सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

आमगांव बड़ा इंदिरा कॉलोनी और खिरका मोहल्ला के बीच निकली नदी में बने चेक डैम का जमा पानी दोनों मोहल्लों में बीमारियों का कारण बन रहा है स्थिति इतनी विकट है इन मोहल्लों के एक घर छोड़कर एक मरीज पड़ा हुआ है ग्रामीणों का कहना है चेक डैम में महीनों से जमा पानी से मोहल्ला वासी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं बीमारियां मोहल्लों से जाने का नाम नहीं ले रही हैं ज्ञात हो वर्तमान में ग्राम के नालो का बहता हुआ पानी इस डैम में एकत्रित होता है नहर में पानी ना छूटने के कारण यह पानी काफी दिनों से जमा हुआ है इसमें काफी तादाद में बहुत ही बहुत ही प्रकार के मच्छर पनप रहे हैं और इस जमीन पानी से उठने वाली बदबू इन दोनों मोहल्लों में बीमारिय पनपने का कारण बन रही है रहवासी लोगों मैं डेंगू और अन्य बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है बीमारियों की चपेट में मजदूर इंदिरा कॉलोनी और खिरका मोहल्ला में ज्यादातर मजदूर रहते हैं चेक डैम की जमा पानी से इन मजदूरों की मेहनत की कमाई बीमारियों में जा रही है

जन अभियान परिषद ने किया साफ सफाई अभियान

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लड़कियों के सपने सच में पुरे हो , इसके लिए हमें बहुत सारे समाजिक बदलाव करने की ज़रूरत है। और सबसे ज्यादा जो बदलाव की ज़रूरत है, वो है खुद की सोच को बदलने की। शिक्षा महिलाओं की स्थिति में बड़ा परिवर्तन ला सकती है लेकिन शिक्षा को लैंगिक रूप से संवेदनशील होने की जरूरत है। गरीब और वंचित समूह के बच्चों को जीवन में शिक्षा में पहले ही सीमित अवसर मिलते हैं उनमें से लड़कियों के लिए और भी कम अवसर मिलते हैं, समान अवसर तो दूर की बात है। सरकारी स्तर पर जितने ही प्रयास किये जा रहे हों, यदि हम समाज के लोग इसके लिए मुखर नहीं होंगे , तब तक ऐसी भयावह रिपोर्टों के आने का सिलसिला जारी रहेगा और सही शौचालय न होने के कारण छात्राओं को मजबूरी में स्कूल छोड़ने का दर्द सताता रहेगा। तब तक आप हमें बताएं कि *----- आपके गांव में सरकारी स्कूल में शौचालय है, और क्या उसकी स्थिति कैसी है? *----- क्या आपको भी लगता है कि सरकारी स्कूल में शौचालय नहीं होने से लड़कियों की शिक्षा से बाहर होने का बड़ा कारण है *----- शौचालय होने और ना होने से लड़कियों की शिक्षा किस प्रकार प्रभावित हो सकती है?

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स्वच्छता पखवाड़े अभियान के तहत निकाली गई जागरूकता रैली 56वीं वाहिनी एसएसबी बथनाहा के कमांडेंट सुरेंद्र विक्रम के निर्देशन में समस्त सीमा चौकी स्तर तक दिनांक एक दिसंबर से 15 दिसंबर 2023 तक स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जा रहा है

हिलसा के शिवनगर में नाल निर्माण में हो रही है कटौती

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