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खूंटी: तोरपा खूंटी से अमित तोपनो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रश्न पूछा है कि उन्नत विधि और श्री विधि में क्या अंतर है और कौन सा विधि को अपनाने से झारखण्ड की धरती पर अधिक लाभदायक होगा? इस पर कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि श्री विधि में धान की खेती करने से ढेर सारा फ़ायदा मिलेगा जैसे एक एकड़ जमीन में रोपाई करने के लिए सिर्फ दो किलो बीजा चाहिए जबकि उन्नत विधि या परम्परागत विधि में धान की खेती करेंगे तो लगभग 15-25 किलो बीच की आवश्यकता होगी.उन्नत विधि या परम्परागत विधि में एक ही स्थान पर तीन या इससे अधिक बिचड़ा लगाई जाती है जबकि श्री विधि में एक स्थान पर एक ही बिचड़ा लगाया जाता है.उन्नत विधि या परम्परागत विधि में 20-30 दिन का अवधि वाला पौधा लगाया जाता है.लेकिन श्री विधि में 7-10 दिन का पौधा ही लगाया जाता है. साथ ही श्री विधि में एक पौधा से 40-80 कलि निकलता है लेकिन उन्नत विधि या परम्परागत विधि 30-40 कलि ही निकट है.श्री विधि में पानी कम लगता है लेकिन उन्नत विधि या परम्परागत विधि में अधिक पानी लगता है. श्री विधि में उन्नत विधि या परम्परागत विधि की तुलना में 2-3 गुना अधिक धान होता है लगभग एक एकड़ जमीन में 80-90 मन की उपज होती है. उन्नत विधि या परम्परागत विधि 20-30 मन ही होगा. इस तरह से कोई भी विधि कर सकते हैं.

खूंटी: तोरपा खूंटी से अमित तोपनो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रश्न पूछा है कि उन्नत विधि और श्री विधि में क्या अंतर है और कौन सा विधि को अपनाने से झारखण्ड की धरती पर अधिक लाभदायक होगा? इस पर कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि श्री विधि में धान की खेती करने से ढेर सारा फ़ायदा मिलेगा जैसे एक एकड़ जमीन में रोपाई करने के लिए सिर्फ दो किलो बीजा चाहिए जबकि उन्नत विधि या परम्परागत विधि में धान की खेती करेंगे तो लगभग 15-25 किलो बीच की आवश्यकता होगी.उन्नत विधि या परम्परागत विधि में एक ही स्थान पर तीन या इससे अधिक बिचड़ा लगाई जाती है जबकि श्री विधि में एक स्थान पर एक ही बिचड़ा लगाया जाता है.उन्नत विधि या परम्परागत विधि में 20-30 दिन का अवधि वाला पौधा लगाया जाता है.लेकिन श्री विधि में 7-10 दिन का पौधा ही लगाया जाता है. साथ ही श्री विधि में एक पौधा से 40-80 कलि निकलता है लेकिन उन्नत विधि या परम्परागत विधि 30-40 कलि ही निकट है.श्री विधि में पानी कम लगता है लेकिन उन्नत विधि या परम्परागत विधि में अधिक पानी लगता है. श्री विधि में उन्नत विधि या परम्परागत विधि की तुलना में 2-3 गुना अधिक धान होता है लगभग एक एकड़ जमीन में 80-90 मन की उपज होती है. उन्नत विधि या परम्परागत विधि 20-30 मन ही होगा. इस तरह से कोई भी विधि कर सकते हैं.

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