूह बना कर उन्हें घर-घर में चिन्हित किया जाना चाहिए,जो पीड़ित महिला है उसका साथ देना चाहिए साथ ही समाज और आस-पड़ोस के लोगों को महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को रोकने में सहयोग करना चाहिए।वहीं स्थानीय प्रसाशन का कोई सहयोग नहीं मिलने के कारण महिलाएँ अपनी बात को आगे नहीं उठा पाती हैं।इसके पीछे का भी मुख्य कारण शिक्षा की कमी है।

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रजनी कुमार सिंह,जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से सिकंदरा के स्थानीय विधायक सुधीर कुमार जी से घरेलु हिंसा पर साक्षात्कार लिए जिसमे उनका कहना है कि महिलाओ में घरेलु हिंसा का मुख्य कारण है महिलाओ में जागरूकता की कमी और उसमे अपेक्षा की भावना।महिलाये कम पढ़ी-लिखी होती है जिसकारण उसे अपने अधिकार के बारे में मालूम नहीं होता है और उसे पुरुष पर निर्भर रहना पड़ता है,यही कारण है कि उसे घरेलु हिंसा का शिकार होना पड़ता है।स्थानीय प्रसाशन द्वारा महिला हिंसा को से पीड़ितो के लिए महिला थानेदार के द्वारा उनको सहयोग किया जाता है ताकि उनको सही और उचित न्याय मिल सके।इसके प्रति समाज में जागरूकता लाने के लिए महिलाओ को अपने आप को सबल और शक्ति स्वरूपा समझना होगा,अपने अधिकार को समझना होगा साथ ही शिक्षित होना होगा क्योकि जिस तरह महिलायो के अशिक्षित होने के कारण उनके साथ इस तरह की घटनाएं हो रही है। इसलिए इनका कहना है कि महिलाएं अपने बच्चियों को पढ़ाने के लिए उत्प्रेरित करे और बच्चियों को स्कूल भेजे तथा उन्हें शिक्षित करे.

दिलीप कुमार पांडेय,जिला जमुई से मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है की 18वर्ष की कम उम्र से पहले शादी नहीं करना चाहिए क्योकि लड़की का शरीर विकसित नहीं होता है जिससे अगर लड़की कम उम्र में माँ बन जाती है तो उससे बच्चा और माँ दोनों को खतरा रहता है,साथ ही लड़की को पढ़ने का मौका भी नहीं मिलता है.इसलिए लड़की की शादी 18वर्ष से बाद और लड़के की शादी 21वर्ष से पहले नहीं करना चाहिए क्योकि ऐसा करना कानूनन अपराध है।

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जिला जमुई से रजनी कुमार सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश जी का साक्षात्कार लिए जिसमे रजनी जी यह जानना चाहते हैं कि- महिलाओं के साथ हो रहे घरेलु हिंसा का प्रमुख कारण क्या है इस विषय पर विजय प्रकाश जी ने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले घरेलु हिंसा का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है यह सामान्य परिवार,निम्न स्तर के परिवारों में अधिक देखा जाता है।इसे रोकने के लिए समाज के लोगो में एकता लाना,लोगो को शिक्षित करना,जागरूकता अभियान चलाना,समाज किस तरह से ऊंचाई पर जाए और महिलाओं के साथ हो रहे शोषण के मामलों को खत्म करने के लिए सभी लोगों में एकजुटता लाने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करने की जरुरत है।माता-पिता अपने बच्चे को अच्छी परवरिष दे तभी घरेलु हिंसा में कमी हो सकती है। साथ ही स्थानिए प्रसाशन निरपक्ष हो कर किसी भी मामले को अच्छे से जांच करे एवं महिला को प्रताड़ित करने वाले को सजा दे।पुरुषो को कभी महिलाओं को हीन भावना से नहीं देखना चाहिए उन्हें भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। आज यह जरुरी है की महिलाओं को सम्मान के साथ आगे बढ़ने का मौका दे और उन्हें भी रोजगार के मार्ग में आगे बढ़ाए।