बुढ़मू : इंडिया गठबंधन पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बुढ़मू सीओ सच्चिदानंद वर्मा और बुढ़मू बीडीओ धीरज कुमार से मिले। और क्षेत्र के समस्याओं से पदाधिकारियों को अवगत कराया। इस दौरान लोगों ने सरकारी योजनाओं को सभी लोगों तक पदाधिकारियों से पहुंचाने एवं क्षेत्र के विकास करने और समस्याओं को दूर करने को लेकर बात रखा। मौके पर गोपाल तिवारी, सदन साहू, अजय यादव, समेत इंडिया गठबंधन पार्टी के दर्जनों लोग उपस्थित थे।

बुढ़मू : बुढ़मू प्रखंड अंजुमन कमेटी एंड वेलफेयर ट्रस्ट बुढ़मू का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष शमीम बड़ेहार के नेतृत्व में पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोध कांत सहाय से शिष्टाचार मुलाकात कर उनको अखिल भारतीय पंचायती राज परिषद का अध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। साथ ही 10 फरवरी को बुढ़मू प्रखंड के चकमें मदरसा में दस्तारबंदी के मौके पर आने का दावत दिए। मौके पर श्री सहाय ने स्वीकार किया। मौके पर कमेटी के सेक्रेटरी तस्लीम अंसारी , उप सदर अमन राज ,मोहित खान, नसरुद्दीन अंसारी, जाकिर हुसैन, सरवर अंसारी, कुदूश अंसारी ,इदरीश अंसारी, जाकिर अंसारी, हाफिज अंसारी, नईम अंसारी, युनुस अंसारी, साजिबुल अंसारी सहित कई लोग उपस्थित थे।

बुढ़मू : कांग्रेस पार्टी के कांके विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक सुरेश कुमार बैठा से बुढ़मू प्रखंड के राष्ट्रीय जनता दल पार्टी के युवा तेज तर्रार प्रखंड अध्यक्ष अजय कुमार यादव ने शिष्टाचार गुलदस्ता देकर मुलाकात की। और कांके विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान प्रखंड अध्यक्ष अजय यादव ने विधायक सुरेश बैठा से मिलकर बुढ़मू एवं कांके विधानसभा क्षेत्र में विकास करने से संबंधित कई बातें को रखा। और बुढ़मू प्रखंड के साथ - साथ कांके विधानसभा क्षेत्र में सरकार के सभी सरकारी योजनाओं को जल्द धरातल पर उतारकर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास करने को लेकर बात रखा। साथ ही प्रखंड अध्यक्ष अजय यादव ने बुढ़मू प्रखंड में ग्रामीणों के लिए जल्द जनता दरबार लगाकर गरीबों, असहायों के साथ ग्रामीणों की समस्या सुनने को लेकर भी विधायक से बात रखा। मौके पर दिवाकर यादव, समेत इंडिया गठबंधन पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे।

बुढ़मू : कांग्रेस पार्टी के रांची जिला लीगल सेल के अध्यक्ष सरफराज अहमद ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कांके विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक सुरेश बैठा को झारखंड सरकार में मंत्री बनाये जाने की मांग की है। पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सुरेश बैठा ने भाजपा के 35 वर्ष के अभेद्य किला को तोड़ने का कार्य किया है और वे कांग्रेस पार्टी के समर्पित और जुझारू सिपाही रहे है।

राजनैतिक सिंद्धांत औऱ प्रक्रियाओं में न्याय सबसे पुरानी अवधारणाओं में से एक है, न्याय के सिद्धांत को लेकर तमाम प्रकार की बातें कहीं गई हैं, जिसे लगभग हर दार्शनिक और विद्वान ने अपने समय के अनुसार समझाया है और सभी ने इसके पक्ष में अपनी आवाज को बुलंद किया है। न्याय को लेकर वर्तमान में भी पूरी दुनिया में आज भी वही विचार हैं, कि किसी भी परिस्थिति में सबको न्याय मिलना चाहिए। इसके उलट भारत में इस समय न्याय के मूल सिद्धामत को खत्म किया जा रहा है। कारण कि यहां न्याय सभी कानूनी प्रक्रियाओं को धता को बताकर एनकाउंटक की बुल्डोजर पर सवार है, जिसमें अपरधियों की जाति और धर्म देखकर न्याय किया जाता है। क्या आपको भी लगता है कि पुलिस को इस तरह की कार्रवाइयां सही हैं और अगर सही हैं तो कितनी सही हैं। आप इस मसले पर क्या सोचते हैं हमें बताइये अपनी राय रिकॉर्ड करके, भले ही इस मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में

नए नए आजाद हुए देश के प्रधानमंत्री नेहरू एक बार दिल्ली की सड़कों पर थे और जनता का हाल जान रहे थे, इसी बीच एक महिला ने आकर उनकी कॉलर पकड़ कर पूछा कि आजादी के बाद तुमको तो प्रधानमंत्री की कुर्सी मिल गई, जनता को क्या मिला, पहले की ही तरह भूखी और नंगी है। इस पर नेहरु ने जवाब दिया कि अम्मा आप देश के प्रधानमंत्री की कॉलर पकड़ पा रही हैं यह क्या है? नेहरू के इस किस्से को किस रूप में देखना है यह आप पर निर्भर करता है, बस सवाल इतना है कि क्या आज हम ऐसा सोच भी सकते हैं?

भारत में महिला श्रम शक्ति भागीदारी में हाल के वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि वैश्विक औसत की तुलना में यह कम आधार पर है। ।स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया रिपोर्ट 2023 के अनुसार, भारत में महिला कार्यबल की संरचना विकसित हो रही है, जिसमें उच्च शिक्षा प्राप्त युवा महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो श्रम बाजार में शामिल हो रही हैं। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी कामकाजी आयु वाली आबादी होने का अनुमान है, जो 2030 तक लगभग 70% तक पहुंच जाएगी, लेकिन कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का वर्तमान निम्न स्तर लगातार असहनीय होता जा रहा है।तो दोस्तों, हर समस्या का समाधान होता है आप हमें बताइए कि *----- महिलाएं किन प्रकार के कार्यों में अधिकतर अपना ज्यादा समय लगाती है ? *----- महिलाओं को उच्च पदों पर पहुंचने में क्या क्या चुनौतियां आती हैं? *----- आपके अनुसार महिलाओं को कार्यस्थल पर किन प्रकार के भेदभाव का सामना करना पड़ता है? और महिलाओं को उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत हैं? *----- क्या आपको भी लगता है कि समाज को इस दिशा में सोच बदलने की ज़रूरत है .?

भारतीय संविधान किसी के आर्टिकल 14 से लेकर आर्टिकल 21 तक समानता की बात कही है, इस समानता धार्मिक आर्थिक राजनीतिक और अवसर की समानता का जिक्र किया गया है। इस समानता किसी प्रकार की जगह नहीं है और किसी को भी धर्म, जाति और समंप्रदाय के आधार पर कोई भेद नहीं किये जाने का भी वादा किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया फैसले में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह धर्म की पहचान के आधार भेदभाव पैदा करने की कोशिश है।दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? क्या आप सरकार के फैसले के साथ हैं या फिर इसके खिलाफ, जो भी हो इस मसले पर आपकी क्या राय है? आप इस मसले पर जो भी सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें

मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?