झारखंड राज्य के हजारीबाग जिला के बड़का गाँव प्रखंड से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से अपना विचार साझा करते हुए कहते हैं कि हजारीबाग जिला में किसान लाह की खेती नहीं कर पाते हैं,क्यूँकि उन्हें लाह की खेती की कोई भी जानकारी नहीं है।अगर यहाँ भी किसानों को लाह की खेती के बारे में जानकारी होती तो किसान वर्ग इसकी खेती कर लाभ प्राप्त कर सकते थे।वो मोबाइल वाणी के माध्यम से यह कहना चाहते हैं कि यहाँ के किसानों को भी लाह की खेती का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि किसान लाह की खेती कर सके। वे कहते हैं कि कई बार यह देखा गया है ,कि किसानों को खेती की जानकारी नहीं होती है,और वो फसल बो देते हैं।बाद में फसल बर्बाद हो जाती है,जिससे उन्हें काफी नुकसान होता है।इसलिए यह जरुरी है कि किसानो को उन सभी फसलों की जानकारी दी जाए।जिनके बारे में उन्हें नहीं पता होता है।
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झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला के प्रखंड बड़कागांव प्रखंड के बादाम से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि इनके प्रखंड में भी सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को पशुपालन के तहत गाय दिया गया। लेकिन सरकार और पशु विशेषज्ञ द्वारा उन किसानो को , जिन्होंने गाय लिया था , उन्हें पशुपालन की सही विधि नहीं बताई गई है। जिस कारण उन किसानों के पशु कई बार बीमार भी होते जा रहे है। अगर वे किसान कभी अपनी समस्या को पशु विशेषज्ञ को बताते भी है , तो उसका सही समय पर निराकरण नहीं होने के कारण , पशु मर भी जा रहे है। अतः सरकार को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।
झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ ज़िला के बड़कागांव से रुपेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं, कि महिला एवं पुरुष के कार्यों के बीच मजदूरी भत्ता में असमानता एक चिंता का विषय बन गया है। गांवों में अक्सर यह देखा जाता है कि पुरे घर-गृहस्थी सँभालने की जिम्मेदारी एक अकेली महिला के ऊपर रहता है। महिला मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते हुए पुरे परिवार को चलाती हैं। आज जो कार्य पुरुष करते हैं, वही कार्य महिलाएं भी कर रही हैं। लेकिन यदि वेतन की बात करें, तो पुरुषों के कार्यों की अपेक्षा महिलाओं को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है। आज समाज में बेटा-बेटी और महिला पुरुष में हो रहे भेदभाव को कम किया जा रहा है, लेकिन मजदूरी भत्ता देने के समय दोनों में अंतर किया जाता है। जिससे महिलाएं पूरी जिज्ञासा से अपने कार्य को नहीं कर पाती हैं।
जिला हजारीबाग, ग्राम पोस्ट बादम, थाना बड़का गाँव से रुपेश राज जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बोल रहे है कि झारखण्ड में कोयला खदानों का बंद होना हमारे गरीब मजदूरों पर भारी पड़ रहा है जिनसे वो बेरोजगार हो जायेगे । लगभग 70 % लोग काम कर के गरीब मजदूर अपना जीवन चला रहे हैं। कोयला खदानों के बंद होने से मजदूरों के बच्चों का भरण पोषण, उनकी शिक्षा पर असर पड़ेगा। और यह मजदूरों के लिए बड़ा चिंता का विषय है। ये मोबाइल वाणी के माध्यम से कहना चाहते है की कोयला खदानों के बंद होने के कारण अपनी जीविका नही चला पा रहे हैं। इनके लिए कोई अन्य काम की व्यवस्था होनी चाहिए।
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झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के बड़कागाँव प्रखंड से रितेश राज मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि सरकार अगर देश का विकास चाहती है तो सबसे पहले गाँवों का विकास होना जरुरी है।ग्रामीण क्षेत्रों को जब तक विकसित नहीं किया जाएगा तब तक देश के विकास का प्रयास असंभव है।गाँवों के विकास के लिए जरुरी है कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जाए।ऐसा कई बार देखा गया है कि सरकार द्वारा चलाई गयी योजना सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक ही सिमित रह जाती है।सरकार द्वारा शुरू की गयी डिजिटल सेवा का लाभ भी अब तक हमारे गाँव में नहीं पहुँच पाया है।इसकी मुख्य वजह है ग्रामीण क्षेत्रों को अब तक इंटरनेट से जोड़ने के लिए किसी भी प्रकार के टावर या वाई-फाई की व्यवस्था नहीं की गयी है।इन सभी योजनाओं की जानकारी अगर गाँव के लोगों को दी जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में इन योजनाओं को सही तौर पर चलाया जाए तो ही गाँवों का विकास संभव हो पायेगा।
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