सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में सोमवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर सिविल सर्जन डॉक्टर कुमार महेंद्र प्रताप की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया

नमस्कार दोस्तों जैसा की आपको पता ही है कि हर साल दुनियाभर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। इस दिन का मकसद है लोगों को कैंसर बीमारी के प्रति जागरूक कर, इस बीमारी को मात देना है। हर साल कैंसर डे पर नई थीम जारी की जाती है। जिसका उद्देश्य हैं, कैंसर के लक्षण और बचाव के लिए लोगों को जानकारी देना। हर साल की तरह इस साल भी वर्ल्ड कैंसर डे की थीम "कैंसर केयर गैप को कम करें" है. हम जानते हैं कि हममें से हर एक में बदलाव लाने की क्षमता है, चाहे बड़ा हो या छोटा, साथ मिलकर हम कैंसर के वैश्विक प्रभाव को कम करने में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. इस 4 फरवरी को हम आपसे, चाहे आप कहीं भी हों, कैंसर मुक्त दुनिया बनाने में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान करते हैं. आशा करते है कि आप सब कैंसर दिवस पर सभी के साथ हौसला बढ़ाएंगे और कैंसर के खिलाफ हमारी लड़ाई को और भी मजबूत करेंगे।इसी उम्मीद के साथ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को विश्व कैंसर दिवस की शुभकामनाये।

राज्य स्तर पर रक्तदान व अन्य सामजिक क्षेत्रों में महती भूमिका का निर्वाह कर रही प्रबोध जन सेवा संस्थान ने अब ठिठुरते तन को मानवता की गर्माहट देने के लिए 'इंसानियत की दीवार' खड़ी कर संस्थान से जुड़े सहयोगियों ने समाज में नजीर पेश की है। विदित हो, विगत बुधवार को जिले के बटिया में अवस्थित बाबा झुमराज स्थान प्रांगण के सामुदायिक भवन में "इंसानियत की दीवार" मुहिम शुरू की गई, जहां समृद्ध वर्ग कपड़े दे सकेंगे और हर जरूरत मंद अपने जरूरत के मुताबिक कपड़े ले सकेंगे। संस्थान से जुड़े वरिष्ठ सहयोगी व सामाजिक कार्यकर्त्ता सुदर्शन सिंह, संस्थान सचिव सुमन सौरभ, बाबा झुमराज कमिटी के सचिव मोहन यादव, दहियारी पंचयात के पेक्स अध्यक्ष शुखदेव यादव ने सामूहिक रूप से फीता काटकर विधिवत उद्घाटन किया। वहीं, मुहिम को धार दे रहे युवाओं ने बताया कि पहले खेप में यहाँ तीन हजार से ज्यादा जैकेट, ब्लेजर, चादर, सिलीपर, शर्ट, पेंट, छोटे बच्चों का कपड़ा, शूट, साड़ी, जूता, सिलीपर इत्यादि विभिन्न प्रकार की सामग्री पहुंचा दी गई है। इस से पूर्व हम लोगों ने सिकंदरा प्रखंड के लछुआर ग्राम में भी कार्यक्रम आयोजित की थी जहाँ एक हजार से ज्यादा असहाय लोग लाभान्वित हुए थे पर इस क्षेत्र में असहाय जरुरतमंद की संख्या देखते हुए कपड़ों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है जिस से ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें साथ ही साथ हम लोग विशेष ख्याल यह रखते हैं कि किसी जरूरतमंद के आत्मसम्मान को ठेस न पहुंचे। इस प्रयास के सफल क्रियान्वयन में संस्थान के जमुई जिला सचिव विनोद कुमार, अनुराग सिंह, रौशन सिंह, शिवजीत सिंह, सौरभ मिश्रा, हरेराम सिंह, राजेश यादव, मिथुन कुमार सिंह आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्मेश्वर यादव, दिलीप कुमार पासवान, राजकुमार यादव, मुकेश कुमार, दिवाकर कुमार सिंह व अन्य सैकड़ों लोगों ने संस्थान द्वारा वर्षो से किए जा रहे कार्यों की सरहाना की व इंसानियत की दीवार जमुई के विभिन्न स्थानों पर लगाए जाने को लेकर संस्थान से जुड़े सहयोगियों से चर्चा की है।

Transcript Unavailable.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। इस बारे में श्रोताओं की क्या राय है, चलिए सुनते हैं. इस बारे में बचपन मनाओ... सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

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जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

दैनिक जागरण बिहार की मई 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नरपतगंज प्रखंड से सटे सुपौल जिला के छातापुर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को एमडीएम परोसने के क्रम में बच्चों के भोजन में मरी हुई छिपकली मिली, जिसके बाद बच्चों व गांव वालों में हड़कंप मच गया। लेकिन क्या ये हड़कंप हमारा अपने जन प्रतिनिधियों के सामने झलकता है ? जिस पन्ना ज़िले के स्कुल में 40 बच्चे बीमार हो गए , क्या वोट देते समय हम ये बात सोचते है? नहीं .. बिलकुल भी नहीं सोचते। क्योंकि हम एक वोट देने की मशीन में ढल चुके है। कुछ लोग इसे मेरी ही मूर्खता करार देंगे कि मध्यान भोजन के लिए हम नेताओ को दोष क्यों दें ? लेकिन सच ये है कि जब तक कोई घटना हमारे या हमारे अपनों के साथ नहीं घटती , तब तक हम राजनितिक पार्टियों की चाटुकारिता में लगे रहते है। लोग आपको ही बार बार समझायेंगे कि हमें इन सभी पचड़ों में नहीं पड़ना चाहिए। दोस्तों, अपने देश, समाज और बच्चों के भविष्य को बदलने के लिए किसी न किसी को शुरुआत करनी पड़ेगी और वह शुरुआत स्वयं से ही होगी, इसके बाद अन्य समाज के लोगों का साथ मिलता चला जाएगा। तब तक आप हमें बताइए कि * ------ आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है ? *------- आपने क्षेत्र या गाँव के सरकारी स्कूलों में बच्चों को कैसा पौष्टिक खाना मिलता है क्या ? आपके अनुसार बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन का क्या मतलब है ? *------ साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।