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पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला प्रखण्ड के जोड़ीसा पंचायत से भाषा शर्मा जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि इनके घर के नजदीक एक चापानल है, जहाँ मोहल्ले की सभी महिलायें पानी लाने के लिए जाती है।दिन के समय में तो पानी लेकर महिलायें अच्छे से आती है, लेकिन शाम के समय चापानल से पानी लेना बहुत मुश्किल होता है।चूँकि चापानल काफी ऊँचा जगह में है और नीचे पूरा कीचड़ भरा हुआ रहता है।यहाँ पर कई वृद्ध महिलायें और गर्भवती महिलायें भी पानी लेने के लिए आती हैं। और कई बार कई महिलायें पानी का बाल्टी लेकर गिर भी गयी है जिससे उन्हें चोट भी आयी है।साथ ही इस चापानल के सामने से एक पीसीसी सड़क भी गयी है और इस रास्ते पर लगातार गाड़ियों का आना-जाना लगा रहता है।बच्चे भी यहाँ पर खेलते रहते है।कई बार दुर्घटनायें घटते हुए इन्होने देखा है।इन सब चीजों को देखते हुए इनके मन में एक ही विचार आया कि कैसे इस समस्या का समाधान किया जाये। लेकिन इस समस्या के हल के लिए इनके पास किसी प्रकार का कोई साधन नहीं था।इसके बाद इनके गाँव में एक दिन आम सभा की बैठक हुई जिसमें भाषा जी ने भी भाग लिया और सभा में इस समस्या को सबके सामने रखा। पंचायत से मांग किया कि इनके मोहल्ले में जो चापानल है उसके सामने एक सोलर लाइट लगाया जाये। सोलर लाइट लगाने से महिलाओं को पानी लेने में दिक्क्त नहीं होगी। साथ ही बच्चों को खेलने में भी दिक्क्त नहीं होगी और इस जगह पर दुर्घटनायें भी नहीं घटेगी।इसके बाद इनके इस प्रस्ताव को आम सभा में पारित किया गया।आम सभा के पुरे सात महीने बाद इन्हें एक दिन मुखिया जी ने बुलाकर कहा की सोलर लाइट आ चूका इसे आप कहाँ लगाना चाहती है? भाषा जी ने चापानल के पास सोलर लाइट को लगाने के लिए कहा।इस तरह से सोलर लाइट लगाने के बाद से आज तक किसी तरह की कोई दुर्घटनायें नहीं घटीं हैं ।अब वृद्ध और गर्भवती महिलायें अच्छे से पानी भर कर ले जाती है।सोलर लाइट लगने के कारण गाँव के सभी लोग खुश है।इन सभी को ख़ुश देखते हुए ये भी बहुत खुश हैं । भाषा जी सभी को ये सन्देश दे रही है कि अगर किसी के आस-पास भी ऐसी समस्या है और इस तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है, तो ऐसी समस्याओं को आम सभा में रखें, महिला भागीदारी को बढ़ाएं और अपनी समस्याओं का समाधान करें।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से मदन लाल चौहान मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाघमारा प्रखंड अंतर्गत मांदरा पंचायत में एक ऐसी महिला हैं जिनका नाम लीला देवी है। वे समाज में अपनी जुनून और अपनी कर्मठ्ता से पहचानी जाती है।लीला देवी को 2007 में सहिया पद पर चयनित किया गया था। लीला देवी अपने कर्तव्य के प्रति तत्पर रहती हैं । 2010 में पुरे धनबाद जिले में दो ही महिला चयनित हुई थीं, जिनमें से एक हैं लीला देवी जो आज मांदरा पंचायत में एक सहिया के पद कार्य कर रहीं हैं। 2010 में लीला देवी को स्वास्थ्य विभाग एवं परिवार कल्याण विभाग झारखंड सरकार एवं झारखंड के राज्यपाल ने इनकी कर्मठ्ता को देखते हुए एक प्रशस्ती पत्र, परिचय पात्र एवं एक दिवार घड़ी देकर सम्मानित किया। साथ ही 2017 में धनबाद के उपायुक्त ऐ दोड्डे ने एक मोबाइल फ़ोन देकर सम्मानित किया। आज लीला देवी अपने कर्तव्य के पालन के कारण समाज में अपना एक अलग पहचान बनाईं हैं।

झारखंड राज्य के धनबाद जिले से राधु राय मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि आज महिलाएं भी हर क्षेत्र में सफलता की झण्डे गाड़ रहीं हैं। पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रहीं हैं।खेल का मैदान हो या राजनीती अथवा व्यवसाय हर कार्य में महिलाएँ आगे बढ़ रहीं हैं। किरण बेदी ,इंद्रा गाँधी,सोनिया गाँधी,ममता बनर्जी,पीटी उषा,सानिया मिर्जा और ना जाने कई महिलाएं समाज में अपनी अलग पहचान बनाई हैं।वे कहते हैं कि इच्छा शक्ति मजबूत और दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी काम कठिन नहीं होता है। ऐसी ही मार्ग पर चल रही गांव की एक बेटी सुबुक्तारा खातून ने इच्छा शक्ति,साहस और प्रतिभा के बल पर बीएसफ की नौकरी प्राप्त की हैं।आज अपने जाति धर्म और गांव का नाम रौशन कर रही है।आज वह लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत बनी हुई है।

झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि समाज में महिलाओं को आधी आबादी मानी जाती है।पुरुष समाज में महिलाओं को निम्न स्तर का माना जाता है,परन्तु नारी किसी भी युग में संघर्ष से नहीं हारती हैं।इसका जिता जगता मिशाल बाघमारा प्रखंड के अंतर्गत छत्रुटाढ़ पंचायत तथा महुदा पंचायत में देखने को मिला जहाँ सुशीला नामक महिला एक साधारण परिवार में होते हुए भी घर गृहस्थी, खेती बारी सबकुछ संभालते हुए बीएड की परीक्षा पास की।साथ ही कड़ी मेहनत कर वर्तमान में झारखंड पुलिस के रूप में कार्यरत हैं।वहीँ दूसरी महिला मोहदा पंचायत की सनीमा बीबी है,जो कि एक सुदूर गांव महुदा बस्ती की रहने वाली है।और वह अपना घर गृहस्थी के साथ साथ खेती बारी को सँभालते हुए अपने पंचायत की मुखिया बन कर पंचायत के कार्यभार देख रही हैं। और इस तरह वे समाज को यह सन्देश दे रही हैं कि नारी संघर्ष में कभी नहीं हारती हैं।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के झरिया प्रखंड से रानी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती हैं कि देश में महिलाओं को आधी आबादी माना है और यह सच भी है ।आज की महिला पुरुषों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रहीं हैं। आज महिलाऐं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं बल्कि कई क्षेत्रों में महिलाएं पुरुषों से भी बहुत आगे हैं। वर्तमान समय की बात की जाए तो झरिया प्रखंड निवासी लवली कुमारी जो अपने जीवन में आये हर छोटे बड़े संस्याओं का सामना करते हुए आज वो इतनी आगे निकली और आज वो बेंगलौर में इंजीनियर है।

झारखंड राज्य के धनबाद ज़िला के तोपचांची प्रखंड से रविंदर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं कि, तोपचांची प्रखंड अंतर्गत खेशमी पंचायत में रहने वाली अनीता महतो जिसने अपनी शादी के बाद न जाने कितनी समस्याओं को झेला। परन्तु दृढ़ मानशिकता वाली इस महिला ने कभी भी समस्याओं को अपने ऊपर हावी नही होने दिया।उनका उदाहरण गांव के हर तबके के लोग देते हैं। आज वो अपने मेहनत के बलबूते आस पास के ग्रामीण इलाकों में सरकार द्वारा मिलने वाले लाभों से लोगों को आवगत कराती हैं। और स्वयं प्रयास कर गरीबों के भलाई के लिये कामों में जुटी हुई हैं।आज अपनी शिक्षा के साथ-साथ घर परिवार और बच्चों की पढ़ाई के साथ समाज को भी अपने साथ लेकर चल रही हैं । अनीता महतो ने यह भी बताया कि घर पर कैद हो कर रहना कभी मंजूर नहीं था। समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए पुरुषों के साथ-साथ कदम मिला कर चलना सीखा है। आज वो महिला मोर्चा की सशक्त अध्यक्ष बन कर महिलाओं के लिए प्रेरणा श्रोत बनी हैं।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला से तफ़ज़्ज़ुल आजाद एक सफल महिला की कहानी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया जिनका नाम है चिंता देवी। चिंता देवी का जन्म 1 नवम्बर 1978 को गोमो में हुई और चिंता देवी अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय विद्यालय में पूरा की।और आज वे समाज कार्य के क्षेत्र में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहीं हैं।साथ ही लोगों को इंसाफ दिलाने का कार्य भी कर रही हैं। चिंता देवी ने अपनी आप बीती साझा करते हुए बताई कि 1999 में पढ़ाई करने के दौरान इनके सामने एक हादसा हुआ।इनके घर के पास एक परिवार में दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा।उस परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए प्रशासन के समीप चिंता देवी आवाज उठाईं, लेकिन उनकी बातों को नहीं सुना गया।और न ही उस परिवार को इंसाफ नहीं मिल पाया। उसी दिन से चिंता देवी ने अपने मन में यह ठान लीं कि अब वे कुछ ऐसी राहों को अपनाएंगी जिसे उनकी बातों को मानने पर प्रशासन मजबूर हो जाए, और लोगों को इंसाफ मिल जाए। फिर चिंता देवी ने वुमेन राइट संस्था से जुड़ी और आज वे धनबाद जिला सचिव के पद पर कार्य करते हुए क्षेत्र के लगभग दर्जनों लोगों को प्रशासनिक सुविधा मुहैया करवा रहीं हैं और लोगों को उनका हक दिलाने का कार्य कर रही हैं।साथ ही है अब चिंता देवी की बातों को काफी गंभीरता से लिया जाता है।इतना ही नहीं कार्य करते दौरान ही वर्ष 1999 में चिंता देवी की शादी हो गई इसके बावजूद भी आज समाज के कार्यों से हमेशा जुड़ी रहती हैं और लोगों को मानव अधिकार के तहत उनका हक़ दिलाने का प्रयास कर रही हैं।

झारखंड राज्य के धनबाद जिले से खुर्शीद आलम मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड के भूमणशा पंचायत में रहने वाली सबीना खातून जिनकी उम्र 36 वर्ष है और इनके विकलांग है। सबीना खातून अपनी मेहनत मजदूरी कर समाज में अपना नाम रौशन कर रहीं हैं