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नमस्कार मै हूँ अशोक अनन्त और आप सुन रहे हैं चतरा मोबाइल वाणी। मोबाइल वाणी मे आपका स्वागत है आइए आज जानते हैं चतरा लोकसभा के बारे मे। चतरा लोकसभा कोडरमा एवं हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से विभाजित होकर 1957 मे चतरा संसदीय क्षेत्र बना है। यह भारत के पूर्वी भाग मे अवस्थित झारखण्ड राज्य के 14 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों मे से एक है जो झारखण्ड के उतरी छोर मे लगे बिहार राज्य के सीमा से सटा हुआ है। इसमे संपूर्ण चतरा,लातेहार और पलामू जिले का कुछ हिस्सा शामिल है तथा यह आरक्षित लोकसभा क्षेत्र नही है इसके अन्तर्गत सिमरिया,चतरा,लातेहार,मनिका एवं पाँकी विधानसभा आता है। जिसमें चतरा,सिमरिया,लातेहार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है तथा मनिका विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए और पाँकी सीट सामान्य है। चतरा पर्वत श्रृंखलाओं से सुशोभित वन पुष्प हरियाली युक्त जंगलों से घिरे और खनिज सम्पदा कोयला भी यहां प्रचुर है जिसे काला सोना भी कहा जाता है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है की चतरा विकास से अभी भी अपेक्षित है। चतरा मे माँ भद्रकाली और कौल्हुआ पहाड़ पर विराजमान माँ कौलेश्वरी के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल के साथ-साथ पर्यटन का अनुपम केन्द्र भी है। चतरा संसदीय क्षेत्र से 1957 मे विजया राजे पहलीबार छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी से एक बार तथा पुनः स्वतंत्र रूप से दो बार लगातार सांसद रहीं । उनका संबंध पदमा रामगढ़ के राजघराने से था,वह लगातार तीन बार चतरा से सांसद बनीं। 1957 से अब तक चतरा के स्थानीय लोगों को सांसद बनने का शौभागय नही मिला है। अभी तक सतरहवां चतरा लोकसभा निर्वाचन मे जितने भी सांसद निर्वाचित हुए हैं वे चतरा जिले से बाहर के मतदाता रहे हैं जिसमें ज्यादातर बिहारी हीं सांसद रहे हैं। 2014 में हुई लोकसभा के आम चुनाव में भाजपा ने नए चेहरे को चुनाव में उतारा और सुनील कुमार सिंह 41.5 प्रतिशत वोट लाकर चुनाव जीते। इन्हें कुल मतदान के 295862 वोट मिले थे। कांग्रेस उम्मीदवार धीरज प्रसाद साहू को 117836 वोट मिले, जो कुल मतदान का 16.53 प्रतिशत था। जेवीएम उम्मीदवार नीलम देवी 104176 मत लाकर तीसरे स्थान पर रही थीं, जो कि कुल मतदान का 14.61 प्रतिशत था। 2014 में हुई लोकसभा चुनाव में कुल 21 उम्मीदवार ने अपना भाग्य आजमाया था। उस समय सात लाख 12 हजार 971 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 2014 के समय में चतरा लोकसभा क्षेत्र में 13 लाख 12 हजार 562 मतदाता थे। 2019 मे भी पुनः भारतीय जनता पार्टी से सुनिल सिंह ही निर्वाचित हुए। आईए अब आगामी 2024 की बात करें तो झारखण्ड के चतरा विधानसभा से वर्तमान विधायक सह मंत्री सत्यानंद भोक्ता के साथ साथ,स्वतंत्रता सेनानी तथा सांसद रहे बाबु राम नारायण सिंह के वंशज सहीत कई स्थानीय नए चेहरे ने भी चुनावी बिगुल बजा दी है।

पिपरवार प्रबंधन ने चतरा जिला अंर्तगत टंडवा प्रखंड के पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र से सटे विभिन्न पंचायतों मेंसीसीएल के निगमित सामाजिक दायित्व के तहत खेल कूद की सामग्री का किया वितरण। आगे उन्होंने बात करते हुए कहा कि खेल जीवन का एक अभिन्न अंग है पहले कहा जाता था कि पढ़ोगे लिखोगे तो होगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब। लेकिन इस धारणा को आज के युग में गलत साबित कर दिया है।अब तो कहा जाता है की खेलोगे कूदोगे तो होगे महान । जी हा पहले जीवन में खेल कूद को उतना महत्व नहीं दिया जाता था लेकिन जैसे जैसे समय बिता वैसे वैसे लोगो के सोच में भी विकास हुआ।जहा एक और केवल पुरुष ही खेल कूद में भाग लेते थे वही अब हमारी महिलाएं भी इसमें पीछे नही है वे भी देश के लिए एशियन गेम्स,कॉमनवेल्थ गेम्स तथा ओलंपिक जैसे खेलों में देश के लिए मेडल जीतती है जिससे देश का सीना चौड़ा हो जाता है। खेलना सबका अधिकार है मनुष्य के जीवन में खेल कूद ना हो तो उनका चारित्रिक विकास नहीं होता है। खेल हमे आपसी भाईचारा ,प्रेम और लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होकर संघर्ष करने की शक्ति देता है।लेकिन प्रगतिशील और आधुनिक बनने की दौर में हम अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है खेल का महत्व जैसे भूलते जा रहे है।आज के बच्चें घंटो ऑनलाइन गेमिंग ऐप में अपने आप को झोंक दिया है जिससे उनका न तो चारित्रिक विकास हो पा रहा और नही दिमाग विकसित हो रहा है। जिससे बच्चे बहुत कमजोर और शरीर से दुर्बल नजर आते है। अब तो नई शिक्षा नीति के अनुसार भारत के सभी सरकारी गैर सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में खेल कूद को एक विषय के रूप में अनिवार्य कर दिया गया है। बच्चो को शारीरिक शिक्षा का ज्ञान होना ही चाहिए।खेल कूद से केवल शरीर का विकास ही नही होता बल्कि स्पोर्ट्स कोटे से कई सरकारी विभागों में नौकरियां भी मिलती है ।इसलिए हमे अपने जीवन में खेल कूद को अपनाना ही नही चाहिए बल्कि शारीरिक और मानसिक रुप से मजबूत होना चाहिए।

विश्व युवा कौशल दिवस पर मुख्यमंत्री सारथी योजना का शुभारंभ आज से आर्यभट्ट सभागार रांची विश्व विद्यालय में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा किया जायेगा। इसका उद्देश्य युवाओं को नि: शुल्क कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़ने हेतु राज्यों के युवा अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभा को निखार सके और अपना भविष्य खुद लिख सके। इसके लिए ये योजना सरकार धरातल पर लेकर आई है। प्रथम चरण में 2023 - 24 के लिए राज्य के 80 प्रखंडो में इसकी शुरुवात की जाएगी इसके बाद झारखंड के सभी प्रखंडों में इसका विस्तार किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी से 18 से 35 तक तथा एस टी, एससी ओबीसी के लिए अधिकतम 50 वर्ष तक महिलाओं तथा पुरषों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा । प्रशिक्षण के बाद पुरषों को 1000 तथा महिलाओ 1500 रुपए डीपीटी के माध्यम से दिया जाएगा । इसके लिए सरकार ने एक टोल फ्री नंबर जारी किया है जिसका नंबर 1800123444 है इस पर कॉल कर नि :शुल्क जानकारी लिया जा सकता है।

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Bal Vivah ke bare mein Jankari Diya Gaya

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कम बारिश से किसान चिंतित

बुद्धिजीवी मंच की सराहनीय प्रयाश