जिला पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बिहार के विभिन्न शहरों के अलावे देश के कई नगरों से नागरिक लगातार अपना घर (जमुई जिला) लौट रहे हैं। उन्होंने समाचार प्रेषण तक 2547 नागरिकों के यहां पहुंचने की बात बताते हुए कहा कि इन सभी का थर्मल स्कैनिंग किये जाने के साथ पंजीकरण कर उन्हें सम्बंधित प्रखंड के क्वारन्टीन सेंटर में दाखिल कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि समाचार प्रेषण तक कुल 494 कोरोना सैम्पल जांच के लिए भेजा गया , जिसमें 453 सैम्पल का रिपोर्ट निगेटिव पाया गया है। उन्होंने पूर्व में 01रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि वर्त्तमान में 41 सैम्पल का प्रतिवेदन अप्राप्त है। उन्होंने आमजनों से लॉक डाउन के नियमों का अनुपालन किये जाने की अपील करते हुए कहा कि इस जिला को सम्बंधित महामारी से दूर रखने में आप यथोचित सहयोग करें। जिला पदाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों के आवासन के लिए जिला मुख्यालय के अलावे सभी प्रखंडों में आईसोलेशन और क्वारन्टीन सेंटर का गठन किया गया है। उन्होंने घर - घर सर्वे , चिकित्सा जांच , विदेश आये लोगों के कोरोना सैम्पल की जांच , तब्लीकि जमात से आये लोगों की कोरोना जांच , कम्यूनिटी किचन , सीमा आपदा कैम्प , वाहन कोषांग आदि महत्वपूर्ण विंदुओं की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम और इससे बचाव के लिए हर संभव प्रयास जारी है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक डाउन चार को किया आगाज

कोरेंटिंन सेंटर में रह रहे एक सख्स से सुनिये कि क्या व्यवस्था की गई है वहां पर,खाने पीने की क्या व्यवस्था है।विस्तार पूर्वक सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

औरंगाबाद: महाराष्ट्र में आज (शुक्रवार) सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया. 15 प्रवासी मजदूर एक ट्रेन की चपेट में आ गए. घटना मुंबई से 360 किलोमीटर दूर औरंगाबाद जिला स्थित करमाड की है. सभी मजदूर पटरी के सहारे जालना से भुसावल की ओर पैदल अपने घर (मध्य प्रदेश) लौट रहे थे. थकान की वजह से सभी मजदूर पटरी पर ही लेट गए. सुबह सवा पांच बजे एक ट्रेन वहां से गुजरी. मजदूरों को संभलने का भी मौका नहीं मिला और सभी ट्रेन की चपेट में आ गए. रेलवे के अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है. रेलवे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

देशभर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण लाखों लोग अपने घर लौट रहे हैं। दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग रोज श्रमिक स्पेशन ट्रेन से यहां पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को 20 ट्रेन से लगभग 20 हजार लोग बिहार के अलग-अलग जिलों में पहुंचेंगे। इसबीच नीतीश कुमार की सरकार प्रदेश में लौटे प्रवासी श्रमिकों को यही रोजगार देने की तैयारी में जुट गई है।  राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने बताया कि मनरेगा, जल-जीवन-हरियाली, नल-जल, सड़क निर्माण आदि कार्यों को शुरू कराया गया है। लॉकडाउन के दौरान अब तक 12 विभागों के तीन लाख 44 हजार योजनाएं शुरू की गई हैं, जिसके तहत एक करोड़ 34 लाख कार्य दिवस का सृजन किया गया है।  रोजगार सृजन के लिए सभी विभाग अग्रिम तैयारी रखें मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के प्रमुखों कहा है कि प्रवासी मजदूरों के स्किल सर्वे से प्राप्त प्रोफाइल के अनुसार रोजगार सृजन के लिए अग्रिम तैयारी कर लें। जिससे स्किल के अनुरूप उनसे काम लिया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब की जिम्मेदारी है कि बाहर से आ रहे हमारे श्रमिकों का प्रदेश में कोई दिक्कत ना हो। उन्हें यही रोजगार मिले। इसके लिए अभी ये ज्यादा तैयारी की जरूरत है।  किसी को ना हो कोई परेशानी :  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर में निर्धारित मानक प्रक्रिया के तहत पूरी व्यवस्था रखें, ताकि वहां पर रह रहे किसी भी व्यक्ति को कोई समस्या नहीं हो। साथ ही पंचायत स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर को भी सुविधाओं से लैस करें और उसे भी अपग्रेड कर प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर की तरह सुदृढ़ करें। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और अन्य आलाधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे उपायों की समीक्षा की और कई निर्देश दिए।

जमुई के अनुराग को राज्य स्वास्थ्य समिति का सदस्य नामित किया है

  बिहार राज्य के जमुई जिला से धीरज कुमार सिंह ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सयुक्त आह्वान पर  मंगलवार को राज्य व्यापी कार्यक्रम अंतर्गत भाकपा माले  द्वारा  प्रखंड के  पेंघी गांव में धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  धरना कार्यक्रम में लाॅक डाउन का पालन करते हुए सोशल डिस्पेंसिंग का पूरा ख्याल रखा गया ।कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा माले  जिला कमिटी सदस्य मोहम्मद हैदर ने किया। उन्होंने कहा भाकपा माले प्रवासी मजदूरों को घर पहुँचाने के एवज़ में मजदूरों से पैसा वसूलने के सरकार के आदेश की कङी निन्दा करती है। यह मानवता के खिलाफ है।  उन्होंने कहा पीएम फंड में करोड़ों अरबों रुपये जमा है। मगर सरकार मजदूरों के प्रति खर्च करना नहीं चाहती है। पूरा बोझ भुखमरी बेरोजगारी की मार झेल रहे मजदूरों पर डाला जा रहा है। अस्पताल में सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के बजाए केंद्र सरकार सेना के विमानों से अस्पताल आदि जगहों पर फूल बरसाने जैसे शो बाजी  कार्यक्रम कर  देश के धन का दुरूपयोग कर रही हैं। 6800 सौ करोड़ के दो विशेष विमान की खरीद घोर निन्दनीय है। इतना ही नहीं सरकार द्वारा एक और  पार्लियामेन्ट भवन बनवाने की भी योजना बनाई जा रही है।  उन्होंने कहा भाकपा माले की मुख्य मांगे सभी प्रवासी मजदूरों को बिना राशन कार्ड के मुफ्त में तीन महीने का राशन के साथ सभी मजदूरों को दस हजार रुपये गुजारा भत्ता दे। लाकडाउन के दौरान बीमारी और गरीबी की वजह से मृत  मजदूरों के परिवार को सरकार बीस लाख रुपया मुवावजा दे। मौके पर धरना कार्यक्रम में भाकपा माले के  मोहम्मद अनवर, मोहम्मद मेहन्दी अली, मोहम्मद कैय्युम,.