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  प्रधान गणना पदाधिकारी सह डीएम सौरभ जोरवाल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जाति आधारित गणना 2022 के द्वितीय चरण के सफल आयोजन की तैयारी व महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जिला, अनुमंडल व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ गुरुवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई । द्वितीय चरण की गणना 15 अप्रैल से 15 मई तक होगी। चार्ज पदाधिकारी द्वारा बिहार जाति आधारित गणना पोर्टल पर प्रथम चरण में संकलित किए गए आंकड़ों की प्रविष्टि व उसका अनुमोदन किया जाएगा। गणना कार्य में दोहरी प्रविष्टि को रोकने व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श करते हुए उन्होंने संबंधित पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । इस अवसर पर अपर समाहर्ता पवन कुमार सिन्हा, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी जेपी सिंह, डीपीओ आईसीडीएस, अनुमंडल पदाधिकारी सदर श्रेष्ठ अनुपम, डीआईओ रविकेश कुमार, डिीपीआरओ गुप्तेश्वर कुमार आदि थे। 15 प्रोत्साहन राशि के लिए भटक रही हैं प्रसूता जननी बाल सुरक्षा और बंध्याकरण के प्रोत्साहन राशि के लिए दो माह से पताही में अस्पताल से लेकर कई प्रसूता बैंक का चक्कर लगा रही हैं । मामले को लेकर रामपुर उत्तरी ग्राम कचहरी के सरपंच प्रतिनिधि उमेश जयसवाल ने सीएस व डीएम सहित वरीय अधिकारियों को आवेदन दिया है। इस बाबत सुधा,छठिया देवी,सरिता देवी व जूही कुमारी सहित अन्य लाभुकों ने बताया कि अबतक पैसा नहीं मिला है।इधर लेखापाल अशोक पोद्दार ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार 15 के बाद ही राशि का भुगतान करना है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.श्याम पासवान ने बताया कि 31 मार्च तक सभी पुराने लाभुकों का भुगतान किया जा चुका है। यदि इन लोगों का भुगतान लंबित है तो दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।

जाति आधारित जनगणना के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान समन्वयक मुदीत कुमार से जाति आधारित जनगणना पर चर्चा

बिहार के मुख्य सचिव आमीर सुबहानी की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार जाति आधारित गणना 2022 के द्वितीय चरण की तैयारी को लेकर डीएम के साथ सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित की गई । समीक्षा के क्रम में जाति आधारित गणना के सफल आयोजन के लिए कई निर्देश दिये गये। उन्होंने प्रगणक व पर्यवेक्षकों को मोबाइल अनुदान का भुगतान करने का निर्देश दिया। कहा कि चार्ज पदाधिकारी द्वारा बिहार जाति आधारित गणना पोर्टल पर प्रथम चरण में संकलित किए गए आंकड़ों की प्रविष्टि व उसका अनुमोदन किया जाएगा।द्वितीय चरण के लिए जाति आधारित गणना को लेकर जिला स्तरीय व चार्ज स्तरीय प्रशिक्षण के आयोजन करने का निर्देश दिया गया। मुख्य सचिव के द्वारा जिला स्तर पर हेल्पडेस्क की स्थापना का निर्देश दिया गया। प्रखंड व नगर निकाय के लिए वरीय पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया गया। द्वितीय चरण के कार्य के लिए डीएम के स्तर पर दैनिक समीक्षा का आयोजन किया जाएगा। गणना अवधि में विधि व्यवस्था संधारण के लिए अनुमंडल स्तर पर विधि व्यवस्था कोषांग का गठन करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव ने गणना कार्य में दोहरी प्रविष्टि को रोकने व अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श करते हुए उन्होंने कई निर्देश दिया । इस अवसर पर डीएम शीर्षत कपिल अशोक, अपर समाहर्ता पवन कुमार सिन्हा, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी जेपी सिंह, जिला भू अर्जन पदाधिकारी गणेश कुमार, आईटी मैनेजर अरविंद कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। जिले में 15 अप्रैल से शुरू होगी दूसरे चरण की जाति आधारित गणना

जाति आधारित गणना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू हो गयी है। अप्रैल के दूसरे सप्ताह से शुरुआत होने की संभावना है। हालांकि अभी इसके लिए कोई तारीख तय नहीं है। दूसरे चरण की गणना के अंतर्गत पहले चरण में चिह्नित किए गए सभी घरों और परिवारों की जाति के अलावा आर्थिक और सामाजिक स्थिति का भी जायजा लिया जाएगा। इसके लिए लोगों से करीब दो दर्जन प्रश्न पूछकर एक निर्धारित फॉर्मेट में भरे जायेंगे। ये सभी जानकारियां ऑनलाइन भी अपलोड की जाएंगी। ताकि आम लोग भी इसे देख सकें। दूसरे चरण के गणना कार्य के लिए 13 करोड़ से अधिक फॉर्म को छपवाने की योजना है। दो दर्जन से अधिक प्रश्नों वाले फॉर्मेट को सरकार के स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा है। पहले चरण की गणना के बाद प्राप्त आंकड़ों को 9 फरवरी से वेबसाइट पर अपलोड करने का सिलसिला शुरू होगा। ये आंकड़े प्रगणक खंड या ब्लॉक के आधार पर दर्ज किए जाएंगे। यानी एक प्रगणक ने जिस क्षेत्र में मकान और परिवार को गिनने का कार्य किया है, उनके क्षेत्र या नजरी नक्शा के आधार पर दिये इलाके के आधार पर आंकड़ों को अपलोड किया जाएगा। इस तरह से डाटा अपलोड करने के कार्य को बिना किसी त्रुटि के करने के लिए आईटी प्रबंधकों से लेकर डाटा इंट्री ऑपरेटरों तक को ट्रेनिंग दी जा रही है। इस बाबत सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव ने सभी जिलों के डीएम को खासतौर से पत्र लिखा है। इसमें ट्रेनिंग से लेकर इस कार्य को सही तरीके से करने को लेकर दिशा-निर्देश दिए गये हैं। आईटी प्रबंधकों का 4 फरवरी को एक दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण हुआ। 5 एवं 6 फरवरी को आईटी प्रबंधक और डाटा इंट्री ऑपरेटरों का दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं पोर्टल पर इंट्री का अभ्यास होगा। 8 फरवरी को प्रशिक्षण के बाद फीडबैक के आधार पर पोर्टल में जरूरी संशोधन होंगे। 9 फरवरी को पोर्टल पर लोकेशन मास्टर के आयात की कार्रवाई होगी। 9 फरवरी से पोर्टल पर डाटा इंट्री ऑपरेटर का कार्य शुरू होने के साथ ही डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। सभी आंकड़ों को अपलोड करने के बाद इनका प्रिंट ऑउट निकाला जाएगा। इसका मिलान अपने-अपने क्षेत्र के चार्ज अधिकारी उपलब्ध आंकड़े से करेंगे। कोई गड़बड़ी होने पर इनमें सुधार किया जाएगा। सभी तरह से आंकड़े का मिलान करने के बाद ही इसे वेबसाइट पर अंतिम रूप से जारी किया जाएगा। इस कार्य की निगरानी मुख्यालय स्तर पर की जाएगी।

जाति आधारित गणना की जानकारी अब विशेष पोर्टल पर भी देखी जा सकती है। पहले चरण की गणना से संबंधित सभी जानकारी इस पर जल्द ही देखी जा सकेगी। संबंधित पोर्टल को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में सोमवार को जारी किया। सीबीएस डॉट जीओवी डॉट इन नामक इस वेबसाइट पर जल्द ही सभी आंकड़ों को जारी कर दिया जाएगा। यह पोर्टल सर्वेक्षण कार्य से संबंधित सभी तरह के डिजिटल प्रबंधन के लिए भी बेहद उपयोगी होगा। इस पर मौजूद सभी आंकड़ों को एक विशेष मोबाइल एप के माध्यम से सभी प्रगणकों को मुहैया कराया जाएगा। इसकी मदद से प्रगणक दूसरे चरण में जाति और सामाजिक-आर्थिक सर्वे के टास्क को पूरा करेंगे। इस मोबाइल एप पर भी निर्धारित प्रश्नावली के साथ ही सभी आंकड़ों को दर्ज किया जाएगा। इससे दूसरे चरण की गणना के बाद सभी डाटा एकत्र कर समेकित रिपोर्ट तैयार करना सरल होगा। दूसरे चरण की गणना के लिए यह बेहद कारगर साबित होगा।

पीपराकोठी प्रखण्ड में जातीय आधारित जनगणना का प्रथम चरण सम्पन्न हो गया है। जिसमें यह आंकड़े सामने आए हैं कि प्रखण्ड की जनसंख्या में 39.85 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। बीडीओ मुकेश कुमार ने बताया कि प्रथम चरण की गणना सम्पन्न होने के बाद सभी आंकड़े जिला को सौंप दिया गया है। उसने कार्यरत सभी कर्मियों को बधाई दी है। बताया कि प्रखण्ड के कुल 88 गणना ब्लॉक व 70 उप गणना ब्लॉक में 186 गणना कर्मी लगाए गए थे। जिनके अथक प्रयास से समयावधि के अंतर्गत समय कार्य सम्पन्न हुआ। बताया कि प्रखण्ड के कुल 22221 परिवारों की गणना की गई। जिसमें भवनों की संख्या 14194 व मकानों की संख्या 15412 पाई गई। जिसमें परिवार के सदस्यों की कुल संख्या 99796 है।  पूर्व 71355 थी जनसंख्या: पूर्व में प्रखण्ड के सभी छह पंचायतों की कुल जनसंख्या 71355 थी। जिसमें 39.85 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। पूर्व में  सूर्यपुर की जनसंख्या-12654,  दक्षिण ढेकहां की 13400, पंडितपुर की 11765, सलेमपुर की 10500, गोबिंदापुर टिकैता की जनसंख्या 10666 थी।

सरकारी कार्य में लापरवाही व असंसदीय भाषा का प्रयोग करने के विरूद्ध कोटवा सहकारिता पदाधिकारी विकास कुमार ठाकुर के निलंबन की अनुशंसा की गयी है। कोटवा बीडीओ सह चार्ज पदाधिकारी के रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए डीएम सह प्रधान गणना पदाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बीसीओ को निलंबित करने की अनुशंसा करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव को पत्र भेजा है। पत्र में बताया गया है कि बीसीओ को आईटी कोषांग का प्रभारी बनाया गया था। ये न तो बैठक में भाग लेते हैं और न इनके द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन ही किया जा रहा है। उन्होंने शोकॉज का भी जवाब नहीं दिया है।

राज्य में जाति आधारित गणना का पहला चरण शनिवार (21 जनवरी) को समाप्त हो रहा है। इसके अंतर्गत घरों को गिनने का काम तकरीबन पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद अप्रैल से दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है। हालांकि दूसरे चरण के तारीख की घोषणा नहीं हुई है। यह समझा जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त होने के बाद ही इसकी शुरुआत होगी। इसमें जाति के साथ ही यहां के लोगों का सामाजिक और आर्थिक संबंधित सर्वेक्षण भी किया जाएगा। इस सर्वे के लिए लोगों से दो दर्जन से अधिक सवाल पूछे जाएंगे। सवालों की इस प्रश्नावली को अंतिम रूप देने की कवायद में सामान्य प्रशासन विभाग जुट गया है। सरकार के स्तर पर इसकी प्रश्नावली पर अंतिम रूप से सहमति बनने के बाद जल्द ही गजट प्रकाशित कर दिया जाएगा। एक महीना में करना होगा यह सर्वे दूसरे चरण के सर्वे का काम करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। इस सर्वे का काम मुख्य रूप से उन्हीं घरों में होगा, जिनकी पहले चरण के दौरान नंबरिंग हो चुकी है। नंबरिंग वाले घरों में प्रगणक पहुंच कर इनमें निर्धारित प्रश्नावली को लोगों से पूछकर जानकारी एकत्र करेंगे। इस आधार पर ही जाति गणना के साथ ही आर्थिक और सामाजिक सर्वे का काम भी पूरा किया जाएगा। की गणना छूटने पर होगी संबंधित कर्मी या पदाधिकारी पर कार्रवाई पहले चरण के तहत घरों की गणना करके उनकी नंबरिंग करनी है। अगर किसी स्थान या मोहल्ला में कोई घर या बसावट छूट जाते हैं या सड़क या नहर किनारे रहने वाले परिवारों की गणना नहीं की गयी है, तो इसके लिए दोषी संबंधित कर्मी या पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित निर्देश सभी जिलों को साफतौर पर जारी कर दिया है। जिन घरों या किसी भी तरह के बसावट में लोग रहते हैं, उनकी नंबरिंग किसी भी सूरत में छूटनी नहीं चाहिए। अगर ऐसी सूचना विभाग को मिलती है, तो इसके लिए दोषी पदाधिकारी को तुरंत शोकॉज किया जाएगा। ये सवाल मौजूद रहेंगे प्रश्नावली में जाति आधारित गणना का कार्य वही प्रगणक करेंगे, जिन्होंने पहले चरण में घरों और बसावटों की गिनती कर मकानों पर संख्या अंकित की है। इस दौरान लोगों से उनकी जाति विशेष के अलावा उनका नाम, वर्तमान पता, स्थायी पता, उम्र, पिता या पति का नाम, वैवाहिक स्थिति, कितने संतान हैं, शैक्षणिक योग्यता, आय का स्रोत क्या है, वार्षिक आय कितनी है, मकान अपना है या किराये पर, सामाजिक स्थिति, गाड़ी है या नहीं, अगर है, तो कौन सी है, कितने सदस्य हैं घर में, इनमें कितने लोग नौकरी करते हैं, सरकारी नौकरी से कोई रिटायर हैं या नहीं, सरकारी पेंशन का लाभ मिलता है या नहीं, किसी तरह के पेंशन का लाभ या अन्य किसी तरह की सरकारी योजना का क्या लाभ ले रहे हैं समेत अन्य तरह के प्रश्न पूछकर इन्हें एक निर्धारित फॉर्म में भरा जाएगा। इसके अलावा यह भी पूछा जाएगा कि अगर किन्ही के घर में कमाने वाला कोई एक ही है, तो उनके ऊपर आश्रित लोगों की संख्या कितनी है।