राजेश कुमार मिश्र ग्राम ठुमरिया प्रखंड कांके जिला रांची से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की उनके नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं, साथ ही राजेश जी ने बताया की अन्य स्वास्थ्य केंद्र में सारी मुलभुत सुविधा उपलब्ध होती हैं मगर उनके स्वास्थ्य केंद्र में इन साड़ी सुविधा का आभाव हैं.
अर्पणा बाड़ा काके प्रखंड रांची से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर विस्थापन के सम्बन्ध में बताया की झारखण्ड में विस्थापन एक राजनीती मुद्दा हैं जिस पर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया हैं हैं और जिस पर लाखो लोगो को विस्थापित कर उन जमीनों पर बड़े घरानों को बसने का कार्य कर रही हैं जिस कारन आदिवासी समुदाय खतरे में हैं जिसका प्रत्यक्ष उधाहरण जनवरी २०१२ में नगदी में विस्थापन सरकार ने किया हैं जहाँ पर २१०० परिवार जिनका जमीन २२७ एकड़ जमींन सरकार ने छिनने की कोशिश की और उस पर आई आई एम् बनाने का कार्य चालू कर दिया हैं पर आदिवासियों ने अपन आन्दोलन चालू रखा और सरकार के कहने के अनुसार की यह जमीं १९५७-५८ में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित की गयी थी मगर आर ती आई के अंतर्गत सूचना मांगने पर राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय ने इंकार कर दिया की यह जमीं उन्होंने अधिगृहित की थी और इस का कोई दस्तावेज उनके पास नहीं थी.भू-अर्जन के अधिकारीयों के पास भी इस के सम्बन्ध में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे की क्यों इस जमींन का अधिग्रहण सरकार के द्वारा किया गया था. दूसरी ओर यह कानून में उल्लेख हैं की अगर जमींन अधिग्रहण के ३० वर्षो के अन्दर उस पे किसी भी तरह का कार्य नहीं होता हैं तो वह जमीं विस्थापितों को लौटा दी जाती हैं परन्तु ५० वर्ष बिट जाने के पश्चात भी किसी भी तरह का कार्य सरकार के द्वारा नहीं किया गया हैं.सरकार ने इस जमीं का मूल्य भी जमा करदिया जो की १३३७३२ रुपये थी जिसकी जानकारी किसी भी ग्रामीणों को नहीं थी.नगदी की जमीन कृषि योग्य जमीन हैं जिससे वाहने निवासी कृषि कर अपना जीवन यापन चलाते हैं.इस सम्बन्ध में ग्रामीण बहुत सारे नेताओं से मिले मगर उन्होंने सिर्फ आश्वासन दिया किया कुछ भी नहीं. अंत में सरकार के आई आई एम् बनाने का फैसला वापस लिया मगर इसकी कोई लिखित जानकारी उनके पास नहीं हैं.
रांची: कांके , रांची से अर्पणा बड़ा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि कांके में दिनांक २१ मार्च २०१३ से ३१ मार्च २०१३ सिक्यूरिटी गार्ड के लिए नियुक्ति के नाम पर कंपनी वालों ने(कंपनी का नाम aकोबरा बटालियन सिक्यूरिटी एजेंसी)इसमें १५० सिट था थाना में सूचना दिया गया था और ६०० से अधिक महिला और पुरुष को थाना के सामने दौड़ाया गया.और उन सभी से ६०००-६००० रुपये ड्रेस के नाम पर पैसा भी लिया गया. यह रिक्तिया थी रीनपास और सीआईपी मेंटल हॉस्पिटल में सिक्यूरिटी गार्ड के लिए. इसके बाद खबर आई की कंपनी वाले करोड़ों की संख्या में पैसे लेकर उड़न छू हो गए जब महिलाएं पिठोरिया थाना ममें गईं तो पुलिसे का कहना था कि हमे जानकारी नही थी जबकि थाना के सामने यह कम हो रहा था. वे कहती हैं कि कंपनी वालों ने इतनी बड़ी रकम नियुक्ति का झासा देकर ले गए लेकिन पुलिस प्रशासन हाथ पे हाथ धरे बैठे रह गई.
रांची कांके से मनोज कुमार जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को यह जानकारी दिया की बूटी मोड पर आज से 6 साल पहले एक हाई मास्क लाइट लगाया गया था जो की लगभग एक वर्षो तक कार्य करने के बाद ख़राब हो गई और बीते ५ वर्षो में उसकी मरम्मत नहीं हो पाई है जिस कारण लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.उन्होंने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से नगर निगम के पदाधिकारीयों से यह अनुरोध किया हैं की जल्द से जल्द इस पर करवाई कर इसे ठीक किया जाये.
काके प्रखंड के ग्राम सुदर नगर से अर्पणा बाड़ा ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पे आठ तारीख को मनाने जा रहे महिला दिवस पर बात की एवं महिला सशक्तिकरण पर पूछे गए प्रशन महिलाए क्या पुरुषो से पीछे है? का जवाब देते हुए बताया की हमारा देश पुरुष प्रधान देश है.यहाँ पे आज तक महिलाओ के साथ भेदभाव बरता जाता है महिलाए आज घरों से बाहर जरुर है लेकिन आज भी अपने पति के निर्णयों पर निर्भर रहती है वे अपने फैसले खुद लेने की आजादी नहीं हैं. इस से यह साबित होता है की महिलाए कितनी आंगे हैं. महिलाओ के किये जो कानून वयवस्था है जो बहुत ही लचर है कुछ कानून जो बने हैं जैसे 1961 में दहेज़ प्रथा कानून बनी फिर उसमे 1984 में संसोधन करके भारतीय धंद सहिंता में धरा 304(B)को जोड़कर बहू की संदिग्ध अवस्था में हत्या पर न्युनतम सात साल एवं अधिकतम आजीवन कारावास की सजा सम्मिलित कर दी गइ. मगर इसका प्रभाव समाज पे क्या है हम जानते हैं. सरकार ने महिला सशतिकरण के लिए कोई थोश कदम नहीं उठाए है.महिलाओ के लिए कानून तो बनते है मगर लागु नहीं होते हैं.उन्हें न्याय भी पाने में वर्सो लग जाते हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार को चाहियें की उन्हें हार क्षेत्र में आगे लाये और सबसे जरुरी है उनके बिच जागरूकता लाना ताकि वो अपने अधिकारों को जाने. बहुत सारे स्वमसेवी संस्था महिलाओ में जागरूकता फ़ैलाने का काम रहे हैं ताकि समाज में वो आगे आयें. सरकार महिलाओ के बिच जागरूकता के लिए ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं बनाई है जो जमानी स्तर पर लागु हो. सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण नाम मात्र का हो रहा हैं.
Arpana Bada from Kanke, Ranchi district called to inform the listeners about public opinion on women empowerment through a vox-pop. Parth Sarthi Banerjee, a social activist commented that strengthening the women economically through self-help group formation, micro investment etc. can be an effective tool for women empowerment. He strongly believes that strict and stringent laws and their implication are necessary to rule out violence of any form against women, eve teasing in schools and colleges should not be tolerated. A strong network of active women at the community level should be built up to tackle with any instances of violence and exploitation of women and bring it to notice of police and judiciary.
रांची: अर्पणा बाड़ा ने कांके रांची से झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि सरकार द्वारा नगड़ी में २२७ एकड़ जमीन अधिग्रहण करने के बाद हालाँकि अभी सरकार द्वारा वहां पर कोई कार्य नही चल रहा है लेकिन अब सरकार नगड़ी के आगे पिठोरिया में ग्रामीणों को नोटिस जारी किया है कि जल्द से जल्द जमीन खाली की जाए.
रांची:अर्पणा बाड़ा ने कांके,रांची से झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि कांके में नि:शक्त बच्चों के लिए एक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे पुरे ३६ पंचायत के १०० गाँव के लगभग ५० बच्चे शामिल हुए, खेल में शामिल बच्चो को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.
Arpana Bada from Kanke block of Ranchi district called up to inform the listeners of JMR about the event for the specially abled children. In this event distribution of several things would be done namely, wheelchair, etc. She concluded saying that this initiative is praise- worthy.
Arpana Bada from Kanke block of Ranchi district called to share with the listeners of JMR about the stakeholder meet on MNREGA. She informed that, the meeting was held in the block head office in the presence of all the ward-members, Panchayat Samiti members and also people's representative from the villages. This meeting was called to discuss on the issue of how the funds would be used for welfare of the area at large. She also informed that the meeting was a successful one.