गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी गुगुलडीह पंचायत के जल गोढ़वा गांव निवासी राजेंद्र जी बता रहे हैं की पहले बारिश अधिक होने का कारण यह था कि उसे समय पेड़ पौधे अधिक थे जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ता जा रहा है लोग अपनी भूमि में खेत बना रहे हैं जिसके कारण पेड़ पौधों की संख्या घटता जा रहा है और इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ रहा है और बारिश भी काम हो रहा है बारिश कम होने के कारण हम लोगों के यहां पैदावार जमीन भी बंजारा की तरह ही दिखाई देता है

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मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा जो निर्णय लिया गया है उसे किसी संप्रदाय से जोड़कर नहीं देखना चाहिए बल्कि उसे यह देखना चाहिए कि यह आम लोगों के हित में उठाया गया कदम है इससे सभी जाति संप्रदाय के लोगों को फायदा होने की उम्मीद है और सरकार को बेरोजगार हुए युवकों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए

मध्य प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण एवं खुले में बिकने वाले अंडा मांस मछली को बंद कर सराहनीय कार्य किया है लेकिन जो इस व्यापार से जुड़े हुए हैं उनके रोजी-रोटी का व्यवस्था भी सरकार को करना चाहिए क्योंकि अधिकांश रेडी चलाकर अपने तथ्य परिवार का भरण पोषण करता है ऐसी स्थिति में अगर उनका व्यापार बंद हो जाता है तो वह दाने के लिए मोहताज हो जाएंगे

दीपावली के पावन अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र से लेकर शहरी क्षेत्रों तक लोगों के द्वारा लाखों रुपए का पटाखा छोड़ा गया जिसका धुआं वायुमंडल में जाकर विलीन हो गया और वह धुआं मनुष्य के लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है इसलिए सरकार द्वारा जो सही कदम उठाए जा रहा है उसका पालन हर मनुष्य को करना चाहिए सरकार या नहीं चाहती है कि किसी धर्म या संप्रदाय के त्योहारों को प्रतिबंधित किया जाए सरकार द्वारा जो कदम उठाया गया है वह मनुष्य की भलाई के लिए उठाया गया है

दीपावली में छोड़े गए पटाखे का असर धीरे-धीरे लोगों को महसूस हो रहा है फिर भी लोग पटाखा छोड़ने बंद नहीं कर रहे हैं प्रदूषण से ऐसे ही लोग परेशान है और दीपावली में छोड़े गए पटाखे उसे और बढ़ा रहा है अगर इसी तरह छठ पूजा तक पटक छुट्टा रहा तो लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होगा और लोग बीमारी के चपेट में पड़ जाएंगे

प्रदूषण को कम करने के लिए दीपावली में पटाखे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए पटाखे से जो दुआ निकलता है वह वायुमंडल में जाकर मिल जाता है और शोषण क्रिया के अंदर घोलकर वह शरीर में प्रवेश करता है

सरकार ने पटाखों पर पूर्ण पाबंदी लगा दिया है जगह-जगह छापेमारी भी की जा रही है। ताकि कोई भी दुकानदार खुले में पटाखे को नहीं बेचे अगर कोई ऐसा करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी करने की बात चल रही है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

पटाखे से वायु प्रदूषण बढ़ता है हर वर्ष सरकार दीपावली के दिन पटाखे छोड़ने पर रोक लगाती है लेकिन लोग अपनी परंपरा को बात कह कर पटाखे छोड़ना नहीं छोड़ता है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।