जब शिविर में अड़सठ युवाओं का चयन किया गया, जब निजी क्षेत्र की कंपनी ने जिला योजना कार्यालय सभागार में शिविर का आयोजन किया, तो एक सौ आठ मैट्रिक और इंटर पास युवाओं का भी संसाधन व्यक्ति के पद पर नियुक्ति के लिए चयन किया गया।

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

भारत में हर पाँच मिनट पर घरेलू हिंसा की एक घटना रिपोर्ट की जाती है। नेशनल फैमिली हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार सख्त घरेलू हिंसा कानून- 2005 होने के बावजूद देश में हर तीन महिलाओं में से एक महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 79.4% महिलाएं कभी अपने पति के जुल्मों की शिकायत ही नहीं करती। दोस्तों, हर रोज महिलाओं के खिलाफ जुर्म बढ़ रहे हैं , क्या अब हमारी संस्कृति को ठेस नहीं पहुंच रही , जिस पर इतने डींगे हाँकते है ? समाज में उत्पीड़न, शोषण और हिंसा का निरंतर बढ़ता ग्राफ अब बढ़ता ही जा रहा है। और जिस पर हमें अपनी चुप्पी तोड़नी ही होगी। हमें इस मुद्दे पर अपनी आवाज़ उठानी ही होगी।

जन विश्वास यात्रा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने स्पोर्ट्स क्लब मैदान में जनसभा को किया संबोधित जन विश्वास यात्रा के दूसरे दिन बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मोतिहारी के स्पोर्ट्स क्लब मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार के 17 महीने की उपलब्धियां एनडीए शासन के 17 साल से ज्यादा है। उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनायीं और जनसभा में लोगों से 2024 के लोकसभा चुनाव व 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए विश्वास जताने की अपील की। तेजस्वी ने कहा कि एक बार वोट से पांच साल के लिए सरकार बनती है लेकिन चाचा ने साढ़े तीन साल में तीन बार शपथ ले लिया। पाला बदलकर वे अब तक नौ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। उन्होंने कहा किया 17 माह की सरकार में पांच लाख युवाओं को नौकरी दी। अब सब नौकरी देने की बात कर रहे हैं। जब हम डिप्टी सीएम रहते 5 लाख नौकरी दे सकते हैं तो मौका मिलेगा तो बेरोजगारों के दुख दर्द को दूर करने का काम करेंगे। जब हम दस लाख नौकरी देने की बात करते थे, तो चाचा कहते थे पैसा कहां से लाएगा। आखिर हमने उनके ही हाथों से नियुक्ति पत्र बंटवाने का काम किया। साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिलवाया। स्वास्थ्य विभाग में 1.30 लाख बहाली होने वाली है। जिन-जिन विभागों में पद खाली थे, हमने उसका डाटा तैयार कर बहाली की प्रक्रिया शुरू कराई। पत्ता नही अब यह सरकार उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी या बंद कर देगी।टोला सेवक, विकास मित्र, आंगनबाड़ी व ममता , जीविका दीदी आदि का मानदेय बढ़ाया।

सुनिए जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए पतोत्री वैद्य जी को, जिनका कहना है युवाओं की सोच में एक नई उम्मीद और दृष्टिकोण है जो समाज में जेंडर के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए सक्रिय रूप से उतर रहा है। युवा समझते हैं कि जेंडर परिवर्तन का मतलब सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि सोच और आदतों में भी बदलाव लाना है।अब आप हमें बताएं कि जेंडर आधारित हिंसा के खिलाफ आप क्या सोच रहे हैं और इसे खत्म करने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं? अपने विचार और सुझाव हमें बताएं अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर

आदापुर स्थानीय थाना क्षेत्र के कटकेनवा गांव की सरेह से पेड़ से लटके एक युवक का शव पुलिस ने बरामद किया है। रविवार की सुबह शौच के लिए निकले ग्रामीणों ने एक पेड़ से लटका हुआ एक युवक का शव देखा। इसकी सूचना लोगों ने सबसे पहले दरपा पुलिस को दी।

-कल्याणपुर में प्रखंड के डाटा ऑपरेटर को गोली मार लूट व अन्य लूट मामले में शामिल नौ युवकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार  - जिसमें चार नाबालिग है -बदमाशों से पिस्टल, कारतूस, मादक पदार्थ, लूट के सेलफोन, टैब आदि किया गया बरामद

यूनेस्को की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 1.10 लाख ऐसे स्कूल हैं जो केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इसके अलावा देश भर में शिक्षकों के लगभग 11.16 लाख पद खाली हैं और उसमें से भी तक़रीबन 70 फीसदी पद गांव के इलाके के स्कूलों में हैं। है ना मज़ेदार बात। जो गाँव देश की आत्मा है , जिसके लिए सभी सरकारें खूब बड़ी बड़ी बातें बोलती रहती है। कभी किसान को अन्नदाता , भाग्य विधाता, तो कभी भगवान तक बना देती है। उसी किसान के बच्चों के पढ़ने के लिए वो स्कूलों में सही से शिक्षक नहीं दे पाती है। जिन स्कूलों में शिक्षक है वहाँ की शिक्षा की हालत काफी बदहाल है. माध्यमिक से ऊपर के ज्यादातर स्कूलों में संबंधित विषयों के शिक्षक नहीं हैं. नतीजतन भूगोल के शिक्षक को विज्ञान और विज्ञान के शिक्षक को गणित पढ़ाना पड़ता है. ऐसे में इन बच्चों के ज्ञान और भविष्य की कल्पना करना मुश्किल नहीं है. लोग अपनी नौकरी के लिए तो आवाज़ उठा रहे है। लेकिन आप कब अपने बच्चो की शिक्षा के लिए आवाज़ उठाएंगे और अपने जन प्रतिनिधियों से पूछेंगे कि कहाँ है हमारे बच्चो के शिक्षक? खैर, तब तक, आप हमें बताइए कि ------आपके गाँव या क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में कितने शिक्षक और शिक्षिका पढ़ाने आते है ? ------ क्या आपने क्षेत्र या गाँव के स्कूल में हर विषय के शिक्षक पढ़ाने आते है ? अगर नहीं , तो आप अपने बच्चों की उस विषय की शिक्षा कैसे पूरी करवाते है ? ------साथ ही शिक्षा के मसले पर आपको किससे सवाल पूछने चाहिए ? और इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है , ताकि हमारे देश का भविष्य आगे बढे।

दोस्तों, दुनिया भर में काम के घंटे घटाए जाने की मांग बढ़ जा रही है, दूसरी तरफ भारत काम के घंटों को बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है। भारत में ज्यादातर संस्थान छ दिन काम के आधार पर चलते हैं, जिनमें औसतन 8-9 घंटे काम होता है, उस हिसाब से यहां औसतन पैंतालिस घंटे काम किया जाता है। जबकि दुनिया की बाकी देशों में काम के घंटे कम हैं, युरोपीय देशों में फ्रांस में औसतन 35 घंटे काम किया जाता है, ऑस्ट्रेलिया में 38 घंटे औसतन साढ़े सात घंटे काम किया जाता है, अमेरिका में 40 घंटे, ब्रिटेन में 48 घंटे और सबसे कम नीदरलैंड में 29 घंटे काम किया जाता है। दोस्तों, बढ़े हुए काम घंटों की सलाह देना आखिर किस सोच को बताता है, जबकि कर्मचारियों के काम से बढ़े कंपनी के मुनाफे में उसका हक न के बराबर या फिर बिल्कुल नहीं है? ऐसे में हर बात पर देशहित को लाना और उसके नाम पर ज्यादा काम की सलाह देना कितना वाजिब है? इस मसले पर अपना राय को मोबाईल वाणी पर रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आप भले ही मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में, इसे रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन

-हरसिद्धि के मुरारपुर स्थित बाशीरखा में डूबने से एक युवक की मौत। -कल से घर से गायब था युवक। -मृतक युवक हरपुर राय के साहेबजान -मिया का था पुत्र