जिला हजारीबाग से ताजीम जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि आज समाज के लोग इतने गिर गए हैं की आज अपने बाल बच्चो के भविष्य बनाने के काम नहीं कर रहे हैं।जो बाल विवाह करने में जितना खर्च करते हैं अगर उस पैसे को बच्चे को पढ़ाने में खर्च करें तो बच्चे की भविष्य सुधर सकती है। कुछ लोग लालच में आकर बच्चे की जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं और बाल विवाह करवा देते हैं। ये बहुत बड़ा आपराधिक घटना है। लेकिन देखा जा रहा है की जिस वक्त बच्चे का पढ़ने लिखने का समय होता है उसी समय दहेज़ लेकर बच्चो के भविष्य को ख़राब कर दिया जाता है।

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हजारीबाग से राजेश्वर महतो जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि करोड़ों रूपए से बना विष्णुगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ दो डाक्डरों से संचालित हो रहा है।इलाके में लगभग पौने दो लाख की आबादी पे सिर्फ दो चिकित्सक हैं। विष्णुगढ़ प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक सरकारी हॉस्पिटल अत्याधुनिक सुविधा से लैस है। परन्तु डाक्डरों की संख्या आबादी के अनुपात में बहुत कम है।मरीजों को डाक्डरों की कमी के कारण बहुत परेशानी हो रही है।सन 1907 ईसवी में स्थापित इस राजकीय अस्पताल में 11 पद हैं।इसमें से 7 डॉक्डर समुदायिक स्वस्थ केंदर ,3 प्राथमिक उपचार इकाई और एक कुपोषण केंदर के लिए है।सरकार द्वारा फाइलों में दिखाने के लिए 5 डाक्डर है ,जिसमे से 3 हजारीबाग में पदस्थापित है।इस क्षेत्र में दो ए एन एम चाहिए,परन्तु कर्मचारिओं के अभाव में एक ए एन एम को प्रभार दिया गया है।इस समस्या की शिकायत मुख्य मंत्री जन -संवाद में की गई है ,लेकिन अभी तक इस तरफ सरकार ने कोई ध्यान नही दिया है

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिले से राजेश्वर महतो जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि वर्तमान समय में बच्चे और युवा-वर्ग भविष्य बनाने के होड़ में अपने माता- पिता और बुजुर्गो के प्रति अपने कर्तव्यों को भूल बैठा है।बुजुर्गो के आशिर्बाद से बच्चे अपने सपनों को साकार करते हैं तथा डाक्डर ,इंजीनियर ,आईएएस अधिकारी जैसे उच्च पदों पर आसीन होते हैं।काम का बोझ इस हद तक है कि चाह कर भी नौजवान बुजुर्गो को समय नहीं दे पाते और माँ -पिता को"ओल्ड होम" में भेज देते हैं।उच्च वर्ग में ज्यादातर ऐसा देखने को मिलता है।शहरों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गो के प्रति समय ,आदर,और सम्मान अभी भी देखने को मिल जाता है। स्कुल और कालेजों में श्रवण कुमार और रामचरित मानस को पढाई में शामिल करना चाहिए। साथ ही शिक्षण संस्थानों में नैतिक शिक्षा एवं बड़े -बुजुर्गो के सम्मान सम्बंधित कोर्स सिलेबस में शामिल करना चाहिए।विवेकानंद,सुभाष चंद्र बोस जैसे महापुरुषों की जीवनी के बारे में भी बच्चो को विस्तृत जानकारी देनी चाहिए।रोजगार के तलाश में युवक शहर चले जाते हैं और बूढ़े माँ -पिता पैतृक घर में अकेले रह जाते हैं और अपमान का जीवन बिताते हैं।

जिला हजारीबाग से श्री प्रसाद जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की यातायात के नियमो का पालन करने आए यातायात चालकों के लिए पुलिस प्रशासन को कठोर से कठोर नियम अपनाने पर ध्यान देना चाहिए।कई जगहों पर ब्रेकर ना होने की वजह से गाडी स्पीड चलाने वालो के साथ दुर्घटनाएं होती है।अत:पुलिस प्रशासन को तेज वाहन चलाने वाले चालकों पर रोक लगानी चाहिए

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झारखण्ड हज़ारीबाग से तेजनारायण ने मोबाईल वाणी को बताया कि स्कूलों में महापुरुषों के जन्म-दिन पर छुट्टी न दे कर उस दिन उनके बारे में बताया जाए। महापुरुषों की जीवनी पर चर्चा होनी चाहिए

तेजनारायण जी हज़ारीबाग से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि दहेज़ प्रथा एक कुरीतियाँ है जो समाज में फैली हुई है। एक जमाना था जब बिना दहेज़ के विवाह हुआ करता था। लड़कों को छः -छः महीना तक कन्या के घरों में हल चलाते थे