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मोबाइल वाणी से हमारे एक स्त्रोता सुशांत पाठक बताते हैं की जाट संबलपुर एक्सप्रेस गाड़ी संख्या-18310 JAT(वैष्णोदेवी देवी) से संबलपुर तक सप्ताह में 4 दिन चलती है।यह वैष्णोदेवी से संबलपुर तक चलने वाली प्रमुख ट्रेन है, जो 2375 किमी.की दुरी तय करती है। यात्री तिन से चार महीने पुर्व अपनी सिट रिजर्व कराते हैं,रिजर्व कराने हेतु यात्रीयों से रेलवे प्रति व्यकति 1,500 से 1,800 रूपये दुरी के हिसाब से वसूली करता है। और यात्री जब ट्रेन में यात्रा कर रहे होते हैं सुविधा के नाम पर यात्री को 50 से 80 किलोमिटर दूरी तय करने पश्चात वाशरूम में पानी कि समस्या से जूझना पड़ता है। ट्रेन में उपस्थित यात्री यों से प्राप्त जानकारी अनुसार,सिगरेट के धुवें से यात्री परेशान रहते हैं , यात्री द्वारा जब रेल में धुम्रपान नहीं करने संबंधित बात कहने पे नशाखोरो द्वारा गाली,व, अभद्र भाषा का प्रयोग ,कर यात्रीयों को धमकाने व मार पिटाई तक बात पहुंच जाती है। संबंधित अधिकारियों से शिकायत करने पर भी कोई सार्थक पहल नहीं किया जाता है, रेलवे टि टी सिर्फ जेब भरने में लगे रहते हैं, यहां तक कि जेनरल बोगी के यात्रीगण भी रिजर्वेशन बोगी में आकर रिजर्वेशन बोगी को जाम किये रहते हैं। जिससे अपने गंतव्य स्थान रेलवे स्टेशन में खड़ी होने के बावजूद यात्री धराशायी हो जातें हैं। जिससे यात्रियों का जिवन दांव पर लगा रहता है।व केइ दुध मुहे बच्चे रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उतरते वक्त गेट जाम होने के कारण हांथ से छुट कर गिर पड़ते हैं। मोबाइल वाणी के माध्यम मैं रेलवे में मंत्री व संबंधित अधिकारियों से मेरा अपील है उपरोक्त बातों को गंभीरता से लेते हुए। जल्द से जल्द कार्रवाई कर व्यवस्था बहाल किया जाय ताकि भविष्य में यात्रियों को संकट का सामना न करना पड़े।
पका हुआ कोहरा (पम्पकिन) का छिलका हल्का हल्का हटा दे और सको बड़े बड़े क्यूब आकार शेप में काट लें. २०० ग्राम आलू का छिलका हटाकर उसको मध्यम साइज में क्यूब शेप में काट ले। मुट्ठी भर भीगा हुआ चना ले. Ingredients- कोहरा- 400 gram आलू- २०० ग्राम Tel- 4 tablespoon Adrak- 1.5inches long भीगा हुआ चना- मुट्ठी भर Hing- 1 pinch Jeera- ½ tablespoon Panch Phoron- ½ tablespoon Roasted jeera powder- ½ tablespoon Prep time- 10-15 minutes Cooking Time- 20-30mins
ये रेसिपी मैंने अपने नानी से सीखा है। ये एक ग्रामीण रेसिपी है जिसमे पुआल में उगने वाले मशरुम का इस्तेमाल होता है। सबसे पहले हमे मशरुम को अच्छे साफ़ करके धो लेना है और मशरुम को धोकर बहुत ही छोटे टुकड़ों में काट लेना है। अब मशरुम में थोड़ा सा नमक और हल्दी मिलाके छोर दे। २५० ग्राम मशरुम के लिए १ टेबल स्पून सरसो का पेस्ट लें, १ बड़े साइज का पेयाज़ और १/४ टेबल स्पून कुटी हुयी अदरक लेना है। साथ ही २-३ हरी मिर्चो को छोटे टुक्रो में काट लेना है। अब कढ़ाई में सरसो का तेल लें तेल गरम होने पे उसमे बारीख कटी हुयी पेयाज़ दाल दे पेयाज़ गुलाबी हो जाने पे उसमे हरी मिर्च और कुटी हुयी अदरक दाल दे। अबतक में नमक हल्दी मिलाये हुए मशरुम से ढेर सारा पानी निकल जायेगा। मशरुम से अच्छे से पानी निचोड़ ले और मशरुम को कढ़ाई में डालके पेयाज़ अदरक के साथ धीमे आंच में भुने। अब स्वादानुसार नमक और हल्दी डालके अच्छे से भुने जब तक मशरुम नरम न हो जाए। मशरुम और पेयाज़ जब ७०% तक पक जाए तब इसमें सरसो का पेस्ट डाले और धीमे आंच में इसको पकाते रहे। जब सरसो का पेस्ट अच्छे से भून जाए ार तेल अलग होना स्टार्ट हो जाए जसको बांध कर दे। ऊपर से बरिख कटा हुआ हरा धनिया डाल के मिक्स कर ले। रेसिपी तैयार है। इसको आप रोटी और चावल दोनों क साथ खा सकते है। मशरुम एक बहुत ही पौष्टिक आहार है जिसमे प्रोटीन, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है और ये एक बहुत ही झटपट बनने वाली रेसिपी है। Prep Time- 10- 15 mins Cooking time- 15 minutes
काले चने-200 ग्राम सरसों का तेल-2 से 3 चम्मच जीरा-एक टी स्पून प्याज- 2 बड़ा साइज (कटा हुआ) हरी मिर्च-तीन से चार (बारीक कटी हुई ) नमक-स्वादानुसार धनिया पाउडर-1 टेबलस्पून स्पून हल्दी पाउडर-1 टेबलस्पून गरम मसाला-1 टेबलस्पून हल्दी पाउडर- 1/2 चम्मच मिर्ची पाउडर- 1 चम्मच बिहारी स्टाइल चना घुघनी बनाने के लिए सबसे पहले चना को एक रात पहले ही पानी में भिगोकर रख दें, ताकि यह नरम हो जाए. अगली सुबह चना को धोकर कुकर में थोड़ा नमक और पानी डालकर लगभग 5 से 6 सिटी लगाएं अब एक कड़ाही या पैन में तेल गर्म करें और इसमें जीरा और कटी हुई हरी मिर्च का तड़का लगाएं. जब जीरा और हरी मिर्ची चटक जाए तो उसमें कटा हुआ प्याज डालें और हल्का सुनहरा होने तक उसे फ्राई करें. जब प्याज सुनहरा हो जाए तो इसमें सभी मसाले जैसे हल्दी मिर्ची, धनिया, गरम मसाला पाउडर, नमक डालकर थोड़ी देर मसाले को भून लें मसाला जब थोड़ा पक जाए तो इसमें उबला हुआ चना डालें और इसे खूब अच्छे से मिक्स करें. थोड़ी देर के बाद इस में जरूरत के मुताबिक पानी डालें और इसे पकने दें. इसके बाद इसमें कसूरी मेथी डालें और ढककर 3 से 4 मिनट तक बनाए. लिजीए आपकी घुघनी तैयार है, इसे आप पराठा या चावल या वैसे ही शाम के नाश्ते के तौर पर खा सकते हैं. इसे और लजीज बनाने के लिए इसमें ऊपर से बारीक प्याज और खीरे और नींबू डाल कर खाएं. यह भूने हुए चने के आटे से बनाया जाता है, जिससे सरबत से लेकर पराठे और मिठाई तक कई सारी डिशेज बनाई जाती है। सत्तू बिहार के प्रमुख खाद्य सामग्री में से एक है जिसमें पोषक तत्व भी खूब पाए जाते हैं। सत्तू में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, फाइबर और विटामिन सी पाए जाते हैं। गर्मियों में इसके शरबत का सेवन शरीर में ठंडक प्रदान करती है। जब कोई नई चीज घर में बनती है, तो बच्चे से लेकर बड़े तक सभी खुश हो जाते हैं। आज हम इस वीडियो में लाए हैं घुगनी और कचौरी बनाने की सबसे आसान रेसिपी। घुगनी और कचौरी एक बिहारी व्यंजन है, जिसे बिहार में लोग नाश्ते में खाते हैं। आपको बता दें कि ये वहां के प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक है। पहली रेसिपी कचौरी है और दूसरी घुगनी है, इस वीडियो में आप आसानी से इन दोनों को बनाना सीख सकते हैं। कचौरी बनाने की सामग्री: मूंग दाल-100 ग्राम, चना दाल-100 ग्राम, 3 प्याज, 4 हरी मिर्च, धनिया स्वाद के लिए, नमक-स्वादानुसार, एक कप तेल बिहारी कचौरी बनाने की विधि: कचौरी बनाने के लिए, सबसे पहले रात में ही चना दाल को भिगो कर रख दें। आप इसमें चना दाल या मूंग दाल का प्रयोग कर सकते हैं। जब वो अच्छी तरह फूल जाएं, तो दाल और प्याज को साथ में पीस लें, ताकि दाल और प्याज अच्छी तरह मिक्स हो जाएं। इसके बाद, उसमें बारीक कटी हुई हरी मिर्च डालें। कचौरी का स्वाद अच्छा आए इसके लिए उसमें धनिए का उपयोग भी कर सकते हैं। सबसे अंत में नमक डालें, नमक आप अपने स्वाद के अनुसार से डाल सकते हैं। कचौरी की सामग्री तैयार होने के बाद गैस पर पैन रखें और उसमें एक कप तेल डालें। तेल को अच्छी तरह गर्म होने दें। तेल कितना गर्म हुआ है, ये पता लगाने के लिए आप उसमें थोड़े से बेसन के दाने डालकर देख सकत… कब्ज से राहत दिलाए गेंहू की घुघरी का सेवन आपके पाचन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। ... वजन घटाने में मददगार ... ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे ... डायबिटीज में फायदेमंद ... शरीर को एनर्जी मिलती है
बिहार राज्य के जमुई जिले से संजीवन कुमार सिंह ने कच्चे आम की खट्टी मीठी चटनी बनाने के बारे में बता रहे है सबसे पहले आम को धो लेना है और फिर छीलना है और लंबाई में काटनी या कद्दूकस कर लेना है उसके बाद कढ़ाई में तेल गरम करें और इसमें जीरा, सौंफ, मंगरेल डाले। फिर इसमें कटे हुए आम डाले और मिक्स करें थोड़ी देर भून लें। 5 मिनट बाद इसमें सभी मसाले और पुदीना पत्ती डाले और मिक्स करें 1/2 गिलास पानी डाल दें और ढक दें। जब आम थोड़ा सा पक जाए तो इसमें शक्कर/चीनी/गुड़ डालें और मिक्स करें फिर से ढक दें। जब शक़्कर गल जाए और आम ट्रांसपेरेंट दिखे तो चटनी तैयार है। अपने अनुसार चटनी मै पानी कम, ज्यादा कर सकते हैं।
अगर आप नियमित रूप से मछली का सेवन करते हैं तो हार्ड को हेल्दी रखने में आपकी सहायता करती है मछली में ओमेगा 3 फटी फैट टी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की हार्ड की समस्या के लिए बहुत ही लाभदायक होता है अगर आप सप्ताह में 2 दिन मछली का सेवन करते हैं तो आपको आयरन जिंक आयोडीन मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसी मिनरल का एक बड़ा स्रोत मिलेगा मछली में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और विटामिन पाई जाती जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है मछली में पाए जाने वाले ओमेगा 3 आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद करती है
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प्रेस विज्ञप्ति तमिलनाडू (रामेश्ररम) में 2 से 5 मार्च को आयोजित 34वी सीनियर राष्ट्रीय टेनिस बॉल क्रिकेट चैंपियनशिप के लिए झारखंड टेनिस बॉल क्रिकेट एसोसिएशन ने पुरुष वर्ग की टीम की घोषणा कर दी है। जो इस प्रकार है। पुरुष वर्ग: (कप्तान) गौरव कुमार, निशांत राज, साहिल सिद्धकी, अर्जुन कुमार महतो, चंद्र प्रकाश भानु , सौरभ कुमार, रोहित प्रतया, अनुज कुमार मेहता , शिव शंकर बास्के, प्रशांत कुमार, राहुल कुमार पंडित,राहुल कुमार,अभिषेक कुमार टीम कोच दीपू कुमार बाऊरी मैनेजर खुर्शीद आलम अंसारी हैं। झारखंड की टीम आज धनबाद एलेपी एक्सप्रेस से तमिलनाडु के लिए रवाना हुई । महासचिव अजय कुमार साव झारखंड टेनिस बॉल क्रिकेट एसोसिएशन