सरकार बढ़ती प्रदूषण के प्रति काफी गंभीर नजर आ रहा है लेकिन हम सब प्रदूषण को बढ़ाने में कोई और कसर नहीं छोड़ रहे हैं दीपावली के दिनों में वायुमंडल प्रदूषण से बढ़ चुका है जबकि प्रदूषण बढ़ता एक प्रकार से जीवन के साथ खिलवाड़ है
इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?
बिहार राज्य के जमुई जिला के गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी संवाददाता भीम राज ने बताया कि गिद्धौर प्रखंड के बरकेहाथू पंचायत में चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में जल जीवन रियाल अभियान के तहत मनरेगा विभाग में 85 यूनिट पौधों का रोपण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए गिद्धौर प्रखंड की आठ पंचायतों की प्रत्येक पंचायत में दस यूनिट पौधों का रोपण होगा । विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के जल गोढ़वा गांव निवासी राजेंद्र जी बता रहे हैं की पहले बारिश अधिक होने का कारण यह था कि उसे समय पेड़ पौधे अधिक थे जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ता जा रहा है लोग अपनी भूमि में खेत बना रहे हैं जिसके कारण पेड़ पौधों की संख्या घटता जा रहा है और इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ रहा है और बारिश भी काम हो रहा है बारिश कम होने के कारण हम लोगों के यहां पैदावार जमीन भी बंजारा की तरह ही दिखाई देता है
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मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा जो निर्णय लिया गया है उसे किसी संप्रदाय से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि उसे यह देखना चाहिए कि यह आम लोगों के हित में उठाया गया कदम है इससे सभी जाति संप्रदाय के लोगों को फायदा होने की उम्मीद है और सरकार को बेरोजगार हुए युवकों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए
मध्य प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण एवं खुले में बिकने वाले अंडा मांस मछली को बंद कर सराहनीय कार्य किया है लेकिन जो इस व्यापार से जुड़े हुए हैं उनके रोजी-रोटी का व्यवस्था भी सरकार को करना चाहिए क्योंकि अधिकांश रेडी चलाकर अपने तथ्य परिवार का भरण पोषण करता है ऐसी स्थिति में अगर उनका व्यापार बंद हो जाता है तो वह दाने के लिए मोहताज हो जाएंगे
दीपावली के पावन अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोगों के द्वारा लाखों रुपए का पटाखा छोड़ा गया जिसका धुआं वायुमंडल में जाकर विलीन हो गया और वह धुआं मनुष्य के लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है इसलिए सरकार द्वारा जो सही कदम उठाए जा रहा है उसका पालन हर मनुष्य को करना चाहिए सरकार या नहीं चाहती है कि किसी धर्म या संप्रदाय के त्योहारों को प्रतिबंधित किया जाए सरकार द्वारा जो कदम उठाया गया है वह मनुष्य की भलाई के लिए उठाया गया है
दीपावली में छोड़े गए पटाखे का असर धीरे-धीरे लोगों को महसूस हो रहा है फिर भी लोग पटाखा छोड़ने बंद नहीं कर रहे हैं प्रदूषण से ऐसे ही लोग परेशान है और दीपावली में छोड़े गए पटाखे उसे और बढ़ा रहा है अगर इसी तरह छठ पूजा तक पटक छुट्टा रहा तो लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होगा और लोग बीमारी के चपेट में पड़ जाएंगे