१. पहली बार सिर्फ 7 दिन के मुख्यमंत्री 3 मार्च से 19 मार्च तक बने। बहुमत नहीं होने के कारण उनको 7 दिन बाद ही 10 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा। २. दूसरी बार- 2005 में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ चुनाव लड़ा दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और अपना कार्यकाल पूरा किया। ३.तीसरी बार- 2010 के चुनाव में भी नीतीश कुमार पर भरोसा किया और उन्होंने तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार की बागडोर संभाली। 17 मई 2014 तक कार्य किया। लोकसभा चुनाव 2014 में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने के चलते नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और जेडीयू के जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री। ४. चौथी बार- कुछ मुद्दों पर गलतफहमी के बाद जीतनराम मांझी को इस्तीफा देना पड़ा और 22 फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वह 19 नवंबर 2015 तक अपने पद पर बने रहे। ५. पांचवीं बार- 2015 के चुनाव में बीजेपी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार की पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनी और बहुमत हासिल किया। चुनाव में जीत के बाद 20 नवंबर 2015 को नीतीश ने पांचवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन उन्होंने बीच में ही आरजेडी का साथ छोड़ दिया और 26 जुलाई 2017 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ६. छठवीं बार- आरजेडी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के साथ आ गए. इसके बाद उन्होंने 27 जुलाई 2017 की छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और कार्यकाल पूरा किया। ७. सातवीं बार -2020 के चुनाव में एनडीए को बहुमत मिली और नई सरकार के गठन से पहले नीतीश ने 13 नवंबर 2020 को राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। हालांकि वह नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहे। ८.आठवीं बार - अब आज की तारीख में 9 अगस्त 2022 को एनडीए गठबंधन से वे अलग हो गए हैं। संभवतः:महागठबंधन के साथ मिलकर पहले राज्यपाल को इस्तीफा देंगे फिर आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है

जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी जमुई राघवेंद्र कुमार दीपक ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2022 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति बिहार पटना से इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को ₹15000 प्रति की दर से प्रोत्साहन राशि सीएफएमएस के माध्यम से उनके खाते में अंतरित कराई जानी है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जमुई जिले के विभिन्न विद्यालयों से कुल 294 छात्राओं ने इंटरमीडिएट 2022 की परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की है। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक विधार्थी प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की संबंधित छात्राएं अपना अभिप्रमाणित इंटरमीडिएट का अंकपत्र, प्रवेश पत्र, पहचान पत्र की छाया प्रति, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर, आवासीय प्रमाण पत्र की स्व अभिप्रमाणित /विद्यालय के प्रधानाध्यापक या प्राचार्य से अभिप्रमाणित कराते हुए अपने विद्यालय या महाविद्यालय के माध्यम से 10 अगस्त 2022 तक समाहरणालय परिसर अवस्थित जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय में जमा करना सुनिश्चित करें ताकि उन्हें योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि इस आशय का पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी जमुई को प्रेषित कर दिया गया है।

बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गये. इसमें राजधानी पटना, भागलपुर,मुजफ्फरपुर दरभंगा, किशनगंज, समेत राज्य कई जिलों में शामिल हैं. राष्ट्रीय सिस्मोलॉजी केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.5 मापी गई है. विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर बाघ संरक्षणवादियों के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने ट्वीट में कहा: “अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो बाघ की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। आपको ये जानकर गर्व होगा कि भारत में 75,000 वर्ग किमी में फैले 52 बाघ अभयारण्य हैं। बाघ संरक्षण के सिलसिले में स्थानीय समुदायों को शामिल करने के लिए कई अभिनव उपाय किए जा रहे हैं।”

सिकन्दरा प्रखंड के पिरहिंडा में है नालंदा खुला विश्वविद्यालय अध्ययन केंद्र। ऑडियो पर क्लिक कर सुनें पूरी खबर को।

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देश में बिहार का 11% हो रहा है आम का उत्पादन यहां का मालदा चौसा प्रमुख है दरभंगा जिला में आम का सबसे बड़ा उत्पादन है

सीबीएसई के रिजल्ट में बिहार का अच्छा रिजल्ट हुआ है पिचले वर्ष से यह अच्छा हुआ है

बिहार राज्य के जमुई जिला से संवाददाता ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि केंद्र सरकार ने 75वें साल में टीकाकरण अमृत महोत्सव के नाम से शुरू किया है। केंद्र के सभी विभाग में निशुल्क टीकाकरण दिया जाएगा बुजुर्गो को भी टीकाकरण दिया जाएगा

गजही पंचायत के मोरियाडीह गांव के दर्जनों लोगों ने सात साल बीत जाने के बाबजूद सड़क निर्माण नहीं होने के विरूद्ध कच्ची सड़क पर एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही ग्रामीण नन्दलाल दास, सुनील कुमार दास, पंकज कुमार यादव, रामचंद्र दास, सहदेव दास, रीना देवी, प्रीति देवी, आशा देवी, जीतन दास, बहादुर दास, कैलाश दास, संतोष दास, मुरली दास, सुरेश दास, गुड्डू यादव, रोहित यादव, ब्रह्मदेव यादव, मुन्ना यादव, मु. मिस्टर, मु. इजराइल, मु. तस्लीम, मु. समशेर अली, मु. सद्दाम हुसैन, पप्पू रविदास, राजेंद्र दास, यशोदा देवी, लक्ष्मी देवी आदि ने जमुई जिलाधिकारी को आवेदन देकर सड़क निर्माण की मांग की है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।