राज्य में जाति आधारित गणना का पहला चरण शनिवार (21 जनवरी) को समाप्त हो रहा है। इसके अंतर्गत घरों को गिनने का काम तकरीबन पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद अप्रैल से दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है। हालांकि दूसरे चरण के तारीख की घोषणा नहीं हुई है। यह समझा जा रहा है कि अप्रैल के पहले सप्ताह में विधानमंडल का बजट सत्र समाप्त होने के बाद ही इसकी शुरुआत होगी। इसमें जाति के साथ ही यहां के लोगों का सामाजिक और आर्थिक संबंधित सर्वेक्षण भी किया जाएगा। इस सर्वे के लिए लोगों से दो दर्जन से अधिक सवाल पूछे जाएंगे। सवालों की इस प्रश्नावली को अंतिम रूप देने की कवायद में सामान्य प्रशासन विभाग जुट गया है। सरकार के स्तर पर इसकी प्रश्नावली पर अंतिम रूप से सहमति बनने के बाद जल्द ही गजट प्रकाशित कर दिया जाएगा। एक महीना में करना होगा यह सर्वे दूसरे चरण के सर्वे का काम करने के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। इस सर्वे का काम मुख्य रूप से उन्हीं घरों में होगा, जिनकी पहले चरण के दौरान नंबरिंग हो चुकी है। नंबरिंग वाले घरों में प्रगणक पहुंच कर इनमें निर्धारित प्रश्नावली को लोगों से पूछकर जानकारी एकत्र करेंगे। इस आधार पर ही जाति गणना के साथ ही आर्थिक और सामाजिक सर्वे का काम भी पूरा किया जाएगा। की गणना छूटने पर होगी संबंधित कर्मी या पदाधिकारी पर कार्रवाई पहले चरण के तहत घरों की गणना करके उनकी नंबरिंग करनी है। अगर किसी स्थान या मोहल्ला में कोई घर या बसावट छूट जाते हैं या सड़क या नहर किनारे रहने वाले परिवारों की गणना नहीं की गयी है, तो इसके लिए दोषी संबंधित कर्मी या पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित निर्देश सभी जिलों को साफतौर पर जारी कर दिया है। जिन घरों या किसी भी तरह के बसावट में लोग रहते हैं, उनकी नंबरिंग किसी भी सूरत में छूटनी नहीं चाहिए। अगर ऐसी सूचना विभाग को मिलती है, तो इसके लिए दोषी पदाधिकारी को तुरंत शोकॉज किया जाएगा। ये सवाल मौजूद रहेंगे प्रश्नावली में जाति आधारित गणना का कार्य वही प्रगणक करेंगे, जिन्होंने पहले चरण में घरों और बसावटों की गिनती कर मकानों पर संख्या अंकित की है। इस दौरान लोगों से उनकी जाति विशेष के अलावा उनका नाम, वर्तमान पता, स्थायी पता, उम्र, पिता या पति का नाम, वैवाहिक स्थिति, कितने संतान हैं, शैक्षणिक योग्यता, आय का स्रोत क्या है, वार्षिक आय कितनी है, मकान अपना है या किराये पर, सामाजिक स्थिति, गाड़ी है या नहीं, अगर है, तो कौन सी है, कितने सदस्य हैं घर में, इनमें कितने लोग नौकरी करते हैं, सरकारी नौकरी से कोई रिटायर हैं या नहीं, सरकारी पेंशन का लाभ मिलता है या नहीं, किसी तरह के पेंशन का लाभ या अन्य किसी तरह की सरकारी योजना का क्या लाभ ले रहे हैं समेत अन्य तरह के प्रश्न पूछकर इन्हें एक निर्धारित फॉर्म में भरा जाएगा। इसके अलावा यह भी पूछा जाएगा कि अगर किन्ही के घर में कमाने वाला कोई एक ही है, तो उनके ऊपर आश्रित लोगों की संख्या कितनी है।