झारखंड राज्य के धनबाद जिला से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से खान क्षेत्र में स्वास्थ्य के दुष्प्रभाव पर एक कविता सुनाया। इस कविता के माध्यम से उन्होंने बताया कि खान क्षेत्र में प्रदुषण काफी हद तक बढ़ता जा रहा है। लोगो में कई बीमारियाँ तेज़ी से फ़ैलती जा रहीं है इसके लिए हम सभी को सचेत रहने की आवश्यकता है।

झारखंड राज्य के धनबाद जिला के महुदा से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कोयला खान क्षेत्र में लोगो के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। कोयला खदानों से निकलने वाली धूल भी काफी हद तक प्रदुषण को फैलाती है। जिस कारण लोगों में कई तरह की बीमारियाँ फैलती जा रहीं है। गर्भवती महिलाओ में भी इस प्रदूषण का असर देखा जा सकता है। पिने के पानी के प्रदूषित होने के कारण भी लोगों का स्वास्थ्य हमेशा ख़राब होता जा रहा है

राज्य झारखण्ड ,जिला धनबाद ,प्रखंड बाघमारा से बीरबल महतो मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धनबाद से बीस किलोमीटर दुरी पर बाघमारा प्रखंड के अंतर्गत मोहदा में कोयले की कई खाने कोयला निकालने के लिए जमीं की खुदाई कर जमीन को खोखला बना दिया गया है। जिसके कारण कुआं ,तालाब एवं खेतों में पानी नहीं ठरता है। यहाँ तक की अधिकतर नलकूपों के द्वारा पानी भी नहीं निकलता है। लोग खादानों का पानी का उपयोग कर अपने जीवन को संकट में डाल रहे हैं। यहाँ के किसान पानी के आभाव के कारण खेती नहीं कर पा रहे हैं। लोग रोजगार के कारण अन्य राज्य में पलायन कर रहे हैं। कोल्यारी क्षेत्र में शुद्ध पानी का काफी आभाव होने के कारण अधिकतर लोग रोगो से ग्रषित होते हैं।मोहदा थाना अंतर्गत छत्रुताड़ बस्ती में दो बच्चे हाल ही में इसके शिकार हुए हैं जिनका उम्र दो या तीन वर्ष था।

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झारखण्ड राज्य के धनबाद जिले से कंचन कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती हैं कि आजादी के बाद आज शिक्षा में काफी बदलाव आया है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर में काफी सुधार आया है। गाँवों में शिक्षा के प्रति लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिल रही है, क्योंकि पहले गाँवों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी। परन्तु आज शहरों की अपेक्षा गाँवों में शिक्षा की हर सुविधा दी जा रही है जैसे-जगह-जगह पर स्कूल बनाई गई है, कम उम्र के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी की सुविधा दी जा रही है।ताकि भारत वर्ष में शिक्षा का ऊपर हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि यहाँ की कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। आज भी देश के 70% आबादी केवल कृषि पर ही आधारित है। आजादी के इतने साल बाद भी कृषि कार्य करने वाले किसानों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। जिसकी सुधार करने के लिए सरकार तरह-तरह के कार्यक्रम चला रही है, परन्तु किसानों तक इसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। जिस कारण किसानों स्थिति दिन प्रतिदिन ख़राब होने के कारण किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो जा रहे हैं। अतः सरकार किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए जल्द से जल्द कोई कठोर कदम उठाएं।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिले से तफज्जुल आज़ाद जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि बाल विवाह एक सामाजिक कोठ है, यह अशिक्षा के कारण फल-फूल रहा है। यह प्रचलन अधिकांश रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है। ग्रामीणों क्षेत्रों के लोगों का यह मानना है कि बेटी की शादी जितना जल्द हो सके कर देना चाहिए साथ ही परिवार वालों की यह भी सोच होती है की बेटियों की शिक्षा में जितना पैसा खर्च करेंगे उतना में उसकी शादी कर लेंगे,और बेटियां लोगों की बुरी नजर से भी बची रहेगी। इसी सोच के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में कर देते हैं। अतः इसे रोकने के लिए शिक्षित वर्ग के लोगों को आगे आने की आवश्यक्ता है ताकि वे लोगों को बाल विवाह के कुपरिणामों के प्रति जागरूक कर सकें। जिससे लोग समाज के डर से अपने बच्चों को नर्क में ना ढकेले। सरकार की ओर से भी बाल विवाह के प्रति कड़ी क़ानूनी करवाई किया जाए ताकि लोग बाल विवाह करने से सोचें।

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