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वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ सुशांत पाठक आज हम बात करेंगे जोड़ों का दर्द और गठिया का संबंध वास्तु शास्त्र से कैसे चलिए जानते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन कि दिवार एकदम सही सलामत होनी चाहिये उनमें कहीं भी दरार या रंग रोगन उड़ा हुआ या दाग - धब्बे आदि न हो वरना वहां रहने वालों में जोड़ों का दर्द गठिया,कमर दर्द, सायटिका जैसी समस्या हो सकती है।

आज हम बात करेंगे घर के वास्तु दोष व बीमारियों के बारे में साथियों कई बार घर बनाने के दौरान वास्तु नियमों की अवहेलना कर देते हैं । वास्तु नियमों की अवहेलना करने से कई दोस उत्पन्न हो सकते हैं। वास्तु दोष तब होता है,जब वास्तु नियमों का अवहेलना होती है। वास्तु नियमों के अवहेलना केबाद वास्तु दोष शुरू हो जाता है , घर में रहने वाले को शारीरिक व मानसिक रोगी बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इससे मुक्ति के लिए कई तरह के उपाय करना जरूरी है, कुछ नियमों का ढंग से पालन होना जरूरी है नियमों का पालन अगर ढंग से किया जाए घर के वास्तु दोष दूर हो सकते हैं और सभी लोग स्वस्थ रह सकते हैं।वास्तु दोष से मुक्ति के लिए मूल रूप से चार दिशाओं और पांचो पंचतत्व की भूमिका अहम होती है, यह होती है बड़ी बीमारियां वास्तु दोष होने से कई प्रकार के समस्या उत्पन्न होती है लेकिन कुछ समस्याएं ऐसे भी होती है जो काफी गंभीर माने जाते हैं और समय से उपाय नहीं किए जाने से यह जानलेवा साबित हो सकते हैं, इनमें है पेट से संबंधीत समस्या नींद ना आना पैर में दर्द सुजन,दिल और हड्डी की बीमारी, थकान, और बेचैनी, सर्दी ,जुकाम का रहना गैस और रक्त संबंधी,बिमारिऔर यौन रोग शामिल हैं। वास्तु दोष से इन बिमारीयों का खतरा हमेशा हमेशा के लिए आपके ऊपर बना रहता है, विस्तार से जानते हैं उनके वजह और इसके लिए की जाने वाले उपाय वास्तु दोष होने से पेट से संबंधित बीमारी का खतरा बना रहता है।वास्तु दोष के हिसाब से उत्तर पूर्व की दिशा में घर का किचन नहीं होना चाहिए, इस दिशा में रसोई का निर्माण अशुभ है, इस दिशा में रसोई का निर्माण करने से पेट से संबंधित कइ और रोग का सामना करना पड़ सकता है। गैस और रक्त संबंधी रोग दीवारों पर रंग का भी वास्तु में महत्वपूर्ण स्थान होता है। घर कि दिवालों को कलर कराते वक्त ध्यान रखना चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के लिए दीवारों पर दिशा के अनुसार हल्के व सात्विक रंगों का उपयोग करना चाहिए। ताकि वास्तु दोष दूर रहे, वास्तु के हिसाब से नारंगी या पिला रंग ब्लड प्रेशर, काला या गहरा नीला रंग वायु रोग पेट में गैस हाथ पैरों में दर्द , गहरा लाल रंग रक्तविकार या दुर्घटना का कारण बन सकता है। पैरों में लगातार दर्द रहने का कारण घर में वास्तु दोष भी है, वास्तु के अनुसार पूर्व की तरफ मुंह करके भोजन बनाना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। दक्षिण की तरफ मुंह करके भोजन बनाने से पैरों में दर्द कि संभावना बनी रहती है इसके अलावा घर में भोजन बनाते समय यदी मुंह दक्षिण की तरफ है, तो त्वचा एवं हड्डी रोग हो सकता है। पश्चिम की तरफ मुंह करके खाना बनाने से आंख,नाक,कान और गले की समस्या हो सकती है, नींद आने आना सर दर्द और बेचैनी का वास्तु से संबंधित नियमों का पालन न होने सारी बीमारी या हो सकती है, स्वास्थ्य के हिसाब से पुर्व कि ओर पैर रखना अच्छा माना गया है, ऐसे बैठने या सोने से हेल्थ की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा आय के स्रोत का भी निर्माण होता है, उत्तर की तरफ शिर और दक्षिण की तरफ पैर करके सोने से कई तरह की समस्या हो सकती है। इससे नींद ना आने की बीमारी शिर दर्द बेचैनी और चक्कर जैसे बिमारीयां हो सकती है, दिन भर थके रहने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। आपके घर का उत्तर दिशा में बिल्कुल भी जगह खाली ना हो और दक्षिण और पश्चिम बिल्कुल खाली ना हो नींद ना आने की समस्या हो सकती है इसके अलावा वास्तु के अनुसार दक्षिण और पश्चिम दिशा का भारी व उंचा होना अच्छा माना गया है।घर में उत्तर पूर्व की दिशा कटा हुआ नहीं होना चाहिए, यदि वह कटा हुआ है तो घर में रहने वाले व्यक्ति रक्त विकार से ग्रसित हो सकते हैं और यौन रोग में वृद्धि होती है और प्रजनन क्षमता में कमी हो सकती है। उसे स्थान पर रहने वाले स्त्रियों के स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु के अनुसार कुछ नियमों का पालन करने से कई प्रकार के शारीरिक व्याधियों से निजात पाया जा सकता है।