अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

केसठ।प्रखंड संसाधन केंद्र केसठ के सभागार में शुक्रवार को गुरु गोष्ठी सह मासिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी राजेश राम ने की। वही संचालन नसरुद्दीन अंसारी एवं मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से किया। गुरु गोष्ठी में प्राथमिक,मध्य एवं उच्च विद्यालयों के प्रधानाध्यापक शामिल हुए।बीईओ ने समय से चेतना सत्र का संचालन करने,समय से विद्यालय खोलने और बन्द करने को लेकर सख्त निर्देश दिया।उन्होंने मध्यान्ह भोजन,कक्षा कक्ष,शौचालय, विद्यालय परिसरऔर बच्चों की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने को लेकर निर्देश दिया।इसके अलावा बीईओ ने समय सारणी के अनुसार पठन-पाठन का कार्य संपन्न करने एवं मिशन दक्ष के बारे में नियमित रूप से समय से संचालन करने को लेकर विशेष निर्देश दिया।विदित हो कि नए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के योगदान करने के बाद प्रधानाध्यापकों के साथ यह पहली बैठक थी।मौके पर साधन सेवी अनिल कुमार, मुकेश कुमार, ललन सिंह, विजेंद्र मिश्र, त्रिवेणी राम, विजेंद्र राय ,अजय दुबे, किरण कुमारी, पुष्पा कुमारी ,गुलाम मुस्तफा समेत अन्य प्रधानाध्यापक मौजूद थे।

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संतकबीरनगरः बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों पर बतौर सहायक अध्यापक तैनात शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है। पांच वर्ष की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को जनपद में रिक्त पद के अनुसार पदोन्नति प्रदान की जाएगी। प्रक्रिया पूरी होने से पहले पदोन्नति के दायरे में आने वाले शिक्षकों के अभिलेख जमा कराए गए। इसके बाद आगे की प्रक्रिया चलेगी। बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि सहायक शिक्षकों की पदोन्नति प्रकिया निर्धारित समय सारिणी अनुसार गतिमान है, बेलहर ब्लाक के बीईओ ज्ञान चंद्र मिश्र ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश के क्रम में शिक्षकों की पदोन्नति हेतु अभिलेखों की छाया प्रति जमा की गई है। प्रक्रिया में समस्त 116 के सापेक्ष 114 शिक्षकों ने प्रतिभाग करते हुए अपने समस्त, अंकपत्र, प्रमाणपत्र, पहचान पत्र व अपने प्रथम नियुक्ति पत्र आदि की प्रमाणित छायाप्रति दो प्रतियों में जमा कराई गई है। एक प्रति बीआरसी व दूसरी प्रति जिला कार्यालय पर भेजी जाएंगी।

बिहार राज्य के कुंदर पंचायत के तारी पहाड़पुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में बच्चों को लाइनबद्ध तरीके से बैठकर पोषण युक्त भोजन परोसा जा रहा है और सभी बच्चे एवं बच्चियां हाथ धोकर भोजन को ग्रहण कर रही है। रसोइया द्वारा साफ सफाई के साथ इस भोजन का निर्माण किया गया है और छात्र-छात्र इसे ग्रहण कर रही है छात्र-छात्राओं को विद्यालय से ही खाली व्यवस्था कराया गया है और उसी थाली में वह भोजन कर रही है इस अवसर पर विद्यालय की प्रधानाध्यपी का महोदय स्वयं खड़ा होकर देख रही है

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यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.10 लाख ऐसे स्कूल हैं जो केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा देश भर में शिक्षकों के लगभग 11.16 लाख पद खाली हैं और उसमें से भी तक़रीबन 70 फीसदी पद गांव के इलाके के स्कूलों में हैं। है ना मज़ेदार बात। जो गाँव देश की आत्मा है , जिसके लिए सभी सरकारें खूब बड़ी बड़ी बातें बोलती रहती है। कभी किसान को अन्नदाता , भाग्य विधाता, तो कभी भगवान तक बना देती है। उसी किसान के बच्चों के पढ़ने के लिए वो स्कूलों में सही से शिक्षक नहीं दे पाती है। जिन स्कूलों में शिक्षक है वहाँ की शिक्षा की हालत काफी बदहाल है. माध्यमिक से ऊपर के ज्यादातर स्कूलों में संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं. नतीजतन भूगोल के शिक्षक को विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक को गणित पढ़ाना पड़ता है. ऐसे में इन बच्चों के ज्ञान और भविष्य की कल्पना करना मुश्किल नहीं है. लोग अपनी नौकरी के लिए तो आवाज़ उठा रहे है। लेकिन आप कब अपने बच्चो की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएंगे और अपने जन प्रतिनिधियों से पूछेंगे कि कहाँ है हमारे बच्चो के शिक्षक? खैर, तब तक, आप हमें बताइए कि ------आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ------ क्या आपने क्षेत्र या गाँव के स्कूल में हर विषय के शिक्षक पढ़ाने आते है ? अगर नहीं , तो आप अपने बच्चों की उस विषय की शिक्षा कैसे पूरी करवाते है ? ------साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।