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झारखण्ड राज्य के हाज़रीबाग जिला के इचाक प्रखंड से टेक्नारयण प्रसाद ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते है कि इचाक प्रखंड में बहुत सारे आम का पेड़ है।जिससे कई गुणा आम हर वर्ष उपज होता है।कई प्रकार के आम का उपज होता है।परन्तु व्यापारी इचाक प्रखंड में आकर आम को खरीद कर कम कीमत में ले जाते है ,और उस आम से अचार बनाकर उसे बेचकर अधिक मुनाफा कमाते है ।अगर किसी सामजिक संस्था के माध्यम से स्थानीय लोगों को आम के अचार का प्रशिक्षण करवया जाए तो उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। जिससे की आम का अचार बनाकर एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजकर इचाक प्रखंड का नाम रोशन किया जा सकता है,और बेरोजगरी की भी समस्या ख़त्म कि सकता है। इसके माध्यम से लोगों को सशक्त बनाया जा सकता है। इचाक प्रखंड के किसान 6 महीना काम करते है और 6 महीने पालयन कर जाते है। ऐसे किसनो के लिए आम का व्यवासय आम का अचार बनाकर बहुत अच्छा साधन बनाया जा सकता है।

झारखण्ड राज्य के हज़ारीबाग जिला के इचाक प्रखंड से टेक्नारयण प्रसाद ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते है की चिलचिलाती धूप और गर्म हवाओं के मौसम में आपकी कार्यक्षमता पर तो बुरा असर पड़ता ही है, अपने ऊपर अधिक ध्यान देने की भी जरूरत होती है।खासकर खानपान का तो इस मौसम में विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे में खाने-पीने का खास खयाल रखा जाए तो शरीर के कमजोर होने और बीमारी पास आने की आशंका काफी कम हो जाती है।इस मौसम में शरीर में पानी का स्तर ठीक रखना बेहद जरूरी है। इस घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि।साथ में भी पानी लेकर चलें।लू लगने पर शरीर में गर्मी, और थकावट महसूस होने लगती है।मसल्स में खिंचाव लगता है, शरीर टूटने लगता है और प्यास बढ़ जाती है। कई बार बुखार बहुत ज्यादा बढ़ जाता है ऐसे में बेहोशी भी आ सकती है।हमे इन से बचाना चाहिए।गर्मी के दिनों में लोगों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ता है। कुंआ ,तालब ,नलकूप ,सुख जाते है पानी का हमे बर्बादी नहीं करना चाहिए।आवश्यकता अनुसार पानी का उपयोग करना चाहिए।जगह -जगह लगाए पानी के घड़े का उपयोग करना चाहिए।सरकार को पानी की व्यवस्था करनी चाहिए।

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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के दारू प्रखंड से बलराम शर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि गर्मी का मौसम आते हीं मनुष्यों के साथ-साथ जीव-जंतुओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हम सभी को गर्मी से बचने के लिए घरेलू उपचार अपनाना चाहिए। जैसे कि-जब भी लोग अपने काम के लिए घर से बाहर निकलते हैं, तो आम का शरबत,निम्बू पानी, पुदीना और प्याज का सेवन करना चाहिए। इन सबका सेवन करने से लोग लू से बच सकते हैं। प्रत्येक वर्ष जब भी गर्मी आता है, तो अपने साथ कई चुनौतियाँ ले कर आता है। बढ़ती गर्मी के कारण कई राज्यों में लोगों को पानी की किल्ल्त होने लगती है। लोग 10-12 किलोमीटर दुर जा कर गंदे पानी पीने को बेबस हो जाते हैं। पानी के साथ-साथ लोगों को कृषि उत्पादन एवं बिजली कटौती का भी सामना करना पड़ता है। अतः प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को समझे और गर्मी के मौसम में लोगों को हर सुख सुविधा मुहैया करवाएँ।

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झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के बिष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बिष्णुगढ़ प्रखंड में जनवरी फ़रवरी माह में निलम्बित किसानो के द्वारा धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान जमा किया गया। जहाँ प्रखंड के दो पैक्स में 17 सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से कई किसान अधिक मुनाफ़ा के उद्देश्य से धान जमा किये। परन्तु अब तक कई किसानों के खाते में पैसा नहीं आया। जिससे किसानों में मायुसी छाया हुआ है।बिष्णुगढ़ के एक निवासी ने पैक्स में लगभग 20 क्विंटल धान जमा किये परन्तु उन्हें धान का पैसा नहीं मिला। इससे किसान अपने घरों में होने वाले कार्यक्रम जैसे-शादी विवाह को पूरा करने के लिए साहुकार से कर्ज लेने को विवश हो रहे हैं। एक ओर सरकार एक सप्ताह के अंदर किसानो के खाते में पैसा डालने की घौषणा करती है, पर आज सरकार की सभी घौषणा झूठी साबित हो रही है।