दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं? आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

झारखण्ड राज्य देवघर से राजेंदर कह रहें हैं की इनके यहां आंगनबाड़ी में यदि एक माह बच्चों को आहार मिलता है तो पांच माह नहीं देते हैं. सरकार को चाहिए की पोषक आहार की रक़म खता में दे ताकि बिचौलियों से निजाद मिले।

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर सरकार द्वारा शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी । आज सरकार के सहयोगी दलों के साथ भी बैठक की। राज्य में कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखकर कई महत्वपूर्ण विचार तथा सुझाव हमारे विपक्ष के साथियों के तरफ से भी आए । मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार ने प्राथमिक स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं । इसके तहत राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई संस्थान, कोचिंग संस्थान, ट्रेनिंग संस्थान, आंगनबाड़ी केंद्रों को अगले आदेश तक के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया है। शादी-विवाह समारोह में शामिल होने हेतु पहले जो अधिकतम संख्या 200 लोगों की थी, अब उसे घटाकर अधिकतम 50 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्कूल, कॉलेज तथा संस्थागत जितनी भी परीक्षाएं होनी थी, इन परीक्षाओं को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 महीने के उपरांत फिर राज्य सरकार इसकी समीक्षा करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष परिस्थिति में सरकार द्वारा समय-समय पर संक्रमण को नियंत्रित करने के निमित्त आवश्यक निर्णय लेती रहेगी।