झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के कसमार प्रखंड से कमलेश जयसवाल मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बोकारो मोबाइल वाणी में एक ख़बर प्रसारित की गई थी जिसमें बोकारो स्थित जितने भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध हैं ,उनकी दुर्दशा का पूरा विवरण दिया गया था। इस ख़बर को लेकर विधायक जोगेंदर प्रसाद महतो ने दिनांक 11-08-2017 को तारांकित प्रश्न संख्या 5 द्वारा कसमार प्रखंड में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 1 ,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 1 एवं उपस्वास्थ्य केंद्र की संख्या 9 सहित गोमिया पेटरवार प्रखंड में स्वास्थ्य केंद्र की संख्या 51 को विधानसभा में स्वीकार किया गया। विधानसभा ने यह भी स्वीकार किया कि 51 स्वास्थ्य केंद्र में मात्र 16 ही स्वास्थ्य चिकित्सक पदास्थापित हैं।कहा गया कि तीनों प्रखंडों में आवश्यकता के अनुसार चिकित्सकों को नियुक्त किया जाएगा। परन्तु आज भी चिकित्सकों के अभाव में कसमार प्रखंड के कई स्वास्थ्य केंद्रों पर ताला लटका पड़ा हैं। सुदूरवर्ती क्षेत्र में भी दवाइयों व जरूरी समान एवं सुविधा का अभाव रहता है। एक चिकित्सक जो 10 वर्षो से कसमार प्रखंड में पदस्थापित हैं। चिकित्सा वाहन की भी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि कसमार प्रखंड में 15 पंचायत और 11 अस्पताल हैं। सबसे ज़्यादा जरूरत मैन पावर की हैं। साथ ही दवाइयां व अस्पताल में इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी समान की उपलब्धता की आवश्यता हैं।

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झारखण्ड राज्य से जे.एम रंगीला की बातचीत झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से अनंत कुमार पाण्डेय जी से हुई जो एक शिक्षक हैं। बातचीत के दौरान अनंत जी ने बताया कि उनके क्षेत्र में उच्च शिक्षा की व्यवस्था अच्छी नहीं हैं। क्षेत्र के सरकारी विद्यालय में शिक्षक की कमी हैं जिस कारण पारा शिक्षक ही बच्चो को पढ़ा रहे हैं। प्रशिक्षित शिक्षक नहीं रहने से विद्यार्थियों तक शिक्षा का मूल ज्ञान नहीं पहुँच पाता हैं। गैर सरकारी विद्यालय में प्रशिक्षित शिक्षक को मेहनत के अनुसार मान्यता नहीं मिलता। इस कारण शिक्षक सरकारी स्कूल में पंजीकरण कर लेते हैं। शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थी को सही दिशा निर्देश नहीं मिल पाता हैं। अभिभावकों के मज़बूरी से शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा हैं। उच्च शिक्षा में सुधार के लिए समाज को आगे आने की आवश्यकता हैं। शिक्षा समिति को इस समस्या पर खासा ध्यान देने की आवश्यकता हैं।विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्त करना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को मूल ज्ञान प्राप्त हो सके। उच्च शिक्षा सम्बन्धी संसाधनों को भी प्रयोग में लाना चाहिए जिससे विद्यार्थियों को लाभ मिले। अंग्रेजी को छोड़ कर मातृ भाषा को महत्व दिया जाना चाहिए। झारखण्ड ख़निज से भरा पूरा हैं। अगर तकनिकी शिक्षा उपलब्ध करवाया जाता तो लाभकारी साबित होगा परन्तु देखा जाता हैं कि महँगी शिक्षा के कारण ग़रीब तबके के विद्यार्थी तकनिकी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं।

झारखण्ड राज्य के जिला बोकारो प्रखंड नावाडीह से जे.एम.रागीला झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिलिप महतो का साक्षात्कार लेते हुए वे कहते है, कि हर माँ बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर डॉक्टर,इंजीनियर या कोई अधिकारी बने। बोकारो एक औद्योगिक जिला है लेकिन इस क्षेत्र में उच्च शिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण विद्यार्थियो को दूसरे शहर जाना पड़ता है। वे सरकार से आग्रह करते है कि बेरमो, बोकारो क्षेत्र में भी उच्च शिक्षण उपलब्ध कराई जाए।

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झारखंड राज्य के जिला बोकारो के प्रखंड नावाडीह से जे एम रंगीला जी मोबाइल वाणी के माध्यम से मोबाइल वाणी पर प्रसारित खबर का हुआ असर के बारे में बताते है, कि बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड के सदर गांव में अविभाजित बिहार से 1960 में किसानो से भूमि अधिग्रहित कर 25 एकड़ क्षेत्र में बीज गुणन प्रक्षेत्र स्थापित किया गया था। उस भूमि में आज की तारीख में कई लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्ज़ा कर मकान,दुकान तथा झामुमों का कार्यालय खोल दिया गया। इस संबंध में 10-03-2019 को "औचित्य से भटक कर रह गया है बीज गुणन प्रक्षेत्र" शीर्षक के साथ खबर प्रसारित किया गया। ततपश्चात इस खबर को झारखंड के कृषि मंत्री,मुख्य मंत्री सहित तमाम अधिकारी तक पहुंचाया गया। इस खबर का इतना व्यापक असर हुआ की अंचलाधिकारी अंगारनाथ स्वर्णकार ने झामुमों कार्यालय से झंडा को उतरवाया, दीवारों में लिखे नारा स्लोगन को मिटाया और कहा कि उक्त भूमि का कागजात पेश करें तभी कार्यालय खोलने की इजाजत दी जाएगी। ये हैं बोकारो मोबाइल वाणी में प्रसारित खबर का असर।

पलाश के फूलों से बनता है कुदरती रंग

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला के नावाडीह प्रखंड से सुमंत कुमार मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं, कि दिनांक 9 मार्च 2019 को बोकारो मोबाइल वाणी पर दीपक तले अँधेरा शीर्षक के साथ खबर प्रसारित किया गया था। खबर प्रसारित होने के बाद व्यापक रूप से विधायक,मुखिया,प्रमुख एवं संबंधित विभाग के पास फॉरवर्ड किया गया। इस खबर के मात्र तीन दिन बाद ही पहल कर विधायक जगरनाथ महतो द्वारा गांव में ट्रांसफार्मर गाँव के टोला में दिया गया।

झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला से जे.एम.रंगीला जी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि पूर्व मध्य रेलवे के गोमो बरकाकाना रेलखंड में रेलवे सुरक्षा बलो के जवान ड्यूटी आवंटन के लिए लगे रहते है। इस रेलखंड पर चलने वाली सभी गाड़ियों में कोयला लोहा आदि की तस्करी आम बात है, सभी स्टेशनो पर भरपूर मात्रा में कोयले की बोरिया लादी जाती है, और रेलवे सुरक्षाबलों के जवान सुरक्षा के बजाय कोयला लोहा के तस्करो से वसूली में लगी रहती है, वही कोयले की तस्करी गया, जहानाबाद, पलामू, जपला तक इन सवारी गाड़ियों में होती है और कोयले की तस्करी में आर.पी.एफ. , जी.आर.पि.ऍफ़. का खुला समर्थन है क्योंकि इन्हे बंधी बँधायी रकम मिलती है, यही कारण है की कोयले की तस्करी करने वालो का हौसला आसमान पर रहता है रहता है।