जिला धनबाद,प्रखण्ड बाघमारा से बीरबल महतो जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि सरकार द्वारा 2017-18 के मनरेगा मजदुरो के लिए जो केवल एक रूपया की वृद्धि की है,यह पूरा हास्यप्रद है।हालाँकि इस तरह नहीं होना चाहिए यह गरीबो के साथ मज़ाक किया गया है।सरकार गरीबो के हित के लिए सही निर्णय नही ले रही है। एक तरफ प्रत्येक वर्ष सरकार कहती है कि बेरोजगारी को दूर करेंगे और दूसरी तरफ बेरोगारी दूर करने के लिए एक रुपये की वृद्धि होती है,लेकिन वहीं विधायक और सांसदों के लिए लाखों की वृद्धि की जाती है। इस तरह का भेदभाव नही होना चाहिए क्योंकि मजदूरों और उनके वोटों से ही सरकार बनती है इसलिए मजदुरो को मजबूर ना करे।इसलिए ये मजदुर के हित में करें,मजदूरों के साथ इस तरह का मज़ाक ना करे की मात्र एक रुपया की वृद्धि हो। साथ ही वे कहते हैं कि आज सामानों की बिक्री में वृद्धि हो रही है,तो क्या एक रुपया की दर से बढ़ रही है?मजदूरों पर सरकार विशेष ध्यान दे।आज कल पढ़ा-लिखा सभी प्रकार के मजदुर मिलते है एक रुपया की वृद्धि कोई मायने नही रखती है। इस बात से बीरबल जी सहमत नहीं है इसलिए सरकार से अनुरोध करते है की इससे ज्यादा वृद्धि करने की कृपा करे।
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जिला धनबाद,से बीरबल महतो जी झारखण्ड मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि झारखण्ड राज्य में अशिक्षा,गरीबी,बेरोजगारी,महँगाई,अन्य राज्यो की तुलना में अधिक है।इसका मूल कारण झारखण्ड के विधायक एवम सासंद है।जहाँ एक तरफ आँगनवाड़ी सेविकाओं का छः-छः महीनों से वेतन रुका रहता है,वहीं विधायकों का वेतनमान में इजाफा दिन दूनी रात चौगुणी हो रही है और यहाँ के नेता करोड़पति से अरबपति बन रहे है।गौरतलब है कि झारखण्ड खनिज सम्पदा से परिपूर्ण होने के बाद भी यहां पर गरीबी और बेरोजगारी व्याप्त है।इतना ही नही सरकारी अस्पतालों में हमेशा ही कहीं-न-कहीं दवाओं की कमी पायी जाती है जिसके कारण रोगियों की सही से इलाज नहीं हो पाता है फलतः इलाज और दवा आभाव में उनकी मृत्यु हो जाती है।वे कहते हैं कि यहाँ के विधायक एवम सांसद की बातें हाथी के दांत के समान होते है अर्थात उनकी कथनी और करनी बिलकुल अलग होता है जिसके कारण झारखण्ड तो धनी है परन्तु झारखण्ड के लोग गरीब है।अतः बीरबल जी कहते हैं कि सांसद और विधायक जनता के सेवक होते है,उन्हें इस बात को बखूबी समझना चाहिए और झारखण्ड की लाज बचानी चाहिए। तभी जाकर राज्य से अशिक्षा,गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्या को दूर किया जा सकता है।
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जिला धनबाद,प्रखण्ड बाघमारा से बीरबल महतो जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि हमारे राज्य एवम देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया है,ताकि महिलायें देश,राज्य,जिला,प्रखण्ड,पंचायत में भागीदार बने और देश एवम पंचायत का विकास कर सके।महिलाओं को 50% आरक्षण मुखिया,वार्ड पंचायत समिति,जिला परिषद,आदि पदों के लिए दिया गया है,लेकिन जिस उद्देश्य से आरक्षण दिया गया है उसके अनुरूप काम नहीं हो रहा है।बाघमारा प्रखण्ड,धनबाद प्रखण्ड आदि जितने भी हमारे झारखण्ड राज्य में प्रखण्ड है,उसमे महिला मुखिया,पंचायत समिति,जिला परिषद् के लिए चुनी तो गयी है, लेकिन उनके रिश्तेदार या पति उनका कार्यभार संभालते है।इसमे यह भी देखा गया है की कुछ प्रतिनिधि अंगूठा छाप होते है फिर भी महिला आरक्षण के कारण खड़ी हो जाती है और जीत भी जाती है किन्तु ऐसी महिला प्रतिनिधि ना तो कोई विकास का कार्य कर सकती है और ना ही पंचायत में किसी प्रकार का कोई फैसला ले पाती है।कुल मिलाकर महिलायें अपना अधिकार नहीं ले पाती है,इसलिए पंचायत तथा राज्य स्तर पर एक ऐसा कानून बनना चाहिए जो पढ़ी-लिखी शिक्षित महिला हो या पुरुष हो वही लोग पंचायत चुनाव में भाग ले सके।इसके लिए कम-से-कम मैट्रिक पास होना चाहिए ताकि उन्हें विकास की जानकारी मिले तो वो खुद अपनी डायरी में लिख सके।
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जिला धनबाद प्रखंड बाघमारा ग्राम पंचायत तेतुलिया-2 भारडीह बस्ती से शिवपूजन हजारी मोबाइल वाणी के माध्यम से आधार कार्ड बनाने में लिए जा रहे पैसे के सम्बन्ध में धनबाद अन्तर्गत बाघमारा प्रखंड निवासी संध्या देवी से बातचीत करते हुए बता रहे है की नया आधार कार्ड बनाने के लिए 120 रुपये का फरमान जारी किया गया।उसके बाद संध्या जी से पूछा गया की पहले क्या आधार कार्ड बना है या नहीं तो संध्या जी ने हामी भरते हुए 6 मिनट के बाद पुराना आधार कार्ड का नंबर और आधार कार्ड का जेरॉक्स कॉपी दी ,लेकिन उसके बाद उनसे 150 रुपये का मांग किया गया। जिसमे वार्ड सदस्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका का बेटा और एक कंप्यूटर मास्टर शामिल है। ये लोग ग्राम की अन्य महिलाओ के साथ भी इस कार्य हेतु पैसा लेते हुए देखे गए। संध्या जी का कहना है की यह सब गैरकानूनी है और इस सम्बन्ध में उपायुक्त महोदय साथ में प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिख कर इस समस्या से अवगत कराना चाहती है।संध्या जी कहती है की आज देश गरीबी और भ्रस्टाचारीयों से लड़ रहा है।मेरे साथ जो किया गया वह अन्यायपूर्ण कार्य है। फर्जी रूप से आंगनबाड़ी में जो आधार कार्ड का कार्य किया जा रहा है वह बंद कर इसकी जाँच होनी चाहिए।ग्रामीण लोग पढ़े-लिखे नहीं है।आधार कार्ड आम आदमी का अधिकार होता है इसे निःशुल्क बनाना चाहिए और जल्द से जल्द मुहैया कराना चाहिए।
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