उद्योग विहार से संतोष भगत जी साझा मंच मोबाईल वाणी के माध्यम से नंद किशोर से बात कर बता रहे हैं कि लॉक डाउन के पहले के काम का पैसा इनके ठेकेदार ने पुलिस-केस की धमकी देने के बाद दिया। उसके बाद के काम के सत्रह हज़ार के बदले सिर्फ़ पाँच हज़ार दिया और माँगने पर बहानेबाज़ी कर रहा है।

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हम आपसे जानना चाहते हैं कि क्या आपकी कंपनी लॉकडाउन से पहले की तनख्वाह ठीक तरीके से दे रही थी ? या फिर आप अभी लॉकडाउन के दौरान तनख्वाह ना देने की बात कह रहे हैं। यदि आप लॉकडाउन से पहले की बात कर रहे हैं तो आप अपने यूनियन या खुद भी लेबर ऑफिस में एक लिखित शिकायत दे सकते हैं और इस शिकायत के साथ अपनी कंपनी के द्वारा दी गई आई.डी कार्ड, सैलरी स्लिप, अप्वाइंटमेंट लेटर का जेरोक्स अटैच करें। लॉकडाउन के दौरान सैलरी की बात करें तो ग्रह मंत्रालय ने अपनी 29 मार्च की अधिसूचना में घोषणा की है कि लॉकडाउन अवधि को ऑन-ड्यूटी माना जाएगा, और नियोक्ता को लॉकडाउन के दौरान अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। लेकिन एसोसिएशन ऑफ़ इंडस्ट्रियल एम्प्लॉयर्स ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सरकार को लॉकडाउन के दौरान पूर्ण वेतन देने के निर्देश को चुनौती दी गई थी, इस सब के बीच सरकार ने 17 मई को एक और अधिसूचना की घोषणा की, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी 29 मार्च की अधिसूचना समाप्त हो गई है। दूसरी ओर एक और जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों की समाप्ति और वेतन कटौती से सुरक्षा की मांग की गई थी। इन सब पर सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून लगभग डेढ़ महीने बाद अपना फैसला सुना, जिसमे उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले मैं अपनी तरफ से कोई फैसला नहीं दे सकता, पर सुप्रीम कोर्ट यह कहा कि नियोक्ता और मजदुर आपस मैं मिलबैठ कर सैलरी के ऊपर समझौता कर सकते हैं और अगर कोई समझौता नही होपारहा तो वो लेबर ऑफिस, यूनियन को समझौता करवाने के लिए बुला सकते हैं, मगर सरकार कंपनी के सैलरी ना देने पर कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नही कर सकती। लेकिन आप अभी भी लॉकडाउन से पहले के वेतन कि मांग कर सकते हैं, और कंपनी अगर मना कर तो कार्यवाही कर सकते हैं। इसलिए श्रमिक को जागरूक होना होगा, अपने अधिकारों को जानना होगा, और यूनियनें के साथ संगठित होकर शोषण के आवाज़ उठाना होगा, यही नियोक्ता के खिलाफ खड़े होने का एकमात्र तरीका है।
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July 27, 2020, 5:45 p.m. | Tags: lockdown   industrial work   governance   skd   int-DT   coronavirus   govt entitlements   int-PAJ   wages   workplace entitlements