जिले के 60 प्रतिशत बैंकों में बैंक का अपना सुरक्षा गार्ड नहीं है। कुछ बैंक निजी सुरक्षा एजेन्सी से गार्ड लिये हुये हैं तो कुछ बैंक सुरक्षा के लिये पेमेंट पर पुलिस बल लिये हैं। शेष बैंक पुलिस की गश्ती दल के भरोसे हैं। बताया जाता है कि जिले में विभिन्न बैंक और उनकी शाखा करीब 264 है। मगर सुरक्षा गार्ड मुख्यालय स्थित बैंक मै है। बैंक की शाखा में कम है। बताते हैं कि बैंक में सुरक्षा गार्ड की बहाली नहीं होने के कारण कुछ बैंक वाले निजी सुरक्षा एजेन्सी से पेमेंट पर गार्ड रख लिया है। कुछ थाना को आवेदन देकर होमगार्ड लिया है। क्या है बैंक का नियम हर बैंक में सुरक्षा गार्ड होना चाहिये। सायरन व सीसी कैमरा चालू हालत में होना चाहिए। इसकी हमेशा चेकिंग होते रहना चाहिए। स्थानीय थाना को भी बैंक के समय पेट्रोलिंग करना है। विशेष स्थिति में थाना से पेमेंट पर पुलिस की मांग करना चाहिए।
अगलगी की घटनाओं से निपटने के लिये अग्निशमन विभाग की 34 गाड़ियां चौबीस घंटे तैयार रहती है। सरकार के निर्णय के अनुसार जिले के सभी थानों में फायर व्रिगेड की गाड़ियां उपलब्ध नहीं करायी गयी है। अभी 27 थानों व छह अनुमंडलों में फायर व्रिगेड की गाड़ियां उपलब्ध रहती है। आग की सूचना या मैसेज आते ही गाड़ी दो मिनट में फायर स्टेशन से बाहर निकल जाती है। घटनास्थल पर पांच मिनट के अंदर उसे पहुंच जाना है। गाड़ियों को विभिन्न थानों से इस तरह से सेटिंग है कि आग वाली घटनास्थल पर पहुंचने में उसे सात मिनट से अधिक नहीं लग सकता है। अग्निशामालय अधिकारी रंजीत कुमार का कहना है कि हॉट स्पॉट चिन्हित कर वहां अग्निशमन की गाड़ियां भेजी गयी है। वहां रेडी पॉजिशन में फायर वाहन उपलब्ध रहते है। सूचना मिलते ही गाड़िया पहुंच आग पर काबू पायेगी। 14 अप्रैल से 20 तक अग्निशमन विभाग सेवा सप्ताह मना रहा है। जिसमें कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।
जिले में अगलगी की 75 प्रतिशत घटनाएं शॉटसर्किट से होती है। वहीं हाईटेंशन तार के लुज शटिंग के बाद स्पार्क करने से फसलों व घरों में आग लग जाती है। इसके अलावा हॉट समय में चूल्हा जलाने, बीड़ी व सिगरेट पीकर यत्र-तत्र फेंकने से आग लगने की घटनाएं होती है। यह सर्वे जिला फायर स्टेशन की है। अग्निशामालय अधिकारी रंजीत कुमार का कहना है कि फायर स्टेशन की जो रिपोर्ट है उसमें पचहतर प्रतिशत घटनाएं शॉटसर्किट से होती है। इस संबंध में कार्यपालक अभियंता विद्युत को पत्र भेजकर यह अगाह किया गया था कि सर्वे कराकर लुज तार को ठीक किया जाये। जहां वायर बार-बार लुज होने की आशंका है उस पर नजर रखी जाये। सुझाव गेहूं कटनी के समय बीड़ी व सिगरेट नहीं पीये। मकई का बुटा खेत में पकाने की कोशिश नहीं करें। खेत से हाईटेंशन तार गुजरने की स्थिति में विभाग को लुज शटिंग दूर करने की शिकायत करें। दोपहर में गांव में चूल्हा पर खाना नहीं बनाएं।
ताड़ी कारोबार से जुड़े ग्रामीण परिवारों के जीविकोपार्जन के लिए जिले के हर पंचायतों में नीरा बिक्री केन्द्र खुलेंगे। जिले में नीरा बिक्री केन्द्र खुलने से जीविका दीदियों को भी रोजगार मिलेगा। इसकी कवायद जीविका के द्वारा शुरू की गयी है। जिले के सभी प्रखंडों में 26 नीरा जीविका उत्पादक समूहों के द्वारा 98 नीरा बिक्री केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। सबसे अधिक चिरैया प्रखंड में 12 नीरा बिक्री केन्द्र खोले गये हैं। इसके अलावा मधुबन में 7, केसरिया में 6, तुरकौलिया, कल्याणपुर, अरेराज व बंजरिया प्रखंड में 5 - 5 नीरा बिक्री केंद्र खोले गये हैं। मोतिहारी निबंधन कार्यालय परिसर में नीरा बिक्री केन्द्र खोला गया है। इस सीजन में 3 लाख 2400 लीटर नीरा बिक्री का लक्ष्य जिले में इस सीजन में नीरा बिक्री केन्द्र के माध्यम से 3 लाख 2400 लीटर नीरा बिक्री करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य का ेपूरा करने के लिए 27 प्रखंडों करीब 25 हजार लीटर नीरा का संग्रह व बिक्री की गयी है। 60 रुपये प्रति लीटर की दर से नीरा की बिक्री की जाती है। नीरा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मद्य निषेध व उत्पाद विभाग के द्वारा नीरा टैपरों को नीरा उत्पादन के लिए लाइसेंस निर्गत किया जा रहा है। लाइसेंस के लिए करीब 552 आवेदन मिले हैं। जिसमें अधिकांश लोगों को लाइसेंस निर्गत किया जा चुका है। क्या है नीरा प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद व सूर्योदय के पहले ताड़ व खजूर के पेड़ से एक प्रकार का रस निकलता है। इस रस को काफी निम्न तापमान पर संग्रह कर स्टॉक किया जाता है। इसे रखने के लिए आइस बॉक्स आद का उपयोग किया जाता है। इससे यह ठंडा रहता है। ताड़ व खजूर के पेड़ से निकले रस से पेड़ा व गुड़ भी बनाया जा सकता है। कोटवा सहित तीन प्रखंडों में इस रस से पेड़ा व गुड़ का निर्माण किया जा रहा है।
महात्मा गांधी केन्द्रीय विवि में स्थापित सेहत केन्द्र तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में चाणक्य परिसर के रामचन्द्र शुक्ल सभागार में ‘एड्स समस्या एवं समाधान’ के विषय में व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के संयोजक सेहत केन्द्र के नोडल ऑफिसर तथा सेहत केंद्र के समन्वयक प्रो. पवनेश कुमार व राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस.) के समन्वयक प्रो. प्रसून दत्त सिंह, जीव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर तथा विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो प्रणवीर सिंह उपस्थित रहे। विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ मिथिलेश कुमार व सेहत केंद्र के सह-संयोजक एवं संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डॉ बबलू पाल महोदय उपस्थित रहे। आज के इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में सदर चिकित्सालय के डॉ मिथलेश कुमार ने स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न बिंदुओं को रेखांकित किया तथा उनसे कारकों को पहचान कर उनसे बचने के उपायों पर विस्तृत चर्चा की। डॉ मिथिलेश ने अपने व्याख्यान में एड्स से बचने के उपाय को बताते हुए कहा कि व्यक्ति का भौतिक शरीर, आध्यात्मिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ रहने से ही स्वस्थ कहा जाता है। उन्हाेंने यह भी बताया कि व्यक्ति में 70 प्रतिशत बीमारी का कारण मानसिक बीमारी होती है। उन्होंने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध से, एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने से, माता-पिता के एचआईवी संक्रमित होने से उनके होने वाले बच्चे को तथा एचआईवी संक्रमित सुई के प्रयोग से एड्स की बीमारी होती है।
मुंशी सिंह महाविद्यालय में 21अप्रैल तक चलने वाले एन.सी. सी.संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया है। गुरुवार को पी.टी., ड्रिल व हथियार का प्रशिक्षण कैडेटों को आर्मी के प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया। कैंप के संचालन के लिए 34 बिहार बटालियन एनसीसी मधुबनी के कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभाकरण को कैंप कमांडेंट नियुक्त किया गया है। कैप्टन अरुण कुमार ने बताया कि आज कैंप कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल प्रभाकरन ने कुल 600 कैडेटों के बीच ओपनिंग एड्रेस किया।उन्होंने कहा कि एकता व अनुशासन एनसीसी का आदर्श वाक्य है और इसे हर हाल में आपको बनाए रखना है।मुंशी सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार ने बतलाया कि 14अप्रैल को बिहार झारखंड एन.सी.सी.निदेशालय के एडिशनल डायरेक्टर जेनरल का विजिट कार्यक्रम है।
पताही प्रखंड के बराशंकर महमदपुर राजकीय मध्य विद्यालय उर्दू में मात्र एक कमरे में वर्ग 1 से वर्ग 8 तक की पढ़ाई होती है। विद्यालय में अभी मात्र चार कमरे हैं । जिसमें दो कमरे की छत टूट टूट कर लगातार गिरते रहते हैं । इसके कारण उक्त भवन में पठन-पाठन नहीं कराया जाता क्योंकि कब छत गिर जाए यह कहा नहीं जा सकता। फिर भी भवन के आभाव मे उक्त कमरे के आधे भाग में विद्यालय का सामान जैसे अलमीरा, गोदरेज व अन्य जरूरत का सामान रखा गया है। एक खपरैल कमरा है जिसकी भी स्थिति दयनीय है। विद्यालय मे वर्ग 1 से वर्ग 8 तक की पढ़ाई होती है। लगभग 300 छात्र - छात्राएं नामांकित हैं। स्कूल में 8 शिक्षक व 2 शिक्षा सेवक कार्यरत हैं। कहते हैं एचएमविद्यालय के प्रभारी एचएम इंतज़ार अहमद ने बताया कि विद्यालय में भवन का़फी जर्जर हालत में है। विद्यालय के कमरों का छत लटक गया है।विगत छह वर्ष से विभाग को कई बारआवेदन दिया गया है। कहते हैं बीईओ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अरविन्द कुमार तिवारी ने बताया कि उक्त विद्यालय के भवन की स्थिति का़फी जीर्ण शीर्ण है। इसके बारे में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा को विद्यालय की स्थिति से अवगत कराया गया है। राशि उपलब्ध होते ही भवन बनेगा।
अध्यक्ष जिला जल व स्वच्छता समिति सह डीएम की अध्यक्षता में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत कार्य में प्रगति को लेकर पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई । डीएम सौरभ जोरवाल ने लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत जिले भर में स्वच्छता को लेकर किये गये कार्यों की समीक्षा की। उन्हाेंने ओडीएफ प्लस को लेकर सभी पंचायतों में मानक के अनुसार कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने शौचालय निर्माण व उपयोग पर विशेष आभियान चलाने का निर्देश दिया। उन्होंने समुदायिक स्वच्छता परिसर का रख रखाव सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। डीएम ने डबल्यूपीयू निर्माण में प्रगति लाने का निर्देश दिया। साथ ही उसके संचालन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने वर्ष 23-24 में एसएलडबल्यूएम के लिए पंचायतों का चयन व सामग्री क्रय करने का निर्देश दिया। एसएएलडबल्यूएम के तहत ठोस व तरल कचरा प्रबंधन को लेकर प्रथम चरण में 51 पंचायत व दूसरे चरण में 111 पंचायतों का चयन किया गया था। तृतीय चरण में शेष 234 पंचायतों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन के लिए चयन करने संबंधी निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने गोवर्धन योजना व प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट के संचालन को लेकर निर्देश दिया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त समीर सौरभ, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सादिक अख्तर, सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार, निदेशक डीआरडीए मेधा कश्यप, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद , नगर आयुक्त शंभूशरण, डीपीओ आईसीडीएस, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी नितिन ुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी गुप्तेश्वर कुमार,जिला समन्वयक गौतम कुमार व जिला सलाहकार आदि उपस्थित थे।
जननी बाल सुरक्षा और बंध्याकरण के प्रोत्साहन राशि के लिए दो माह से पताही में अस्पताल से लेकर कई प्रसूता बैंक का चक्कर लगा रही हैं । मामले को लेकर रामपुर उत्तरी ग्राम कचहरी के सरपंच प्रतिनिधि उमेश जयसवाल ने सीएस व डीएम सहित वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया है। इस बाबत सुधा,छठिया देवी,सरिता देवी व जूही कुमारी सहित अन्य लाभुकों ने बताया कि अबतक पैसा नहीं मिला है।इधर लेखापाल अशोक पोद्दार ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार 15 के बाद ही राशि का भुगतान करना है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.श्याम पासवान ने बताया कि 31 मार्च तक सभी पुराने लाभुकों का भुगतान किया जा चुका है। यदि इन लोगों का भुगतान लंबित है तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
प्रधान गणना पदाधिकारी सह डीएम सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जाति आधारित गणना 2022 के द्वितीय चरण के सफल आयोजन की तैयारी व महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई । द्वितीय चरण की गणना 15 अप्रैल से 15 मई तक होगी। चार्ज पदाधिकारी द्वारा बिहार जाति आधारित गणना पोर्टल पर प्रथम चरण में संकलित किए गए आंकड़ों की प्रविष्टि व उसका अनुमोदन किया जाएगा। गणना कार्य में दोहरी प्रविष्टि को रोकने व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श करते हुए उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । इस अवसर पर अपर समाहर्ता पवन कुमार सिन्हा, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी जेपी सिंह, डीपीओ आईसीडीएस, अनुमंडल पदाधिकारी सदर श्रेष्ठ अनुपम, डीआईओ रविकेश कुमार, डिीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार आदि थे। 15 प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रही हैं प्रसूता जननी बाल सुरक्षा और बंध्याकरण के प्रोत्साहन राशि के लिए दो माह से पताही में अस्पताल से लेकर कई प्रसूता बैंक का चक्कर लगा रही हैं । मामले को लेकर रामपुर उत्तरी ग्राम कचहरी के सरपंच प्रतिनिधि उमेश जयसवाल ने सीएस व डीएम सहित वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया है। इस बाबत सुधा,छठिया देवी,सरिता देवी व जूही कुमारी सहित अन्य लाभुकों ने बताया कि अबतक पैसा नहीं मिला है।इधर लेखापाल अशोक पोद्दार ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार 15 के बाद ही राशि का भुगतान करना है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.श्याम पासवान ने बताया कि 31 मार्च तक सभी पुराने लाभुकों का भुगतान किया जा चुका है। यदि इन लोगों का भुगतान लंबित है तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।
