सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

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नमस्कार दोस्तों , मैं गिढौर मोबाइल वाणी का रंगीत पांडे हूँ , दोस्तों , मोबाइल वाणी में बचपन मानो बढ़ते जाओ कार्यक्रम चलाया जा रहा है और अब इसमें छोटे बच्चों को शामिल किया जा रहा है । अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है और यह भी आवश्यक है कि आपके छोटे बच्चे आपकी छोटी - छोटी जरूरतों के लिए काम करें । यदि इलाज किया जाए तो यह कौशल न केवल उनके पास आएगा , बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा । आप देखिए , बच्चे स्कूल जाते हैं , वे स्कूल जाते समय अपने कपड़े ठीक से नहीं पहनते हैं । उन्हें इसे अपने दम पर करना होगा और माता - पिता को ऐसा करने के लिए प्रेरित करना होगा , न कि निजी स्कूलों की तरह जहां हमें एक बच्चे को तैयार करना होता है और उसे जूता पहनना होता है और उसे गिराना पड़ता है । अपना काम करते समय ऐसा होता है कि बच्चे की सीखने की क्षमता बढ़ती है , वे सीखते हैं और सीखने के साथ - साथ उनमें जिम्मेदारी की भावना नहीं होती है और उन्हें अपना काम ठीक से करने में सक्षम होना चाहिए । इसके अलावा उनके पास आने वाली स्वच्छता से जुड़ी चीजें भी उन्हें दी जानी चाहिए क्योंकि वे स्वच्छता से आती हैं , फिर उन्हें साबुन जहाँ धोने की प्रेरणा दें , फिर खाना खाने से पहले साबुन जहाँ धो लें । अपने बलों से बात करने के लिए प्रेरित करें , किस समय ध्यान करें , किस समय अपना दोपहर का भोजन पूरा करें , अगर आप उन्हें इन सभी चीजों के लिए जिम्मेदार महसूस कराते हैं , तो बच्चे निश्चित रूप से आगे बढ़ेंगे ।

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बिहार राज्य के जमुई जिला गिद्धौर प्रखंड से मोबाइल वाणी के माध्यम से मीणा देवी कहती है कि वे कोरोना का टीका लिया है और साथ ही कहती हैं की कोरोना से बचने के लिए वे साफ सफाई का ध्यान बहुत ज्यादा ध्यान रखती हैं

गिद्धौर प्रखंड के सेवा गांव में रविवार को परिवार विकास चाइल्डफंड इंटरनेशनल के सहयोग से विश्व मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन दिवस पर एक दिवसीय परिचर्चा का आयोजन किया गया । विस्तार पूर्वक खबरों को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें। धन्यवाद

विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अंतर्गत संचालित " हमारा स्वच्छ सुंदर गांव " मुहिम के तहत गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में स्वच्छता ग्राहियों के माध्यम से विद्यालयों , आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया और लोगों को इसे आत्मसात किए जाने का संदेश दिया गया।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दोस्तों, हम पुरानी परम्परा रही है कि किसी भी नवजात शिशु को 6 दिन तक किसी अन्य व्यक्ति के हाथ में नहीं दिया जाता. ताकि गंदे हाथों की वजह से उसे संक्रमण न हो जाए. साथ ही लोगों को हिदायत दी जाती है कि बच्चे को गोद में लेने से पहले हाथ जरुर साबुन से साफ करें. पर कई बार देखा जाता है कि लोग इस नसीहत को गंभीरता से नहीं लेते. कोरोना के दौरान भी तो यही हुआ...! घर की महिलाओं और नवजात शिशुओं की मांओं के लिए हाथ धोना क्यों जरूरी है, इस बारे में आज राजू और पंकज के साथ साथ आप भी जान लें...!