झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से जे.एम रंगीला ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बोकारो जिला चन्द्रपुरा थाना क्षेत्र के भंडारी द स्थित बिशु पहाड़ी का सड़क अबतक नहीं बन पाया। यह सड़क फूलबारी,खीरुडीह,आयरगो,लुप्साडीह,नरा,फ़तेहपुर, गुंजाडीह,मूंगों,बिरनी,तारणी आदि दर्जनों गाँवों का मुख्य सम्पर्क मार्ग है और इसी सड़क के जरिये गाँवों के निवासी फुसरो बाज़ार,चन्द्रपुरा,दुग्धा एवं बोकारो स्टील सिटी आदि स्थानों में आवागमन करते है।लेकिन विगत्त 15 वर्षो के दरमियान इस सड़क में विभिन्न विभागों से कई बार कार्य करवाया गया,परन्तु आज तक इस सड़क का सुगम तथा सौन्दर्यीकरण का कार्य नहीं हो पाया हैं।लेकिन इस सड़क के निर्माण हेतु कई ठेकेदारों ने ठेकेदारी कर अपनी पूँजी और बड़े बड़े वाहन खड़ी कर अपनी दशा बदल ली है,यदि नहीं बदली है तो इस सड़क की सुरत। झारखंड सरकार के कार्यकाल में पतरातु घाटी का सौन्दर्यीकरण पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कर लिया गया।पर क्या वजह है कि अब तक बिशु घाटी को विकसित नहीं किया जा सका।बिशु घाटी पहाड़ी में ढ़लान की वजह से अब तक दर्जनों दुर्घटना हो चुकी है और प्रायः दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस सड़क से आवागमन करने वाले लोगों के मन में दुर्घटना ग्रस्त का डर बना रहता है। विगत्त 15 वर्षों से विधायक जगरनाथ महतो इसी रास्ते से अपना आवास आना जाना किया करते हैं, परन्तु इन्होने भी सड़क के सौंदीकरण में कोई खास कार्य नहीं किया है। जिस कारण गाँव के वासियों ने बिशु घाटी पहाड़ी का सौन्दर्यीकरण करने की मांग सरकार से की हैं।
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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से निर्मल महतो मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि नावाडीह प्रखंड में मजदूरों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। हाल ही में 30 अक्टूबर को नावाडीह प्रखंड के भलमरा पंचायत के असनाटाड़ निवासी एक व्यक्ति की मृत्यु आंध्रप्रदेश में हो जाने से अभी भी गाँव में मातम छाया हुआ है। नावाडीह प्रखंड में कुल 24 पंचायत है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि किसी भी पंचायत में एक भी छोटे या बड़े कल कारखाने का निर्माण नहीं किया गया है। जिस कारण रोजगार की तलाश में लोग हरियाणा,पंजाब,गुजरात,बंगाल,मुम्बई एवं दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कठिन से कठिन कार्य करने पर मजबूर हैं। कठिन काम करने के कारण इस वर्ष प्रखंड के लगभग 7 युवकों की मृत्यु हो चुकी है। अतः सरकार से यह अनुरोध है कि हर पंचायत एक कारखाने का निर्माण किया जाए ताकि लोगों को अपने गांव को छोड़ एक जगह से दूसरे जगह में जा कर काम की तलाश ना करना पड़े।
आदर्श ग्राम विकास सेवा समिति के सचिव स्वास्थ्य शर्मा से बातचीत
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झारखंड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से निर्मल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गुंजरडीह पंचायत स्थित बड़की बेड़ा में बने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा ग्रामीणों को पेयजल के लिए बनाए गए पानी टंकी लगभग 1 वर्ष से बेकार पड़ा हुआ है। यह पंचायत एक आदिवासी बहुल क्षेत्र में आता है और यहाँ लगभग 200 लोग निवास करते हैं। पानी की कमी के कारण लोगों को दूर दराज में जा कर पानी लाना पड़ता है। कई ग्रामीणों का कहना है कि गांव में मात्र एक चापाकल बना हुआ जिससे लोगों को थोड़ा बहुत पानी मिल पाता है। वहीँ वार्ड सदस्य मोतीलाल सौरेन ने बताया कि गांव में लगे 4 चापाकल में से मात्र दो चल रहे हैं बाकी खराब पड़ा हुआ। जबकि कई बार इसकी शिकायत नावाडीह बीडीओ एवं संबंधित अधिकारियों मौखिक एवं लिखित रूप से भी की गई है। लेकिन शिकायत पर एक बार भी अधिकारियों ने अपनी नजर नहीं डाली। इस क्षेत्र में सीसीएल के द्वारा निःशुल्क बिजली, पानी एवं फण्ड का पैसा दिया जाता है। लेकिन लोगों को सुविधाओं से कोशों दूर रखा जा रहा है।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से निर्मल महतो एनीमिया से बचने के पाँच उपाए अब मेरी बारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है पहला है-रेड मीट,अंडा का सेवन करे दूसरा है-हरी सब्जियों के साथ मक्का तथा दलों का सेवन करें तीसरा है-फलों का सेवन करें चौथा है-चाय का सेवन करते समाये चाय की चुस्कियां ले क्र न पियें और पाँचवाँ है-बिना डॉक्टर की सलाह के आयरन की गोलियों का सेवन बिलकुल नहीं करें
झारखंड राज्य के बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रखंड से निर्मल महतो ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि नावाडीह प्रखंड अंतर्गत आने वाले चपरी पंचायत के बरडगवा टोला एक आदिवासी बहुल गांव हैं। इस गांव के ग्रामीण शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। यहाँ के ग्रामीण महिलाएँ दूरदराज़ से पानी की व्यवस्था करती हैं। शुद्ध पानी का इतना अभाव है कि ग्रामीण चुआ और जोरिया के पानी पीने को विवश हैं।जंगल क्षेत्रों में जाकर पानी तलाशना ख़तरों में पैर डालने के बराबर है। वहाँ रेंगने वाले जीव जंतु का ख़तरा हर एक पल बना रहता है।यहाँ तक की गंदे पानी के सेवन से कई गंभीर बीमारी होने का ख़तरा ग्रामीणों पर मंडरा रहा है। राज्य सरकार आदिवासियों के लिए करोड़ों रूपए खर्च करती हैं परंतु आजतक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी, ग्रामीणों की दुर्दशा देखने उनके क्षेत्र पर क़दम तक नहीं रखा है।यहाँ तक की पंचायत के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या पर ध्यान आकर्षित नहीं कर रहे हैं।ग्रामीणों द्वारा लिखित रूप से आवेदन देकर भी प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया पर सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई।
झारखण्ड राज्य के बोकारो ज़िला के नावाडीह प्रखंड से ज्योति कुमारी ने झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अब मेरी बारी कार्यक्रम के तहत उन्हें टिपि टिप दीदी के द्वारा एनीमिया से बचने के उपाय एवं माहवारी के दौरान रखने वाले स्वच्छता की जानकारी मिली ,जो की उन्हें बहुत अच्छी लगी ।
झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से कुमारी प्रियंका अब मेरी बाई मोबाइल वाणी के अध्यात्म से बता रही है की अब मेरी बारी में चल रहे कार्यक्रम से बहुत सारी जानकारियाँ मिलती है साथ ही कहा कि डीपीसी दीदी के द्वारा महावरी एवं एनीमिया से बचने के उपाए सुन क्र बहुत अच्छा लगा