महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

बरहट प्रखंड के गुगुलडीह पंचायत के चंद्रशेखर नगर में महादलित टोला के मजदूरों को नहीं मिल रहा है रोजगार

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मीरगंज में बस डिपो के लिए जमीन चिह्नित करते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। चिह्नित हुई जमीन इसके लिए सबसे उपयुक्त है। जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी। इसके बाद इसके स्थापना का कार्य शुरू होगा। -महेन्द्र सिंह तंवर, डीएम, संतकबीरनगर  मीरगंज में हाईवे के किनारे ही चिह्नित की गई है डिपो की जमीन डीएम ने उक्त भूमि पर मिलने वाली सुविधा के बारे में दी जानकारी बस डिपो न होने से यात्री होते हैं परेशान जनपद में बस डीपो न होने से यात्रियों को काफी समस्या होती है। खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करते हैं। इसके अलावा ज्यादातर बसें ऊपर से ही निकल जाती हैं। कुछ ही बसें ही बाईपास बस स्टेशन पर पहुंचती हैं। डीपो बनने से यात्री सुविधाएं बढ़ जाएंगी। एसी बसें भी जिले में मिलने लगेंगी। संतकबीरनगर। जनपद में बस डिपो की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। तमाम झंझावतों के बाद जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने आखिरकार डिपो की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित कराते हुए उसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया। बुधवार को जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव परिवहन निगम को प्रस्ताव भेज दिया। कुल 1.503 हेक्टयेर क्षेत्र में बस डिपो स्थापित होगा। डीएम ने प्रमुख सचिव को भेजे प्रस्ताव में कहा है कि जनपद में बस डीपो नहीं है, इस कारण तमाम बसें बिना रुके ही ओवरब्रिज से होकर निकल जाती हैं। कुछ बसें ओवरब्रिज से नीचे मुख्य मार्ग पर रुकती हैं। जिससे वहां आवागमन प्रभावित होता है, वहीं अक्सर दुर्घटनाएं भी होती है। ऐसे में जनपद में बस अड्डा स्थापित किया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पूर्व में 20 फरवरी 2023 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने सरयू कैनाल कॉलोनी की सिंचाई विभाग के नाम से आवंटित भूखंड को पुराना बस अड्डा में स्थानांतरित करते हुए नया बस अड्डा बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। लेकिन इस प्रस्ताव की समीक्षा में स्थान उचित नहीं मिला। आबादी के बीच स्थित सिंचाई विभाग के इस भूखंड में बस अड्डा बन जाने से जाम और आवागमन की समस्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा सरयू कैनाल कॉलोनी में स्थित सरकारी आवास में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को भी समस्या होगी। ऐसे में बस डीपो के लिए नए स्थान की तलाश की गई है। सबसे उपयुक्त जगह मीरगंज में चिन्हित की गई है। प्रस्ताव में उल्लेख किया गया बस डीपो के लिए मीरगंज की गाटा संख्या 89, 90, 91, 93 का कुल रकबा 1.503 हेक्टेयर है। इसे चिन्हांकित कर लिया गया है। यह भूमि मुख्य मार्ग पर है। यहां बस डीपो की स्थापना से बसों के आवागमन और रुकने में कोई कठिनाई नहीं होगी। बस डीपो की काफी दिनों से उठ रही थी मांग जनपद में बस डीपो का इंतजार 25 वर्षों से हो रहा है। जनपद बनने के बाद से ही इसकी मांग उठ रही है। लेकिन जमीन न मिलने के कारण मामला अधर में अभी तक लटका है। विधायक और सांसद के स्तर से प्रयास किए गए, लेकिन जो भी जमीन चिन्हित हुई उसकी कीमत अधिक होने के कारण परिवहन निगम के जिम्मेदार हाथ खड़े कर दे रहे थे। पिछले दिनों संसाद प्रवीण निषाद ने इसको लेकर ठोस प्रयास शुरू किया तो कार्य में तेजी आई। सिंचाई विभाग की जमीन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, लेकिन उसमें भी बाधा उत्पन्न हो गई।

संतकबीरनगर: जिला जेल में आधुनिक और सभी सुविधाओं से सुसज्जित गौशाला स्थापित कराई जा रही है। इससे जहां जेल में गौपालन को बढ़ावा मिलेगा वहीं कैदियों को रोजगार भी मिलेगा। गौशाला का कार्य जल्द से जल्द शुरू करा दिया जाएगा। महेन्द्र सिंह तंवर,डीएम, संतकबीरनगर मनरेगा से तैयार हुआ 45 लाख का स्टीमेट गौशाला निर्माण में 45 लाख का स्टीमेट मनरेगा से तैयार हुआ है। यह कार्य ग्राम पंचायत कराएगी। जेल बनकटिया ग्राम पंचायत में है इस कारण उसका कार्य वहीं से कराया जाएगा। वहीं इसके बाद के जो कार्य हैं उसमें कुछ कार्य जिला पंचायत कराएगी तो कुछ कार्य जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से कराए जाएंगे। गोशाला में पशुओं के रहने की अच्छी व्यव्थ की जा सके। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। खाद से जेल के खेतों में उगाई जाएगी ऑर्गेनिक फसल जेल में गौशाला संचालित होने के बाद गायों के गोबर से खाद तैयार कराई जाएगी। इसके लिए कंपोस्ट यूनिट भी स्थापित होगी। खाद का उपयोग जेल के खेतों में किया जाएगा। जिससे ऑर्गेनिक खेती हो सके। इसके अलावा अधिक उत्पादन होने पर उसकी बिक्री भी होगी, जिससे जेल को आय भी हो सके। संतकबीरनगर, हिसं। जिला कारागार में गौशाला बनेगी। जेल में निरुद्ध कैदी गौ सेवा का पुण्य भी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा कई को यहीं पर रोजगार भी मिल जाएगा। इसके लिए जिलाधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर ने जेल के भीतर स्थान चिन्हित कराते हुए उसकी कार्ययोजना भी तैयार करवा दिया है। जल्द ही विधिवत कार्य प्रारंभ हो जाएगा। गौशाला की स्थापना मनरेगा योजना के साथ ही जिला पंचायत और जिलाधिकारी के क्रिटिकल गैप की धनराशि से होगी। इस पर करीब 60 से 65 लाख रुपए की धनराशि व्यय होनी है। सीडीओ संत कुमार ने बताया कि जिला कारागार में 100 पशुओं की क्षमता की गौशाला का निर्माण कराया जाएगा। सभी सुविधाओं से लैश इस गौशाला में तीन अलग-अलग शेड बनाए जाएंगे। दो शेड नाद के साथ बनाए जाएंगे, जहां पर पशु चारा खाएंगे। वहीं एक शेड उनके बैठने के लिए बनाया जाएगा। इसके अलावा गार्ड रूम, शौचालय, नाली, बाउंड्री बनाई जाएगी। बोरिंग कराते हुए पंप भी स्थापित किया जाएगा। पशुओं के नहाने और उनके बैठने की बेहतर व्यवस्था दी जाएगी। इसके अलावा कंपोस्ट फिट भी बनाया जाएगा। जिससे इनके गोबर और मूत्र का निस्तारण करते हुए खाद भी बनाई जा सके। इसके अलावा पशुओं का चारा रखने के लिए अलग कक्ष बनाया जाएगा। गर्मी के दिनों के लिए पंखा, कूलर लगवाए जाएंगे। तो ठंड से बचाव के भी पूरे इंतेजाम किए जाएंगे। ताकि गोशाला में रहने वाले पशुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो। चारे की उचित व्यवस्था की जायेगी।

हिलसा‌ में खेग्रामस के द्वारा किया गया प्रदर्शन

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मेरी भी आवाज़ सुनो कार्यक्रम के अंतर्गत इस कड़ी में मनरेगा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।भारत सरकार ने मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों के संकट को दूर करने की कोशिश की है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।