नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों हम सभी 21 वीं सदी में जी रहे हैं और आज के इस चकाचौंध भरी दुनिया में सादगी के बजाय दिखावा, तुलनात्मकता और भेदभाव ज्यादा देखने को मिलती है। और यह भेदभाव लगभग सभी क्षेत्र में देखने को मिलती है , चाहे रूप रंग हो या रहन सहन, अब न चाहते हुए भी एक दूसरे से तुलना करने ही लगते है। पर दोस्तों यह भी सच है कि आज के समय में लोगों के ऐसे तुलनात्मक सोच और बातों को एक तरफ रख कर आगे बढ़ने की जरुरत है. वो कहते है न , कुछ तो लोग कहेंगे , लोगों का काम है कहना ! तो चलिए आज की कड़ी में जानते है कि हम सभी के लिए कितना जरुरी है खुद को और अपने आसपास के लोगो को उनके बास्तविक रूप में ही स्वीकार करना . और अगर ऐसा न हुआ तो हमारे मानसिक स्वस्थ्य पर उसका क्या प्रभाव पड़ सकता है। आखिरकार मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी।.....साथियों, अभी आपने सुना कि हम जिस रूप में हैं हमें खुद को और अपने आस पास के लोगों को अपने वास्तविक रूप में ही स्वीकार करना चाहिए। आप हमें बताएं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि आज के समय में अक्सर लोग दूसरों को निचा दिखाने की कोशिश करते हैं बिना इसकी परवाह किये की उनके मानसिक स्वास्थ्य पर इस बात का क्या असर पड़ेगा ? आपके अनुसार इस तरह के भेदभाव को हमारे सोच और समाज से कैसे मिटाया जा सकता है ? दोस्तों इस से जुड़ी आपके मन में अगर कोई सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करे. अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवाल का जवाब तलाशने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जीबदास साहू आम के फल नहीं आने का कारण और उसके उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पूरी जानकारी विस्तार से सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में।दोस्तों समस्त मानव जगत को कुदरत ने बनाई है। और यह कुदरत का करिश्मा ही है की दुनिया का हर इंसान किसी न किसी तरह से एक दूसरे से अलग है , चाहे वो शारीरिक तरीके से हो या मानसिक तरीके से। इन्ही में से कुछ लोग बेहद खास भी होते है, किसी न किसी हुनर से सराबोर। पर इसका मतलब यह नहीं होता है कि जिन में गगन चुम्बी प्रतिभा नहीं है वो बेकार है या किसी के लिए कोई मायने नहीं रखते है। लोग अपनी खुद की पहचान को ताख पर रख कर दूसरे का जीवन जीना चाहते है पर भूल जाते है की हम जिन्हें खास समझते है कई बार उनकी जीवन भी काफी चुनौतीपूर्ण होती है। तो चलिए , आज क कड़ी में बात करते है की क्यों हमें खुद को और अपने आसपास के लोगो को उनके बास्तविक रूप में ही स्वीकार करना चाहिए और अगर ऐसा न हुआ तो हमारे मानसिक स्वस्थ्य और उसका क्या प्रभाव पड़ता है। आखिरकार मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी।....... साथियों, ऐसा देखने को मिलता है कि आज के पढ़े लिखे और सभ्य समाज में भी शारीरिक और मानसिक रूप से असामान्य लोगों को अलग दृष्टि से देखा जाता है आखिर इस तरह के लोगों के व्यवहार के पीछे क्या कारण हैं ? आपको को क्या लगता है ऐसा क्यों होता है कि समाज में एक सामान्य व्यक्ति अपने से अलग लोगों को स्वीकार नहीं कर पाता ? आपके अनुसार समाज में फैले इस तरह की भेदभाव की भावना को कैसे दूर किया जा सकता है ? दोस्तों, आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई भी सवाल है तो जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवाल का जवाब ढूंढ कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
बुढ़मू : पुलिस एनकाउंटर में मारा गया अपराधी अमन साव का आरंभिक जीवन पतरातू में बिता. अमन साव के पिता निरंजन साव पतरातू में दुकान करते थे। इंटर तक पढ़े अमन की शिक्षा पतरातू से ही हुई अमन के दादाजी हरिदास साव मतवे में खेती-बाड़ी करते थे। मंगलवार 12 बजे परिजनों ने बताया कि अमन के मारे जाने की सूचना सोशल मीडिया से मिली है। सूचना मिलने के बाद से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।
बुढ़मू : थाना परिसर बुढ़मू में होली पर्व को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित कि गयी। बैठक की अध्यक्षता बुढ़मू अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने किया।बैठक में होली पर्व शांति सौहार्द पूर्ण वातावरण में मानाने को लेकर चर्चा की गई, और विचार विमर्श किया। साथ ही शांति सौहार्द पूर्ण वातावरण में होली पर्व मनाने का निर्णय लिया गया। बैठक में होली पर्व से संबंधित जानकारी और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए।
बुढ़मू प्रखंड क्षेत्र के नाऊज में नवनिर्मित हनुमान मंदिर के तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा मंदिर परिसर से निकलकर नगर भ्रमण करते हुए उत्तरवाहिनी भूर नदी से जल ग्रहण करते हुए पुनः मंदिर प्रांगण में पहुंचाया।वैदिक मंत्रोच्चारणों के बीच कलश यात्रा निकलते ही पूरा क्षेत्र राममय हो गया। सरना सनातन के अद्भुत उदाहरण के बीच शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ में रात्रि में जगराता ,सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा व मंगलवार को हवन,पूर्णाहुति व भंडारे का आयोजन किया गया है। कलश यात्रा में 351 महिलाओं समेत भारी संख्या में भक्तगण शामिल हुए।
मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों, आज के समय में सभी के लिए पैसों का होना बहुत ही आवश्यक है। बहुत से लोगों की सोच होती है कि पैसे के बिना कुछ नहीं हो सकता है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि अगर कोई चाहे तो कम पैसों में भी अपना गुजारा कर सकता है और अपने जीवन में खुश रह सकता है। पर यह कैसे संभव है ? तो चलिए आज की कड़ी में इसी विषय पर बात करते हैं और जानते हैं कि आखिर कम पैसों में भी खुश कैसे रहा जा सकता है। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना. तो आइये सुनते हैं कम पैसों में खुश और स्वस्थ्य रहने के राज और इसके फायदों के बारे में।....... साथियों अभी हमने सुना की हमारे लिए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना क्यों महत्वपूर्ण है ? अभी हमने सुना कि अगर कोई इंसान चाहे तो कम पैसों में भी जीवन में खुश रह सकता है। अब अगली कड़ी में जानेंगे कि दूसरों से अलग होते हुए भी एक व्यक्ति खुद को अपने वास्तविक रूप को स्वीकार करके और हंसी - ख़ुशी से कैसे अपना जीवन बिता सकता है ? लेकिन उससे पहले आप हमें बताएं कि आज के इस दिखावे और चकाचौंध से भरी दुनिया में एक इंसान कम पैसों में खुद को कैसे खुश और स्वस्थ रख सकता है ? क्या आपने ऐसा अनुभव कभी अपने जीवन में किया है कि आपके पास इतने पैसे नहीं हो जितनी की आपको जरूरत हो और फिर भी आपने चीजों को अच्छे से मैनेज किया हो अगर हाँ तो कैसे? अपना अनुभव हमारे साथ साझा करें।साथियों अकसर हमें यह सुनने को मिल जाता है कि जितना है उतना में खुश रहना सिखो लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है यार फिर यह सिर्फ एक कहावत ही बनकर रह जाता है ? आपके अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में पैसा होना या न होना उसके मन मस्तिष्क को किस हद तक प्रभावित कर सकता है ? दोस्तों, अगर आज के विषय से जुड़े आपके मन में कोई सवाल है तो हमें जरूर बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। हम कोशिश करेंगे उनका जवाब ढूंढ के लाने की। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
कल्याण विभाग की ओर से प्रखंड मुख्यालय बुढ़मू परिसर में प्रखंड के स्कूली छात्रों के बीच साईकिल वितरण किया गया। साईकिल का वितरण कांके विधान सभा क्षेत्र के विधायक प्रतिनिधि गोपाल तिवारी सहित कई लोगों ने किया। इस दौरान 94 साईकिल बुढ़मू और मुरूपीरी के छात्रों बीच वितरण किया। यह कार्यक्रम बुढ़मू प्रखंड के 14 पंचायतों के लिए कुल 937 साईकिल वितरण करने के लक्ष्य का हिस्सा है, जिसमें से 2 पंचायत के तीन स्कूल के छात्रों को साईकिल दी गई।
बुढ़मू : श्री सत्य साइन संजीवनी अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बुढ़मू की चिकित्साय टीम RBSK के द्वारा बुढ़मू प्रखंड के मध्य विद्यालय बुढ़मू , ठाकुरगांव। स्कूल, कोठारी स्कूल एवं सोसाई सरकारी स्कूल में 0 से 15 वर्ष के बच्चों का ह्रदय जांच कैंप शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यालय के कुल 675 बच्चों का जांच किया गया, जिसमें से 7 सात बच्चे जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित पाए गए, जिसका ईलाज सत्य साइन संजीवनी अस्पताल के द्वारा किया जाएगा। कैंप शिविर में सत्य साइन अस्पताल की टीम, डॉ अभिषेक कुमार गुप्ता, डॉ माधुरी बाड़ा, डॉ वर्षा शालिनी तिर्की उपस्थित होकर बच्चों का जांच किया। कैंप शिविर आयोजन को सफल बनाने विद्यालय के शिक्षक, सहिया ,आंगनबाड़ी सेविका सहित कई लोगों ने अपना सराहनीय योगदान दिया।
बुढ़मू : बुढ़मू प्रखंड के नाऊज में नवनिर्मित हनुमान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ को लेकर मंगलवार को भूमिपूजन सह ध्वजारोहण किया गया। नाऊज में तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा यज्ञ का आयोजन नौ से ग्यारह मार्च तक किया गया है। नौ मार्च को कलश यात्रा के साथ यज्ञ का शुभारंभ होना है , इसी के साथ दस मार्च को प्राण प्रतिष्ठा,ग्यारह मार्च को भंडारा के साथ विसर्जन का आयोजन किया गया है। मंगलवार को पंडित आचार्य रुद्र नाथ मिश्रा के सान्निधय में भूमिपूजन किया गया। जिसमें बतौर यजमान दिनेश चौबे सपत्नीक शामिल हुए। भक्तिमय माहौल में यज्ञ कार्यक्रम की शुभारंभ से पूरा क्षेत्र राममय हो गया।