जिला धनबाद से दिलीप कुमार जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बबली के माँ-पिताजी उसके साथ गलत कर रहे है,उसे पढ़ने देना चाहिए।

जिला धनबाद के बाघमारा प्रखंड से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि, हमारी भेषभूसा एवं हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। परन्तु आज हम सभी पश्चिमी देशों के भेषभूसा पर अधिक ध्यान देने लगें हैं जिनके कारण हमारी संस्कृति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है।अतः सभी अभिभावकों को यह जरुरी है कि, वे अपनी संस्कृति को याद रखते हुए,अपने पहनावे को ध्यान में रखते हुए उसे विलुप्त ना होने दें।भारत में पुरुषों का भेषभूसा धोती-कुर्ता एवं महिलाओं का सूती साड़ी है इसे नहीं भूलना चाहिए।आज यह देखा जाता है कि लोग अधिक समय टीवी में पश्चिमी देशों की बाते सुनते,करते और देखते रहते हैं जिसके कारण भी आज लोग अपने देश की सभ्यता को पीछे छोड़ दे रहें हैं।हमें अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है।सरकार की ओर से भारतीय संस्कृति को जीवित रखने के लिए समय-समय पर किसी उत्सव एवं समारोह में इसकी चर्चा करें।

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जिला धनबाद से अजीत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से मच्छर को मारने वाले दवा का नाम जानना चाहते हैं

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बीरबल महतो जी धनबाद से मोबाईल वाणी के माध्यम से एक कविता प्रस्तुत कर रहे हैं जो की पलायन पर आधारित है।

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झारखंड राज्य के धनबाद जिला से राधू राय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता के जरिए यह सन्देश दिया कि मलेरिया मुक्त समाज के अभियान से हम सबने यह जाना कि मलेरिया बीमारी मादा एनोफेलीज मच्छर के काटने से फैलती है। इससे बचने के लिए हमें अपने आस-पास साफ़ सफाई का ध्यान रखना चाहिए।साथ ही गढ्ढो में पानी को नहीं जमने देना चाहिए। जिससे मलेरिया के मच्छर को पनपने का मौका ना मिल सकें। अगर किसी को भी कपकपीं के साथ बुखार आये , तो तुरंत ही अस्पताल जाकर इसका इलाज़ समय रहते करना चाहिए। तभी हम मलेरिया को समाज से हटा सकते है

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