गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के लगभग कुंए जीर्णोद्धार इंतजार में पड़ा हुआ है अगर इन कुँओं का जीर्णोद्धार कर दिया जाए तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान वापस लौट सकता है क्योंकि कुँआ पेयजल और सिंचाई का उत्तम साधन है
किसानों द्वारा बनाए गए कुएं आज अपने जीर्णोद्धार के लिए देख रहा है। अगर कुएं का निर्माण पूरा किया जाए तो खेतों में हरियाली वापस आ सकता है।
बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना घर-घर नल जल योजना जब से प्रारंभ हुआ है तब से जल का बर्बादी बढ़ गया है। इसलिए पंचायत सरकार के द्वारा जब तक सोख्ता का निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक जल संरक्षण संभव नहीं है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
ग्रामवाणी इन दोनों गिद्धौर प्रखंड के पंचायत में घूम-घूम कर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं और मनरेगा योजना से अधिक से अधिक पौधा लगाने की अपील कर रहे हैं
बिहार राज्य के जिला जमुई के गिद्धौर प्रखंड से रंजन कुमार की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से तुलसी पंडित से हुई। तुलसी पंडित यह बताना चाहते है कि मोबाइल वानी की प्रेरणा से मनरेगा योजना के तहत उन्होंने एक यूनिट पौधा लगाया है । उनको पौधा लगाने की जानकारी मोबाइल वाणी के माध्यम से मिला था। उनके क्षेत्र के आंगनवाड़ी में मोबाइल वाणी के द्वारा पौधा रोपण को लेकर एक बैठक की गई थी। जिसमे इनके द्वारा पौधा लगाने हेतु मोबाइल वाणी के अधिकारियों से एक यूनिट पौधों की मांग की गई थी। जिसके बाद उनके क्षेत्र के वार्ड सदस्य के द्वारा मनरेगा के तहत उनको पौधा उपलब्ध करा दिया गया था । लगभग दो सौ पौधा लगाया गया। पौधा लगाने से बहुत फ़ायदा हुआ। बारिश भी अच्छी हुई। कई लोग उनसे प्रेरित होकर पौधा लगाना चाहते है। मोबाइल वाणी के कारण उनके जीवन में बदलाव आया है। जिसके कारण वह मोबाइल वाणी के कार्य से बहुत खुश है।
किशोर पंडित अपने खेतों में मनरेगा के तहत वृक्षारोपण करना चाहते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
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बिहार राज्य के जमुई ज़िला के गिद्धौर प्रखंड के ग्राम केवाल से रंजन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से विकास कुमार से हुई। विकास कहते है कि यह जानते थे कि ब्लॉक से मनरेगा के तहत पौधा मिलता है पर इसको लेकर जागरूकता नहीं थी। इनके गाँव में गिद्धौर मोबाइल वाणी का बैठक हुआ जिसमे मोबाइल वाणी के कार्यकर्ताओं द्वारा मनरेगा के तहत मिलने वाला पौधा की जानकारी दी गई और सुविधा देने तथा पौधा उपलब्ध करवाने की बात की गई। मोबाइल वाणी की सहायता से इन्होने पिछले साल 200 पौधा लगाया और इस साल 200 पौधा लगाया। जिसमे कुछ पौधा हाइब्रिड है। 120 रुपया पौधा लगाया है। इस वर्ष 20 -22 हज़ार रूपए तक का पौधा लगाया है। इन्होने सरीफा , आम ,सागवान ,अमरुद जैसे फ़लदार व अच्छी लड़की वाला वृक्ष लगाया है। मोबाइल वाणी के माध्यम से इनके गाँव के पांच व्यक्ति जागरूक हुए और पौधारोपण किया है। मोबाइल वाणी समुदाय में अच्छा काम कर रहा है। सरकारी लाभ जितना भी मिल रहा है ,उसमे मोबाइल वाणी का अहम भूमिका है।
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ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग भी इन दोनों प्रदूषण के शिकार होते जा रहे हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेतहाशा वनों की कटाई हो रही है