जिला हजारीबाग,प्रखण्ड बड़कागाँव स्थित बादम गांव से रितेश राज़ जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बड़कागाँव क्षेत्र स्थित माँ पंचबहिनी मंदिर के बारे में बताते हुए कहा कि माँ पंचबहिनी मंदिर गोन्दलपुरा और बादम पंचायत के बीच एक नदी के किनारे बना हुआ है। यह एक बहुत ही पवित्र और मान्यता वाला मंदिर है।इस मंदिर में लोग बहुत दूर-दूर से देखने के लिए आते हैं । यह मंदिर होने के साथ साथ एक बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल भी है।

राज्य झारखण्ड,जिला हज़ारीबाग़,प्रखंड बड़कागांव से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से बाल विवाह मुक्त झारखण्ड अभियान के संदर्भ में बताते हैं कि, बाल विवाह रोकने के लिए सभी को सबसे पहले जागरूक और शिक्षित होने की आवश्यकता है साथ ही बेटा-बेटी में की जाने वाली भेदभाव को मन से दूर करने की जरुरत है। क्योकि आज बेटियां भी वो काम कर के दिखा रही है, जो केवल बेटा करते थे।फिर क्यों बेटियों को निचभवना से देखा जाता है...? अतः हम सभी बेटियों को सम्मान,इज्जत और संस्कार देने की कोशिश करनी चाहिए।जिस तरह बेटे को अच्छी शिक्षा देते है। उसी तरह बेटी को भी अच्छी शिक्षा देने की आवश्यकता है

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झारखण्ड के हज़ारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड से रितेश राज ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा चलाई गयी योजनाएँ जनता तक नहीं पहुँच रही है।आम जनता की समस्याओं में कोई कमी नही देखी जा रही है। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के कारण किसानों को खेतों की सिंचाई में ज्यादा खर्च हो रहा है तथा किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य भी नहीं मिल रहा है।साथ ही वर्तमान में मजदूर जितनी मेहनत करते हैं, उन्हें उसके मुताबिक मजदूरी नहीं मिल पाती है।इस वजह से मजदूर अपने बच्चों को सही शिक्षा नही दे पाते हैं।और इस तरह गरीब व्यक्ति निरंतर गरीबी की दलदल में फंसता चला जाता है। झारखण्ड का विकास तभी संभव है,जब किसान,मजदूर और गाँव का सर्वांगीण विकास होगा।

जिला हज़ारीबाग़, प्रखंड बड़कागांव से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि झारखण्ड एक कृषि प्रधान राज्य है और यहां के किसान तरह-तरह की खेती करते हैं।किसान फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए अपने खेतों में कीटनाशक दवाई एवं रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं,जिससे खेतों की उर्वरा शक्ति कम होती है। साथ ही रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाई का उपयोग कर उपजाए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करना मानव जीवन के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।वर्तमान समय में लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने की शिकायत मिल रही है, जो किसी न किसी हद तक कीटनाशक दवाई एवं रासायनिक खाद से उपजे खाद्य पदार्थ के उपयोग से हो रहा है।अतः मोबाइल वाणी के माध्यम से यह सन्देश देते हैं कि झारखण्ड के किसान केंचुआं खाद बनायें और अपने खेतों में कम्पोस्ट खाद का उपयोग करे, जिससे मिट्टी में पोषक तत्वों की पूर्ति होगी साथ ही लोगों को बिमारियों से निजात भी मिलेगी ।

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जिला हजारीबाग बड़कागांव से रितेश राज जी मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि आज हमारे समाज में जो बाल विवाह हो रही है वो चिंता का विषय है। हमारे आस पास के बच्चो के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। बच्चो को पैसे का लालच देकर काम करवाया जाता है। ये सभी समस्या से हमारे समाज की स्थिति जर्जर बन गई है। हमें इन सब समस्याओं से समाज को मुक्ति दिलाना होगा।

प्रखंड बड़कगांव,जिला हजारीबाग, से रितेश राज जी मोबाईल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि झारखण्ड एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ के लगभग 50 % लोग किसान है। यहाँ के किसान खेती करने के लिए पूरी तरह से मानसूनी वर्षा पर निर्भर रहते हैं । रबी फसल के बारे में उनका कहना है कि ये मानसून के आधार पर पैदा होता है। अगर मानसून में बदलाव आई तो सारी फसल नष्ट हो जाती है। और किसानों का सारा मेहनत पानी में बह जाता है। लेकिन गौर करने वाली बात तो यह है कि सरकार की तरफ से किसानों को किसी भी तरह का मुवाजा नहीं दी जाती है। साथ ही हर गांव में किसानो के मदद के लिए कृषि मित्रों की नियुक्ति की गई है लेकिन कृषि मित्र के द्वारा भी किसानों को बीज मुहैया नहीं कराइ जाती है। इसके अलावा किसान जो बीमा करवाते हैं उसका भी लाभ किसानों को नहीं मिलता है।वे कहते हैं कि शायद यही वजह है कि राज्य में किसानों की स्थिति दिन बा दिन सुधरने के बजाये ख़राब होती जा रही है । अत: वे सरकार से आग्रह करते हैं कि इन सभी समस्याओं से किसानो को मुक्ति दिलाने का कोशिश किया जाए, ताकि किसानों की स्थिति में सुधार आये।

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