चतरा: सिमरिया,चतरा से राजू कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि १७ मई २०१३ को समिरिया प्रखंड के जबरा एवं कसारी पंचायत में स्वयं सेवी संस्था विकाश भारती ने लगभग आधे दर्जन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया.इस दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों में कई तरह की कमियां पाई गईं. यह संस्था इन कमियों का लिस्ट तैयार कर सरकार तक पहुचाएगी.उन्होंने बताया कि निरिक्षण के दौर यह भी पाया गया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की खुले का समय सुबह ७:३० बजे से ११ बजे तक है जबकि यहाँ ९ बजे तक केंद्र बंद पाए गए साथ ही केन्द्रों में बच्चों की संख्या न के बराबर रहता है सेविका मुस्किल से ४-५ बच्चे को बैठा कर रखी थीं उन्हें सिर्फ खाना खिला कर भेज दिया जाता है जबकि सबसे बच्चे आंगनबाड़ी में ही पढ़ना सीखते हैं. लेकिन यहाँ की स्थिति देख ऐसा तो नही लगता की यहाँ पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है. वे कहते हैं कि आज छोटे बच्चे नशा के शिकार हो रहे इसके पीछे भी इस तरह के यह व्यवस्था, समाज और साथ ही अभिभावक जिम्मेदार हैं. इसमें सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन नही होना भी एक कारण है .
राजू कुमार चतरा सिमरिया से झारखण्ड मोबाइल वाणी पर सिमरिया प्रखंड के दक्षिणी भाग में कसारी पंचायत में पेयजल की बहुत ही समस्या हैं गर्मियों के शुरू होते ही पानी की समस्या बढ़ जाति हैं हिस्से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं जिस कारन यहाँ के ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं और बचे हुए ग्रामीण जंगलो एवं पहाड़ो में समय व्यतित करते हैं. झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से सरकार से अपील करते हैं की इन महिलाओं को जिनको सरकारी समूह से जोड़ा जाये ताकि इनका आर्थिक विकास हो सके.
चतरा सिमरिया से राजू जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी पर बताया की पंचायत बिर्वाखुर्द ग्राम अलगदिहा में पानी भरने के क्रम में कुएं में महिला के गिर जाने से उसकी मृत्यु अस्पताल जाने के क्रम में हो गई.मृतक महिला का नाम रेनू देवी पति बिनोद यादव हैं मृतिका ने अपने पीछे दो बच्ची को छोड़ गयी हैं.
राजू चतरा से झारखण्ड मोबिल्र वाणी पे महिलाओं के कृषि के कार्यों के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहते है की हल चलने का कार्य पुरुष करते हैं लेकिन बिज बोने से लेकर फसल के तैयार एवं उसकी देखरेख महिलायें ही करती हैं .आज कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी ज्यादा होती हैं क्योंकी पुरुष समाज को बाहर के कार्यों को भी करना पड़ता हैं इस तरह महिलायें कृषि के कार्यों में पुरुषो से ज्यादा कार्य करती हैं.आज महिलायें अपने समाज एवं परिवार के विकाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
चतरा सिमरिया से राजू जी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया की सिमरिया प्रखंड के जबरा पंचायत नवादा गावं में मनरेगा के अंतर्गत एक सड़क बनाया जा रहा हैं. मनरेगा कानून के अंतर्गत हम जानते हैं की सारे कार्य मजदूरो से करवाए जाते हैं. इस कार्य में मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता हैं इसके बावजूद मनरेगा के तहत बन रहे सड़क में मिटटी ढुलाई का कार्य ट्रेक्टर द्वारा किया जा रहा हैं. इस सम्बन्ध में रोजगार सेवक से बात करने की कोशिश की गई मगर उन्होंने फ़ोन को नहि उठाया और मुखिया ने अपना फ़ोन बंद कर रखा हैं.इस तरह के कार्य भ्रष्ट अधिकारियों की मिली भगत से किया जाता हैं.
चतरा: सिमरिया, चतरा से राजू कुमार ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते हैं कि इस क्षेत्र से कई ऐसे पलायन करने वाले लोग है जिनका पंजीयन नही हुआ है. वे कहते हैं ऐसा दोनों पक्ष के कमी के कारन होता है, पलायन करने वाले लोग भी इस तरह की बातो पर ध्यान नही देते है और पलायन करते हैं जब किसी तरह की अप्रिये घटना घटती है तब इस तरह की बात सामने आती है वहीँ दूसरी ओर सरकार इस तरह के कार्य करने हेतू कर्मचारियों को नियुक्ति कर रखा है लेकिन वे इस ओर कोई काम नही करते है. और यही वजह है कि आज जरुरतमंद लोगो के लिए बनाई गई कोई भी योजना उन तक नही पहुँच पति है. वे बताते हैं कि हमारे क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम चल रहे है लेकिन काम करने वाले अधिकार मजदूरों के पास जॉब कार्ड नही है और काम बिचौलियों के माध्यम से करा ली जाती है ऐसे में अगर उनके साथ किसी तरह के अप्रिय घटना घटती है तो किस स्तर से सहायता की मांग की जायेगी.
Raju Kumar from Simariya Block of Chatra District called up to inform about the peaceful Holi celebrations in their area.
Transcript Unavailable.
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चतरा: राजू कुमार ने सिमरिया,चतरा से झारखण्ड मोबाइल वाणी को बताया कि कसारी पंचायत स्थित वैरुनी तालाब का पानी भीढ़ काटकर बहा दिया गया.इस तालाब में मछली पालन हेतू मछली डाले गए थे इस तालाब को गाँव के ही अशोक तुरी ५ वर्ष के लिए लीज पर लिया था.पानी बहाने का कारन है भूमि संरक्षण विभाग द्वारा तालाब का गहरीकरण करने की योजना थी जिसका कार्य मार्च में शुरू होने थी. ज्ञात हो कि इस तरह के मामले पहले भी सामने आये हैं जिसमे कसारी पंचायत के बड़का आहर तालाब में बिचौलियों के द्वारा मात्र ७ दिन काम कराया और तालाब में पानी भर जाने के कारन काम रोकना पड़ा और अभी तक फिर कार्य नही पाई. इतना ही बिना काम किये ही पैसो की निकासी कर ली गई.उन्होंरे बताया कि यह दोनों तालाब अति प्राचीन काल के हैं और ये तालाबे इतिहास के प्रमाण के तरह मन जाता है.इन तालाबों से आस पास के लोग सिचाई एवं अन्य कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है.