झारखण्ड राज्य के जिला गिरिडीह प्रखंड बेंगाबाद के लक्ष्मण राम जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताना चाहते हैं कि गिरिडीह जिला के हॉस्पिटल में भ्रस्टाचार पूर्ण रूप से व्याप्त है, किसी भी मरीज का बिना पैसे के इलाज हो पाना संभव नहीं रह गया है ,हॉस्पिटल में रोज़ाना लगभग १०००मरीज आते हैं और उनका इलाज करने के लिए सिर्फ २ डॉक्टर ही उपस्थित रहते है, उनके कहने के अनुसार सरकारी हॉस्पिटल के सभी डॉक्टर अपना निजी निदानशाला खोल कर बैठे है और सरकारी हॉस्पिटल में वे समय नहीं देते है इस कारन गरीब व्यक्तियों का इलाज भी सही तरीके से नहीं हो पा रहा है, लक्ष्मण राम जी झारखण्ड के स्वास्थ मंत्री चंद्रवंशी जी से आग्रह कर रहे है की गिरिडीह के स्वास्थ्य व्यवस्था पर थोड़ा ध्यान दे और मरीजों को हो रही परेशानी का जल्द से जल्द निदान करे।

झारखण्ड राज्य के गिरिडीह ज़िला के बेंगाबाद प्रखंड से प्रवीण जी मोबाइल वाणी के माध्यम से ज़िन्दगी पर आधारित एक गीत प्रस्तुत की हैं।

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गिरिडीह के बेंगाबाद प्रखंड से निर्मल राम जी झारखंड मोबाईल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि इनके यहाँ पानी की बहुत समस्या है।जल के कारण ही आज बीमारी बढ़ गया है। लोगों को शुद्ध जल अगर नहीं मिला तो कई व्यक्ति बीमार पड़ जायेंगे।जल के कारण ही चापाकलों के पास भीड़ लगी रहती है।अगर लोगों के लिए जल का प्रबंध नहीं किया गया तो लोग बीमार पड़ जायेंगे।और सरकार की योजनायें सफल नहीं हो सकेंगी।

झारखण्ड राज्य के जिला गिरिडीह प्रखंड बेंगाबाद से श्रीमती कान्ता देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताती हैं, कि जनवितरण प्रणाली अंतर्गत राशन दुकान में डीलरों द्वारा भारी मात्रा में धांधली की जा रही है।डीलरों द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम से लाभुकों को राशन तो दिया जाता है, परन्तु 35 किलों की जगह केवल 31 किलो चावल दिया जाता है।अतः सरकार इस समस्या पर जांच कर लाभुकों को उनका हक़ दिलाने का पहल करें।

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झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के बेंगाबाद प्रखंड से निर्मल राम मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को डिजिटल सेवा के बारे में कोई जानकारी नहीं है।हालांकि पंचायत स्तर पर डिजिटलाइजेशन के माध्यम से कार्य होते देखा जाता है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के आभाव होने के कारण लोगों में डिजिटल सेवा के उपयोग के बारे में जानकारी नहीं है। यहां तक कि कुछ पढ़े-लिखे व्यक्तियों को भी इस सेवा के बारे में सही से जानकारी नहीं है। अत: वे कहते हैं कि यदि प्रशिक्षण के माध्यम से लोगो को डिजिटल सेवा के बारे में जानकारी दिया जाए, तो लोग इसका लाभ उठा पाएंगे। साथ ही गाँवों का डिजिटलीकरण हो सकेगा .