झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण प्रसाद कुशवाहा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि हज़ारीबाग़ जिले में लाह की खेती का घोर अभाव है।इचाक प्रखंड में लाह की खेती को बढ़ावा देकर किसानों के लिए रोजगार का साधन मुहैया कराई जा सकती है लेकिन यहां पर लाह की खेती नहीं की जाती है।हज़ारीबाग के इचाक प्रखंड में काफी दूर तक जंगली क्षेत्र है और जंगल में पलास के कई पेड़ है, जिसमे लाह की खेती की जा सकती है।वे कहते हैं कि वैसे क्षेत्रों में जहाँ लाह की खेती के लिए अनुकूल वातावरण है बावजूद इसके लाह की खेती नहीं की जाती है।उन क्षेत्रों के किसानों को प्रेरित कर लाह की खेती करवानी चाहिए।इसपर सरकार को ध्यान देना चाहिए।ताकि लाह की खेती कर किसान आत्मनिर्भन बन सकें।
झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से टेकनारायण नारायण प्रसाद खुश्वाहा ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मी के दिनों में कुआँ,तालाब,पोखर एवं नदियों में पानी सुख जाता है और पानी के लिए लोग व्याकुल हो जाते हैं।यहाँ तक कि कई चापाकल में पानी निकलता ही नही है और जहाँ निकलता है ,वहाँ चापाकल से पानी लेने वालों की लम्बी लाइन देखी जाती है।बरसात के पानी को संग्रह करने का उपाय समय रहते कर लेना चाहिए।इसके लिए बरसात के मौसम में जगह-जगह डोभा और तालाब का निर्माण होगा ,तो गर्मी के मौसम में जल-संकट से सम्बंधित परेशानियाँ नही होंगी।साथ ही ऐसे तालाब का भी निर्माण करना चाहिए जहाँ पहाड़ी क्षेत्रों से पानी बहकर उस तालाब में संग्रह हो जाए एवं गर्मी के मौसम में इस पानी का उपयोग मनुष्य और पशु-पक्षी कर पाएंगे।
झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के बड़कागांव प्रखंड बादम गांव से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं, कि बच्चों की शिक्षा में शिक्षक के साथ-साथ अभिभावक को अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है।आज शिक्षक छात्रों को विधालय में गुणवक्तापूर्ण शिक्षा दिया करते हैं लेकिन, यदि अभिभावक अपने बच्चों को घर में ध्यान नहीं देंगे तो शिक्षक का मेहनत बेकार चला जाता है। अतः अभिभावक अपने बच्चों को संध्या में साथ बैठ कर विद्यालय से मिली गृह कार्य को पूरा करवाए साथ ही अभिभावक अपने घरों में खुश नुमा माहौल, सभी परिवार के साथ एक समान और बड़ों का आदर करने की शिक्षा दें जिससे बच्चे सही मार्ग पर चलना सीखें।
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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग जिला के बड़कागॉव से रुपेश राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत इनके गाँव में मुखिया का चयन किया गया।लेकिन इनके गाँव के मुखिया ने गाँव के विकास के लिए पिछले 5 वर्षो में कुछ भी नहीं किया। हर ओर काम अधूरा और बिखरा पड़ा है।चाहे वो नाली निर्माण हो या गली का निर्माण।
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झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के बादम गाँव से रितेश राज ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बाल विवाह मुक्त झारखंड बनाने में समाज की अहम भूमिका है। बाल विवाह हमारे समाज के लिए एक बहुत ही बड़ी बिमारी है।अगर कोई व्यक्ति अपने बच्चों की शादी जल्दी करता है , तो उसे हमें समझाना चाहिए कि वो ऐसा ना करें। अगर लड़कियों की काम उम्र में शादी की जाती है , तो उनमें कम उम्र में माँ बनने की संभावना ज्यादा हो जाती है। जिससे जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसीलिए हम सभी को अपने आस-पास के लोगो को बाल विवाह के प्रति जागरूक बनाना चाहिए
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