झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम है

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के झरिया प्रखंड से रानी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि देश में महिलाओं को आधी आबादी माना है और यह सच भी है ।आज की महिला पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रहीं हैं। आज महिलाऐं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं बल्कि कई क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों से भी बहुत आगे हैं। वर्तमान समय की बात की जाए तो झरिया प्रखंड निवासी लवली कुमारी जो अपने जीवन में आये हर छोटे बड़े संस्याओं का सामना करते हुए आज वो इतनी आगे निकली और आज वो बेंगलौर में इंजीनियर है।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिला से रानी जी कहती हैं कि बाल विवाह हमारे समाज के लिए अभिशाप है।बाल विवाह करने में परिवार और समाज वालों की सहमति होती है,पर इसे बच्चों का भविष्य दबाव में दब जाता है।सरकार को इस अभिशाप को जड़ से खत्म करने के लिए कड़े से कड़े कानून का निर्माण करना चाहिए।इसके साथ ही समाज के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए।सरकार बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दे रही है इसके साथ ही कई तरह की योजनायें भी बनाई गयी हैं।

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धनबाद: मोहम्मद हुसैन झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि जो महिलाएं घरेलु हिंसा के शिकार होते हैं उन्हें अपने साथ हो रहे हिंसा का विरोध करना चाहिए,साथ ही लोगो को घरेलु हिंसा के प्रति जागरूक करना होगा।इतना ही नही घरेलु हिंसा को इनजाम देने वाले को कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए।

धनबाद :मोहम्मद हुसैन झारखण्ड मोबाइल वाणी में यह सन्देश दे रहे है कि जो लोग घरलू हिंसा का शिकार हुए है। उनके लिए खास कदम उठाने चहिये पहला कदम यह की सब लोगों को जागरूक करना चहिये कि अगर कही ऐसा हो रहा है तो उसे रोकने का उपाय करना चाहिए और जल्द से जल्द दोषी को सजा देने का प्रावधान करना चाहिए क्योंकि हम बोलेंगे नहीं तो लोग जानेंगे नहीं इसलिए हमें चाहिए की हम अपनी राय लोगो तक पहुचाये या मीडिया तक पहुचाये टीवी का सहारा ले जिससे आम जनता तक आवाज़ पहुन्चंगी और लोग इस बारे में जागरूक होंगे और घरेलु हिंसा पर रोक लगेगा और दोषी को सजा दी जा सकेगी और लोग घरलू हिंसा पर रोक लग सकेगी।

जिला धनबाद,झरिया प्रखंड से विकाश कुमार गोप ने झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से घरेलु हिंसा में अपनी राय दे रहे है ये कहते है की उनके यहाँ एक दादी हुआ करती थी उसके चार बेटे थे लेकिन उन चारो में कोई भी बेटा उसे रखने के लिए तैयार नहीं था ये बुजुर्गों के प्रति बहुत ही अशोभनीय व्यवहार है।ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि महिलाओ से हम सब है महिलायें न होती तो इस दुनिया का कोई अस्तित्व ही नहीं होता। आज अगर हम अपने बुजुर्गों के साथ ऐसा करेंगे तो क्या कल हमारे साथ ऐसा नहीं होगा? इसलिए हमें बच्चो को अभी से सबकुछ सिखाना चाहिए ताकि आगे चलाकर महिला हिंसा न हो।