उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से अंकिता मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि दहेज़ देने के लिए पैसे जमा करने से बेहतर है पैसों का इस्तेमाल लड़कियों की शिक्षा पर करे।

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से स्मिरीति मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि डायरी सुन कर बहुत अच्छा लगता है और इससे लोगों को फायदा भी हो रहा है। साथ ही उन्होंने बताया कि दहेज़ प्रथा एक ऐसी महामारी है जिससे अधिक लोग ग्रषित है। ये कुप्रथा सदियों से हमारे समाज में चली आ रही है। दहेज़ के कारण ही कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों के प्रति भेदभाव तथा महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि होती है। इस कुप्रथा को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से स्मिरीति मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भारतीय समाज मेदहेज प्रथा प्रमुख समस्याओं में से एक है। हर माता पिता के द्वारा बेटी की शादी के समय उपहार बनाम दहेज़ दिए जाने की परम्परा रही है। ये परम्परा हमारे समाज में सदियों से चली आ रही है। लेकिन यह परम्परा अब कन्या पक्ष के लिए शोषण का रूप धारण कर चूका है। विवाह जैसे पवित्र रीति में जब लालच की भावना शामिल हो जाती है तो यह दहेज़ का रूप धारण कर लेती है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से स्मिरीति मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पहले लोगों की सोच कुछ और थी, लेकिन अब लोगों की सोंच में बदलाव आ रहा है। लोग समझ रहे है कि कन्या भी बहुत महत्वपूर्ण है। और हर स्तर पर लड़कियां अपनी कामयाबी का झंडा भी गाड़ रही हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कन्या भ्रूण हत्या मुख्य कारण दहेज़ है, बेटियों को समाजिक और आर्थिक बोझ माना जाता है। भारत विश्व का वह देश है जहाँ कन्या को भगवन का दर्जा दिया जाता है, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक भी मन जाता है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से स्मिरीति मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जब एक लड़की पैदा होती है तो समाज से उसे बहुत बचा कर रखना पड़ता है। और जब बेटी बड़ी हो जाती है तो उसे पढ़ाना लिखाना और शादी के लिए चिंतित होना पड़ता है। क्योकि आज के समाज में बिना दहेज़ के लड़की की शादी नहीं होती है। साथ ही उन्होंने बताया कि उनके अनुसार कन्या भ्रूण हत्या का यही मुख्य कारण है

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जिले में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गैरकानूनी लिंग जाँच करने वाले अस्पताल और डाक्टरों की जानकारी रखनी चाहिए,ताकि ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके। बेटियों को बचाना होगा और पढ़ाना है ।लड़कियों के जन्म दर का अनुपात लगातार कम होता जा रहा है, यह चिंता का विषय है। लड़कियाँ देश का भविष्य हैं, इसलिए कन्या भूण हत्या पाप है।माता-पिता बेटियों को बोझ मानते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि बेटियों के बिना वंश आगे नहीं बढ़ता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से स्मृति मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि राजीव की डायरी सुनकर बहुत अच्छा लगता है जिसमे भ्रूण हत्या , दहेज़ प्रथा और कई महिलाओं से जुड़ी कार्यक्रम होती है। इस तरह के कार्यक्रम सुनकर लोगों को बहुत कुछ सिखने को मिलता है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से स्मृति मिश्रा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि दहेज एक ऐसी सामाजिक बुराई हैं जो महिलाओं के खिलाफ अपराधों को जन्म देती है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गईं, जहां अधिकारियों को दो हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। यह दुल्हन के परिवार द्वारा दुल्हन के साथ दूल्हे के परिवार को नकद या वस्तु के रूप में दिया जाता है। दहेज एक सामाजिक बुराई है जो महिलाओं को अकल्पनीय यातना देती है। यह बुराई समाज के सभी वर्गों में प्रचलित है लेकिन जागरूकता और शिक्षा की कमी के कारण गरीब सबसे अधिक पीड़ित हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ तह सुनिश्चित करना है कि महिलाएं सभ्य कार्य और सामाजिक सुरक्षा में समान रूप से भाग ले सकें और लाभ उठा सकें ।आर्थिक रूप से सशक्त बनने के क्रम में महिलाओं के सामने कई चुनौतियां है। जैसे- पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम मजदूरी मिलना,ग्रामीण महिलाओं के लिए अनुकूल नौकरियों की कमी,समाज में महिलाओं के साथ होने वाली घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न,इत्यादि।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि 2022 में दहेज से होने वाली मौतों की सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई, जहाँ अधिकारियों के पास दो हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। भारत में इसे दहेज या वर दक्षिणा के रूप में भी जाना जाता है। इसे दुल्हन के परिवार द्वारा नकद या वस्तु के रूप में दुल्हन के साथ दूल्हे के परिवार को दिया जाता है। दहेज प्रथा एक सामाजिक बुराई है,जो महिला के प्रति अकल्पनीय यातना और अपराधों को जन्म देती है। ये बुराई समाज के सभी वर्गों में व्याप्त है,लेकिन जागरूकता और शिक्षा की कमी के कारण गरीब ही ज्यादा पीड़ित होते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।