गुजरात के अहमदाबाद से हेमलता साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि अधिकांश होटलो में बच्चो से बाल मजदूरी करवाई जाती है। कई बार यह भी सुनने को मिलता है कि बच्चों से देर रात तक काम करवाया जाता है और वेतन भी बहुत कम या ना के बराबर दिया जाता है।

गुजरात के अहमदाबाद से हेमलता साझा मंच के माध्यम से बताती हैं कि कई कंपनियों में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है उनके साथ शोषण किया जाता है। जिस कम्पनी या फैक्ट्री में महिलाएं काम करती हैं उन्हें दोपहर में खाना खाने के लिए समय नहीं दिया जाता है।

गुजरात के अहमदाबाद से दुर्गाराम साझा मंच के माध्यम से कहते हैं कि महंगाई बढ़ने के बाद भी मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं होती है। वहीँ सिलाई करने वाली महिलाओं को पुरे दिन काम करने के बाद केवल 180 रूपए ही दिया जाता है। इस पर सरकार को दिन देनी चाहिए

गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से दुर्गा राम ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नारोल क्षेत्र में जितने भी फैक्टरियाँ है ,वहाँ श्रमिकों के साथ शोषण किया जाता है। दूर दराज़ से आए श्रमिक मज़बूरी में कार्य करते है। उनके साथ प्रबंधन शोषण करते है। उन्हें उनके घर जाने से रोका जाता है।उनसे ओवरटाइम करवाया जाता है। उन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जाता है। 12 घंटे के उन्हें 210 ,240 रूपए आदि वेतन दिया जाता है।

हमारे एक श्रोता , साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि औद्योगिक क्रांति से देश को फ़ायदा होगा परन्तु ये जो निजीकरण है उससे मज़दूरों का शोषण बहुत हो रहा है। सरकार को ऐसा कुछ कानून बनाना चाहिए जो मज़दूरों के हित में हो और उनका शोषण न हो। उन्हें सही से मज़दूरी मिले और उनका जीवन मज़दूर के रूप में उभर कर आए

गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से रमेश कुमार ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि फैक्टरियों में श्रमिकों से 12 घंटे काम करवाया जाता है। बिहार ,उत्तरप्रदेश में बेरोजगारी ज़्यादा है इसलिए लोग पलायन कर अहमदाबाद में मज़दूरी करने आते है। अहमदाबाद स्थित फैक्टरियों में कई हादसे होते है लेकिन प्रबंधन द्वारा श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। नारोल स्थित ऐसी कई फैक्टरियाँ है जो बिना लाइसेंस की छोटी छोटी यूनिट में काम करती है। इसमें सुरक्षा के लिए कोई इंतज़ाम नहीं होते है।

गुजरात राज्य के अहमदाबाद से हमारे श्रोता साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि अहमदाबाद के फैक्ट्रियों में बेरोजगारी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है,क्यूंकि बहार से श्रमिक काम के तलाश में आते है तथा फैक्ट्री में भर्ती होते है साथ ही यह भी कहा की श्रमिकों के बिच कोई यूनियन ही नहीं है।

हमारे एक श्रोता गणेश ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि साझा मंच मोबाइल वाणी के बारे में सुन कर उन्हें बहुत अच्छा लगा। वो एक श्रमिक हैं और सरकार द्वारा आवंटित रैन बसेरा में निवास करते है। वहां उन्हें अच्छी सुविधा मिलती है।

गुजरात राज्य के अहमदाबाद ज़िला से अमल ने साझा मंच मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वो अहमदाबाद में कार्य करते है और सरकार द्वारा मुहैय्या करवाई गई रैन बसेरा में निवास करते है। उन्हें बहुत अच्छी सुविधा मिलती है। निवास करने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती है। उन्हें साझा मंच मोबाइल वाणी के बारे में पता चला। साझा मंच में मज़दूर लोग अपनी समस्या भी साझा कर सकते है। यह मोबाइल वाणी बहुत ही अच्छा है।

गुजरात के अहमदाबाद से गौतम कटरा साझा मंच के माध्यम से बताते हैं कि किसी भी कम्पनी में काम करने के दौरान किस प्रकार की सुरक्षा अपनानी चाहिए।

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उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सुरक्षा उपाय कुछ इस प्रकार होते हैं, वेंटिलेशन, लाइटिंग, आपातकालीन निकास जैसे कारखाने के भवनों का डिजाइन, मशीन दुर्घटनाओं के खिलाफ सुरक्षा जैसे कार्य क्षेत्र में अंकन, ठीक से बनाए गए मशीन और उपकरण। आग के खिलाफ सुरक्षा जैसे अग्नि सुरक्षा गियर, चेतावनी के संकेत। विद्युत दुर्घटनाओं की रोकथाम जैसे तारों की रखरखाव। इसके अलावा स्वास्थ्य और सुरक्षा समिति का गठन किया जाना चाहिए और कारखाने के प्रत्येक व्यक्ति को पेशेवर द्वारा प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
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May 7, 2020, 3:08 p.m. | Tags: int-PAJ