झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के जमुआ प्रखंड से शिव चरण वर्मा मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताते हैं, कि जमुआ प्रखंड में कई निजी विद्यालय खोले गए हैं। इन निजी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक के मिली भगत से अभिभावकों को लूटने का कार्य किया जा रहा हैं।प्रधानाध्यापक द्वारा अभिभावकों से कहा जाता है, कि हमारे स्कूल से ही आपको किताब एवं कॉपी लेना होगा तभी आपके बच्चे इस विद्यालय में पढ़ सकेंगे। मजबूरन अभिभावक विद्यालय से कॉपी किताब ले रहे हैं। जो की बाजार मूल्य से कई गुना अधिक होता है। इससे अभिभावकों को काफी परेशानी हो रही है। एक कॉपी जिसका बाजार में मूल्य 10-15 रुपया है वही कॉपी स्कूल में 55 रूपए में दिया जा रहा है। इस तरह से स्कूल प्रबंधक जनता को लूटने का कार्य कर रही हैं। अतः झारखंड के शिक्षा मंत्री से यह निवेदन करते हैं, कि ऐसे स्कूलों पर अविलम्ब प्रतिबन्ध लगाया जाए।और गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार से जोड़ा जाए।

झारखंड राज्य के गिरिडीह ज़िला से शिव चरण कुमार झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वो एक समाजिक कार्यकर्त्ता हैं। गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड के प्रतापपुर पंचायत के बारे में बताते हैं की वहां पर जो स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो जो शौचालाय बनाये जा रहे हैं। उसमे मुखिया के द्वारा भारी अनियमितता एवं लूट देखने को मिल रहा है। यहां पर जितना भी शौचालाय का निर्माण कराया जा रहा है वो उन लोगो का करवाया जा रहा है जिनको उसकी जरुरत नहीं है पर जिसको जरुरत है। उन लोगो को उसका लाभ नहीं दिया जा रहा है। और उससे पैसा माँगा जाता है। इसका जांच किया जाए और जो दोषी है उन लोगो पर करवाई किया जाए।

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झारखण्ड राज्य के गिरिडीह जिला के जमुवा प्रखंड से शिवचरण कुमार वर्मा जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि जो लड़कियां झारखण्ड राज्य से पलायन कर रही हैं वो मुख्यतः अशिक्षा और बेरोजगारी के कारण हो रहा है। बेरोजगारी के वजह से इन लड़कियों की स्थिति बहुत दयनीय हो जाती है ,जिसका लाभ उठा कर दलाल इन लड़कियों को भला-फुसला कर दिल्ली ,मुंबई,कोलकाता आदि जैसे बड़े शहरों में ले जा कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से शोषण किया जाता है। इतना ही नहीं विदेशों में भी लड़कियों को भेजा जाता है।वे कहते हैं कि जहाँ सरकार को इन दलालों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए,वहीं जनता द्वारा चुने हुए ज्यादातर विधायक और एम् पी प्रशासन के साथ मिल कर मासूम लड़कियों को बाहर भेजने का काम करते हैं।सरकार महिला सशक्तिकरण के नाम पर झूठे वादे करती है। विभिन्न राजनितिक पार्टियों द्वारा महिलाओं को वोट-बैंक समझा जाता है एवं इन्हें बलगालने का कार्य किया जाता है। दुर्भाग्यवश महिलाएँ भी सरकार द्वारा कहीं गई बातों में आ जाती हैं। वर्तमान में महिलाएँ सरकार की सहायता से कई स्वयं सहायता समूह चला रही हैं ,जिसमे कर्ज का आदान -प्रदान किया जाता है।सरकार इन महिलाओं को ठगने का काम कर रही है।अत: राज्य से मानव तस्करी रोकने के लिए पहले सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा

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झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के जमुआ प्रखंड से शिव चरण कुमार वर्मा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उनके क्षेत्र में स्थित न सिर्फ सरकारी विद्यालय बल्कि निजी विद्यालयों में भी शिक्षा का स्तर काफी गिरता जा रहा है। जिससे अभिभावक काफी परेशान हैं। मजबूरन गरीब परिवार अपने बच्चों को सरकारी विद्यालय में पढ़ाते हैं, जहाँ शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है।ज्यादातर सरकारी विद्यालयों में पारा शिक्षक ही होते हैं और उनमें गुणवक्तापूर्ण शिक्षा की काफी कमी पाई जाती है। जिस कारण पारा शिक्षक बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पाते हैं।इसकी तुलना में अगर बात की जाये निजी स्कूलों की तो निजी स्कूलों में बच्चों को उचित शिक्षा प्राप्त हो जाती है।और यही वजह है कि लोग अपने बच्चों को निजी विद्यालय में भेजना चाहते हैं लेकिन यह देखा जाता है कि निजी विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं।जो एक गरीब परिवार पूरा करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। अतः यदि सरकार जमुआ प्रखंड में स्थित सरकारी स्कूलों की जाँच करें, तो कई ऐसे विद्यालय हैं, जहाँ पर शिक्षकों की उपस्थिति ना के बराबर पाई जाती है।

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